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Deutsch 20-Spruche 029(Schl2000)

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1

Spruche 29,1

Ein Mann, der allen Warnungen trotzt, geht plötzlich unheilbar zugrunde.

--- Mann, --- ----- Warnungen ------- ---- plötzlich --------- ---------

--- ----- der ----- --------- ------- ---- plötzlich --------- ---------

Spruche 29,1


2

Spruche 29,2

Wenn die Gerechten sich mehren, freut sich das Volk; wenn aber ein Gottloser herrscht, seufzt es.

---- die --------- ---- mehren, ----- ---- das ----- ---- aber --- --------- herrscht, ------ ---

---- --- Gerechten ---- ------- ----- ---- das ----- ---- ---- --- Gottloser --------- ------ ---

Spruche 29,2


3

Spruche 29,3

Wer Weisheit liebt, macht seinem Vater Freude; wer aber mit Huren geht, bringt sein Vermögen durch.

--- Weisheit ------ ----- seinem ----- ------- wer ---- --- Huren ----- ------ sein --------- ------

--- -------- liebt, ----- ------ ----- ------- wer ---- --- ----- ----- bringt ---- --------- ------

Spruche 29,3


4

Spruche 29,4

Durch Recht gibt ein König dem Land Bestand, aber ein Mann, der viele Abgaben erhebt, richtet es zugrunde.

----- Recht ---- --- König --- ---- Bestand, ---- --- Mann, --- ----- Abgaben ------- ------- es ---------

----- ----- gibt --- ------ --- ---- Bestand, ---- --- ----- --- viele ------- ------- ------- -- zugrunde.

Spruche 29,4


5

Spruche 29,5

Wer seinem Nächsten schmeichelt, der stellt seinen Füßen ein Netz.

--- seinem --------- ------------ der ------ ------ Füßen --- -----

--- ------ Nächsten ------------ --- ------ ------ Füßen --- -----

Spruche 29,5


6

Spruche 29,6

In der öœbertretung des Bösewichts ist ein Fallstrick, aber der Gerechte wird jauchzen und frohlocken.

-- der -------------- --- Bösewichts --- --- Fallstrick, ---- --- Gerechte ---- -------- und -----------

-- --- öœbertretung --- ----------- --- --- Fallstrick, ---- --- -------- ---- jauchzen --- -----------

Spruche 29,6


7

Spruche 29,7

Der Gerechte berücksichtigt das Recht der Armen, der Gottlose aber ist rücksichtslos.

--- Gerechte --------------- --- Recht --- ------ der -------- ---- ist ---------------

--- -------- berücksichtigt --- ----- --- ------ der -------- ---- --- ---------------

Spruche 29,7


8

Spruche 29,8

Spötter versetzen eine Stadt in Aufruhr, die Weisen aber wenden den Zorn ab.

-------- versetzen ---- ----- in -------- --- Weisen ---- ------ den ---- ---

-------- --------- eine ----- -- -------- --- Weisen ---- ------ --- ---- ab.

Spruche 29,8


9

Spruche 29,9

Wenn ein Weiser mit einem Toren rechtet, so tobt dieser oder lacht, aber es gibt keine Ruhe.

---- ein ------ --- einem ----- -------- so ---- ------ oder ------ ---- es ---- ----- Ruhe.

---- --- Weiser --- ----- ----- -------- so ---- ------ ---- ------ aber -- ---- ----- -----

Spruche 29,9


10

Spruche 29,10

Die Blutgierigen hassen den Unsträflichen, aber die Aufrichtigen kümmern sich um seine Seele.

--- Blutgierigen ------ --- Unsträflichen, ---- --- Aufrichtigen -------- ---- um ----- ------

--- ------------ hassen --- --------------- ---- --- Aufrichtigen -------- ---- -- ----- Seele.

Spruche 29,10


11

Spruche 29,11

Ein Tor lässt all seinem Unmut freien Lauf, aber ein Weiser hält ihn zurück.

--- Tor ------ --- seinem ----- ------ Lauf, ---- --- Weiser ----- --- zurück.

--- --- lässt --- ------ ----- ------ Lauf, ---- --- ------ ----- ihn --------

Spruche 29,11


12

Spruche 29,12

Wenn ein Fürst auf Lügenworte achtet, so werden alle seine Diener gottlos.

---- ein ------ --- Lügenworte ------- -- werden ---- ----- Diener --------

---- --- Fürst --- ----------- ------- -- werden ---- ----- ------ --------

Spruche 29,12


13

Spruche 29,13

Der Arme und der Unterdrücker treffen einander; der HERR gibt ihnen beiden das Augenlicht.

--- Arme --- --- Unterdrücker ------- --------- der ---- ---- ihnen ------ --- Augenlicht.

--- ---- und --- ------------- ------- --------- der ---- ---- ----- ------ das -----------

Spruche 29,13


14

Spruche 29,14

Ein König, der die Geringen treulich richtet, dessen Thron wird beständig sein.

--- König, --- --- Geringen -------- -------- dessen ----- ---- beständig -----

--- ------- der --- -------- -------- -------- dessen ----- ---- ---------- -----

Spruche 29,14


15

Spruche 29,15

Rute und Zucht verleihen Weisheit, aber ein sich selbst überlassener Knabe bereitet seiner Mutter Schande.

---- und ----- --------- Weisheit, ---- --- sich ------ ------------- Knabe -------- ------ Mutter --------

---- --- Zucht --------- --------- ---- --- sich ------ ------------- ----- -------- seiner ------ --------

Spruche 29,15


16

Spruche 29,16

Wo sich die Gottlosen mehren, da mehren sich die Sünden; aber die Gerechten werden ihrem Fall zusehen.

-- sich --- --------- mehren, -- ------ sich --- -------- aber --- --------- werden ----- ---- zusehen.

-- ---- die --------- ------- -- ------ sich --- -------- ---- --- Gerechten ------ ----- ---- --------

Spruche 29,16


17

Spruche 29,17

Züchtige deinen Sohn, so wird er dir Erquickung verschaffen und deiner Seele Wonne bereiten.

--------- deinen ----- -- wird -- --- Erquickung ----------- --- deiner ----- ----- bereiten.

--------- ------ Sohn, -- ---- -- --- Erquickung ----------- --- ------ ----- Wonne ---------

Spruche 29,17


18

Spruche 29,18

Wo keine Offenbarung ist, wird das Volk zügellos, aber wohl ihm, wenn es das Gesetz bewahrt!

-- keine ----------- ---- wird --- ---- zügellos, ---- ---- ihm, ---- -- das ------ --------

-- ----- Offenbarung ---- ---- --- ---- zügellos, ---- ---- ---- ---- es --- ------ --------

Spruche 29,18


19

Spruche 29,19

Mit bloßen Worten erzieht man sich keinen Knecht, denn wenn er sie auch versteht, so beugt er sich doch nicht darunter.

--- bloßen ------ ------- man ---- ------ Knecht, ---- ---- er --- ---- versteht, -- ----- er ---- ---- nicht ---------

--- ------- Worten ------- --- ---- ------ Knecht, ---- ---- -- --- auch --------- -- ----- -- sich ---- ----- ---------

Spruche 29,19


20

Spruche 29,20

Siehst du einen Mann, der übereilte Worte spricht, so kannst du für einen Toren mehr Hoffnung haben als für ihn.

------ du ----- ----- der ---------- ----- spricht, -- ------ du ---- ----- Toren ---- -------- haben --- ---- ihn.

------ -- einen ----- --- ---------- ----- spricht, -- ------ -- ---- einen ----- ---- -------- ----- als ---- ----

Spruche 29,20


21

Spruche 29,21

Wenn einer seinen Knecht von Jugend auf verwöhnt, so will der schließlich Sohn im Haus sein.

---- einer ------ ------ von ------ --- verwöhnt, -- ---- der ------------ ---- im ---- -----

---- ----- seinen ------ --- ------ --- verwöhnt, -- ---- --- ------------ Sohn -- ---- -----

Spruche 29,21


22

Spruche 29,22

Ein zorniger Mann richtet Streit an und ein hitziger viel Sünde.

--- zorniger ---- ------- Streit -- --- ein -------- ---- Sünde.

--- -------- Mann ------- ------ -- --- ein -------- ---- -------

Spruche 29,22


23

Spruche 29,23

Der Hochmut des Menschen erniedrigt ihn, aber ein Demütiger erlangt Ehre.

--- Hochmut --- -------- erniedrigt ---- ---- ein ---------- ------- Ehre.

--- ------- des -------- ---------- ---- ---- ein ---------- ------- -----

Spruche 29,23


24

Spruche 29,24

Wer mit Dieben teilt, der hasst seine Seele; er hört die Verfluchung und zeigt es nicht an.

--- mit ------ ------ der ----- ----- Seele; -- ----- die ----------- --- zeigt -- ----- an.

--- --- Dieben ------ --- ----- ----- Seele; -- ----- --- ----------- und ----- -- ----- ---

Spruche 29,24


25

Spruche 29,25

Menschenfurcht ist ein Fallstrick; wer aber auf den HERRN vertraut, der ist geborgen.

-------------- ist --- ----------- wer ---- --- den ----- --------- der --- ---------

-------------- --- ein ----------- --- ---- --- den ----- --------- --- --- geborgen.

Spruche 29,25


26

Spruche 29,26

Viele suchen das Angesicht eines Fürsten, aber von dem HERRN kommt das Recht eines jeden.

----- suchen --- --------- eines --------- ---- von --- ----- kommt --- ----- eines ------

----- ------ das --------- ----- --------- ---- von --- ----- ----- --- Recht ----- ------

Spruche 29,26


27

Spruche 29,27

Ein verkehrter Mensch ist den Gerechten ein Gräuel; wer aber richtig wandelt, ist ein Gräuel für die Gottlosen.

--- verkehrter ------ --- den --------- --- Gräuel; --- ---- richtig -------- --- ein ------- ---- die ----------

--- ---------- Mensch --- --- --------- --- Gräuel; --- ---- ------- -------- ist --- ------- ---- --- Gottlosen.

Spruche 29,27