Deutsch 24-Jeremia 014(Schl2000)
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1 | Jeremia 14,1 | Das Wort des HERRN, das an Jeremia erging betreffs der Dürre: | --- Wort --- ------ das -- ------- erging -------- --- Dürre: | --- ---- des ------ --- -- ------- erging -------- --- ------- | Jeremia 14,1 |
2 | Jeremia 14,2 | Juda trauert, und seine Tore stehen kläglich da; sie liegen betrübt am Boden, und das Geschrei Jerusalems steigt empor. | ---- trauert, --- ----- Tore ------ --------- da; --- ------ betrübt -- ------ und --- -------- Jerusalems ------ ------ | ---- -------- und ----- ---- ------ --------- da; --- ------ -------- -- Boden, --- --- -------- ---------- steigt ------ | Jeremia 14,2 |
3 | Jeremia 14,3 | Ihre Mächtigen schicken ihre Geringen, um Wasser zu holen; aber wenn sie zu den Zisternen kommen, finden sie kein Wasser, sondern bringen ihre Gefäße leer heim. Schamrot und zuschanden geworden, verhüllen sie ihre Häupter. | ---- Mächtigen -------- ---- Geringen, -- ------ zu ------ ---- wenn --- -- den --------- ------- finden --- ---- Wasser, ------- ------- ihre -------- ---- heim. -------- --- zuschanden --------- ---------- sie ---- --------- | ---- ---------- schicken ---- --------- -- ------ zu ------ ---- ---- --- zu --- --------- ------- ------ sie ---- ------- ------- ------- ihre -------- ---- ----- -------- und ---------- --------- ---------- --- ihre --------- | Jeremia 14,3 |
4 | Jeremia 14,4 | Wegen des Erdreichs, das zerrissen ist, weil kein Regen auf die Erde fällt, sehen sich die Bauern in ihrer Hoffnung getäuscht und verhüllen ihre Häupter. | ----- des ---------- --- zerrissen ---- ---- kein ----- --- die ---- ------- sehen ---- --- Bauern -- ----- Hoffnung ---------- --- verhüllen ---- --------- | ----- --- Erdreichs, --- --------- ---- ---- kein ----- --- --- ---- fällt, ----- ---- --- ------ in ----- -------- ---------- --- verhüllen ---- --------- | Jeremia 14,4 |
5 | Jeremia 14,5 | Die Hindin im Feld verlässt das Junge, das sie geboren hat, denn es gibt kein Gras. | --- Hindin -- ---- verlässt --- ------ das --- ------- hat, ---- -- gibt ---- ----- | --- ------ im ---- --------- --- ------ das --- ------- ---- ---- es ---- ---- ----- | Jeremia 14,5 |
6 | Jeremia 14,6 | Die Wildesel stehen auf den kahlen Höhen und schnappen nach Luft wie die Schakale; ihre Augen verschmachten, weil nichts Grünes wächst. | --- Wildesel ------ --- den ------ ------ und --------- ---- Luft --- --- Schakale; ---- ----- verschmachten, ---- ------ Grünes -------- | --- -------- stehen --- --- ------ ------ und --------- ---- ---- --- die --------- ---- ----- -------------- weil ------ ------- -------- | Jeremia 14,6 |
7 | Jeremia 14,7 | Wenn unsere Missetaten gegen uns zeugen, so handle du, o HERR, um deines Namens willen; denn unsere Abweichungen sind zahlreich, an dir haben wir gesündigt! | ---- unsere ---------- ----- uns ------- -- handle --- - HERR, -- ------ Namens ------- ---- unsere ------------ ---- zahlreich, -- --- haben --- ----------- | ---- ------ Missetaten ----- --- ------- -- handle --- - ----- -- deines ------ ------- ---- ------ Abweichungen ---- ---------- -- --- haben --- ----------- | Jeremia 14,7 |
8 | Jeremia 14,8 | Du Hoffnung Israels, der du sein Retter bist zur Zeit der Not: Warum willst du sein wie ein Fremdling im Land und wie ein Wanderer, der nur zum öœbernachten sein Zelt aufschlägt? | -- Hoffnung -------- --- du ---- ------ bist --- ---- der ---- ----- willst -- ---- wie --- --------- im ---- --- wie --- --------- der --- --- öœbernachten ---- ---- aufschlägt? | -- -------- Israels, --- -- ---- ------ bist --- ---- --- ---- Warum ------ -- ---- --- ein --------- -- ---- --- wie --- --------- --- --- zum -------------- ---- ---- ------------ | Jeremia 14,8 |
9 | Jeremia 14,9 | Warum willst du sein wie ein erschrockener Mann, wie ein Kriegsheld, der nicht retten kann? Du bist doch, o HERR, in unserer Mitte, und wir tragen deinen Namen; verlass uns nicht! | ----- willst -- ---- wie --- ------------- Mann, --- --- Kriegsheld, --- ----- retten ----- -- bist ----- - HERR, -- ------- Mitte, --- --- tragen ------ ------ verlass --- ------ | ----- ------ du ---- --- --- ------------- Mann, --- --- ----------- --- nicht ------ ----- -- ---- doch, - ----- -- ------- Mitte, --- --- ------ ------ Namen; ------- --- ------ | Jeremia 14,9 |
10 | Jeremia 14,10 | So spricht der HERR von diesem Volk: So liebten sie es, umherzuschweifen; sie schonten ihre Füße nicht, deswegen hat der HERR kein Wohlgefallen an ihnen. Jetzt aber gedenkt er an ihre Missetat und wird ihre Sünde heimsuchen! | -- spricht --- ---- von ------ ----- So ------- --- es, ----------------- --- schonten ---- ------ nicht, -------- --- der ---- ---- Wohlgefallen -- ------ Jetzt ---- ------- er -- ---- Missetat --- ---- ihre ------ ----------- | -- ------- der ---- --- ------ ----- So ------- --- --- ----------------- sie -------- ---- ------ ------ deswegen --- --- ---- ---- Wohlgefallen -- ------ ----- ---- gedenkt -- -- ---- -------- und ---- ---- ------ ----------- | Jeremia 14,10 |
11 | Jeremia 14,11 | Und der HERR sprach zu mir: Du sollst für dieses Volk nicht bitten, dass es ihm gut gehe! | --- der ---- ------ zu ---- -- sollst ---- ------ Volk ----- ------- dass -- --- gut ----- | --- --- HERR ------ -- ---- -- sollst ---- ------ ---- ----- bitten, ---- -- --- --- gehe! | Jeremia 14,11 |
12 | Jeremia 14,12 | Denn wenn sie auch fasten, so höre ich doch nicht auf ihr Flehen; und auch wenn sie Brandopfer und Speisopfer darbringen, so habe ich kein Wohlgefallen daran; sondern mit dem Schwert, mit Hunger und mit der Pest will ich sie aufreiben! | ---- wenn --- ---- fasten, -- ----- ich ---- ----- auf --- ------- und ---- ---- sie ---------- --- Speisopfer ----------- -- habe --- ---- Wohlgefallen ------ ------- mit --- -------- mit ------ --- mit --- ---- will --- --- aufreiben! | ---- ---- sie ---- ------- -- ----- ich ---- ----- --- --- Flehen; --- ---- ---- --- Brandopfer --- ---------- ----------- -- habe --- ---- ------------ ------ sondern --- --- -------- --- Hunger --- --- --- ---- will --- --- ---------- | Jeremia 14,12 |
13 | Jeremia 14,13 | Da antwortete ich: Ach, Herr, HERR! Siehe, die Propheten sagen ihnen: »Ihr werdet kein Schwert sehen und keinen Hunger leiden, sondern ich werde euch an diesem Ort beständigen Frieden geben!« | -- antwortete ---- ---- Herr, ----- ------ die --------- ----- ihnen: ----- ------ kein ------- ----- und ------ ------ leiden, ------- --- werde ---- -- diesem --- ------------ Frieden -------- | -- ---------- ich: ---- ----- ----- ------ die --------- ----- ------ ----- werdet ---- ------- ----- --- keinen ------ ------- ------- --- werde ---- -- ------ --- beständigen ------- -------- | Jeremia 14,13 |
14 | Jeremia 14,14 | Da sprach der HERR zu mir: Diese Propheten weissagen Lüge in meinem Namen; ich habe sie nicht gesandt, ihnen nichts befohlen und nichts zu ihnen geredet; sie weissagen euch Lügengesichte und Wahrsagerei, Hirngespinste und Einbildungen ihres eigenen Herzens! | -- sprach --- ---- zu ---- ----- Propheten --------- ----- in ------ ------ ich ---- --- nicht -------- ----- nichts -------- --- nichts -- ----- geredet; --- --------- euch -------------- --- Wahrsagerei, ------------- --- Einbildungen ----- ------- Herzens! | -- ------ der ---- -- ---- ----- Propheten --------- ----- -- ------ Namen; --- ---- --- ----- gesandt, ----- ------ -------- --- nichts -- ----- -------- --- weissagen ---- -------------- --- ------------ Hirngespinste --- ------------ ----- ------- Herzens! | Jeremia 14,14 |
15 | Jeremia 14,15 | Darum, so spricht der HERR über die Propheten, die in meinem Namen weissagen, obgleich ich sie nicht gesandt habe, die sagen: »Es wird weder Schwert noch Teuerung in diesem Land geben!«: Durch Schwert und Hungersnot sollen diese Propheten umkommen! | ------ so ------- --- HERR ----- --- Propheten, --- -- meinem ----- ---------- obgleich --- --- nicht ------- ----- die ------ ---- wird ----- ------- noch -------- -- diesem ---- --------- Durch ------- --- Hungersnot ------ ----- Propheten --------- | ------ -- spricht --- ---- ----- --- Propheten, --- -- ------ ----- weissagen, -------- --- --- ----- gesandt ----- --- ------ ---- wird ----- ------- ---- -------- in ------ ---- --------- ----- Schwert --- ---------- ------ ----- Propheten --------- | Jeremia 14,15 |
16 | Jeremia 14,16 | Das Volk aber, dem sie geweissagt haben, wird auf den Straßen Jerusalems niedergestreckt werden vom Hunger und vom Schwert; und niemand wird sie begraben, sie und ihre Frauen, Söhne und Töchter; so will ich ihre Bosheit über sie ausschütten! | --- Volk ----- --- sie ---------- ------ wird --- --- Straßen ---------- --------------- werden --- ------ und --- -------- und ------- ---- sie --------- --- und ---- ------- Söhne --- --------- so ---- --- ihre ------- ----- sie ------------- | --- ---- aber, --- --- ---------- ------ wird --- --- -------- ---------- niedergestreckt ------ --- ------ --- vom -------- --- ------- ---- sie --------- --- --- ---- Frauen, ------ --- --------- -- will --- ---- ------- ----- sie ------------- | Jeremia 14,16 |
17 | Jeremia 14,17 | Und du sollst dieses Wort zu ihnen sprechen: Meine Augen zerfließen in Tränen Tag und Nacht, ohne Aufhören; denn schwer verwundet ist die Jungfrau, die Tochter meines Volkes, durch einen sehr schmerzlichen Schlag. | --- du ------ ------ Wort -- ----- sprechen: ----- ----- zerfließen -- ------- Tag --- ------ ohne ---------- ---- schwer --------- --- die --------- --- Tochter ------ ------- durch ----- ---- schmerzlichen ------- | --- -- sollst ------ ---- -- ----- sprechen: ----- ----- ----------- -- Tränen --- --- ------ ---- Aufhören; ---- ------ --------- --- die --------- --- ------- ------ Volkes, ----- ----- ---- ------------- Schlag. | Jeremia 14,17 |
18 | Jeremia 14,18 | Gehe ich aufs Feld hinaus - siehe da, vom Schwert Erschlagene! Komme ich in die Stadt hinein - siehe da, vor Hunger Verschmachtete! Ja, auch ihre Propheten und Priester ziehen im Land umher und wissen nicht weiter. | ---- ich ---- ---- hinaus - ----- da, --- ------- Erschlagene! ----- --- in --- ----- hinein - ----- da, --- ------ Verschmachtete! --- ---- ihre --------- --- Priester ------ -- Land ----- --- wissen ----- ------- | ---- --- aufs ---- ------ - ----- da, --- ------- ------------ ----- ich -- --- ----- ------ - ----- --- --- ------ Verschmachtete! --- ---- ---- --------- und -------- ------ -- ---- umher --- ------ ----- ------- | Jeremia 14,18 |
19 | Jeremia 14,19 | Hast du denn Juda ganz und gar verworfen? Oder ist Zion deiner Seele ein solcher Gräuel? Warum hast du uns so geschlagen, dass es keine Heilung mehr für uns gibt? Man hofft auf Frieden, aber es kommt nichts Gutes, [hofft] auf eine Zeit der Heilung, aber siehe da, Schrecken! | ---- du ---- ---- ganz --- --- verworfen? ---- --- Zion ------ ----- ein ------- -------- Warum ---- -- uns -- ----------- dass -- ----- Heilung ---- ---- uns ----- --- hofft --- -------- aber -- ----- nichts ------ ------- auf ---- ---- der -------- ---- siehe --- ---------- | ---- -- denn ---- ---- --- --- verworfen? ---- --- ---- ------ Seele --- ------- -------- ----- hast -- --- -- ----------- dass -- ----- ------- ---- für --- ----- --- ----- auf -------- ---- -- ----- nichts ------ ------- --- ---- Zeit --- -------- ---- ----- da, ---------- | Jeremia 14,19 |
20 | Jeremia 14,20 | Wir erkennen, o HERR, unsere Gesetzlosigkeit und die Sünde unserer Väter; denn wir haben gegen dich gesündigt. | --- erkennen, - ----- unsere --------------- --- die ------ ------- Väter; ---- --- haben ----- ---- gesündigt. | --- --------- o ----- ------ --------------- --- die ------ ------- ------- ---- wir ----- ----- ---- ----------- | Jeremia 14,20 |
21 | Jeremia 14,21 | Verwirf uns nicht, um deines Namens willen! Schände nicht den Thron deiner Herrlichkeit; gedenke an deinen Bund mit uns, und löse ihn nicht auf! | ------- uns ------ -- deines ------ ------- Schände ----- --- Thron ------ ------------- gedenke -- ------ Bund --- ---- und ----- --- nicht ---- | ------- --- nicht, -- ------ ------ ------- Schände ----- --- ----- ------ Herrlichkeit; ------- -- ------ ---- mit ---- --- ----- --- nicht ---- | Jeremia 14,21 |
22 | Jeremia 14,22 | Sind etwa unter den nichtigen Götzen der Heiden Regenspender? Oder kann der Himmel Regenschauer geben? Bist du es nicht, HERR, unser Gott? Und auf dich hoffen wir; denn du hast dies alles gemacht! | ---- etwa ----- --- nichtigen ------- --- Heiden ------------- ---- kann --- ------ Regenschauer ------ ---- du -- ------ HERR, ----- ----- Und --- ---- hoffen ---- ---- du ---- ---- alles -------- | ---- ---- unter --- --------- ------- --- Heiden ------------- ---- ---- --- Himmel ------------ ------ ---- -- es ------ ----- ----- ----- Und --- ---- ------ ---- denn -- ---- ---- ----- gemacht! | Jeremia 14,22 |