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Deutsch 24-Jeremia 020(Schl2000)

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1

Jeremia 20,1

Als aber Paschhur, der Sohn Immers, der Priester (er war Oberaufseher im Haus des HERRN), Jeremia diese Worte weissagen hörte,

--- aber --------- --- Sohn ------- --- Priester --- --- Oberaufseher -- ---- des ------- ------- diese ----- --------- hörte,

--- ---- Paschhur, --- ---- ------- --- Priester --- --- ------------ -- Haus --- ------- ------- ----- Worte --------- -------

Jeremia 20,1


2

Jeremia 20,2

da schlug er den Propheten Jeremia und legte ihn in den Stock, der sich im oberen Tor Benjamin beim Haus des HERRN befand.

-- schlug -- --- Propheten ------- --- legte --- -- den ------ --- sich -- ------ Tor -------- ---- Haus --- ----- befand.

-- ------ er --- --------- ------- --- legte --- -- --- ------ der ---- -- ------ --- Benjamin ---- ---- --- ----- befand.

Jeremia 20,2


3

Jeremia 20,3

Und es geschah am anderen Morgen, als Paschhur Jeremia aus dem Stock freiließ, da sprach Jeremia zu ihm: Nicht Paschhur nennt der HERR deinen Namen, sondern Magor-Missabib!

--- es ------- -- anderen ------- --- Paschhur ------- --- dem ----- ---------- da ------ ------- zu ---- ----- Paschhur ----- --- HERR ------ ------ sondern ---------------

--- -- geschah -- ------- ------- --- Paschhur ------- --- --- ----- freiließ, -- ------ ------- -- ihm: ----- -------- ----- --- HERR ------ ------ ------- ---------------

Jeremia 20,3


4

Jeremia 20,4

Denn so spricht der HERR: »Siehe, ich werde dich zum Schrecken machen, dir selbst und allen deinen Freunden, und sie sollen fallen durch das Schwert ihrer Feinde, und deine Augen sollen es sehen; ich werde auch ganz Juda in die Hand des Königs von Babel geben, und er wird sie nach Babel wegführen und sie mit dem Schwert erschlagen.

---- so ------- --- HERR: -------- --- werde ---- --- Schrecken ------- --- selbst --- ----- deinen --------- --- sie ------ ------ durch --- ------- ihrer ------- --- deine ----- ------ es ------ --- werde ---- ---- Juda -- --- Hand --- ------- von ----- ------ und -- ---- sie ---- ----- wegführen --- --- mit --- ------- erschlagen.

---- -- spricht --- ----- -------- --- werde ---- --- --------- ------- dir ------ --- ----- ------ Freunden, --- --- ------ ------ durch --- ------- ----- ------- und ----- ----- ------ -- sehen; --- ----- ---- ---- Juda -- --- ---- --- Königs --- ----- ------ --- er ---- --- ---- ----- wegführen --- --- --- --- Schwert -----------

Jeremia 20,4


5

Jeremia 20,5

Dazu werde ich den ganzen Reichtum dieser Stadt und allen ihren Erwerb dahingeben; alle ihre Kostbarkeiten und alle Schätze der Könige von Juda werde ich in die Hand ihrer Feinde geben; und sie werden sie plündern und wegnehmen und nach Babel bringen.

---- werde --- --- ganzen -------- ------ Stadt --- ----- ihren ------ ----------- alle ---- ------------- und ---- -------- der ------- --- Juda ----- --- in --- ---- ihrer ------ ------ und --- ------ sie --------- --- wegnehmen --- ---- Babel --------

---- ----- ich --- ------ -------- ------ Stadt --- ----- ----- ------ dahingeben; ---- ---- ------------- --- alle -------- --- ------- --- Juda ----- --- -- --- Hand ----- ------ ------ --- sie ------ --- --------- --- wegnehmen --- ---- ----- --------

Jeremia 20,5


6

Jeremia 20,6

Auch du, Paschhur, wirst samt allen deinen Hausgenossen in die Gefangenschaft wandern müssen, und zwar wirst du nach Babel kommen und dort sterben und dort begraben werden, du und alle deine Freunde, denen du falsch geweissagt hast!«

---- du, --------- ----- samt ----- ------ Hausgenossen -- --- Gefangenschaft ------- -------- und ---- ----- du ---- ----- kommen --- ---- sterben --- ---- begraben ------- -- und ---- ----- Freunde, ----- -- falsch ---------- -------

---- --- Paschhur, ----- ---- ----- ------ Hausgenossen -- --- -------------- ------- müssen, --- ---- ----- -- nach ----- ------ --- ---- sterben --- ---- -------- ------- du --- ---- ----- -------- denen -- ------ ---------- -------

Jeremia 20,6


7

Jeremia 20,7

HERR, du hast mich überredet, und ich habe mich überreden lassen; du bist mir zu stark geworden und hast mich überwunden! So bin ich zum täglichen Gelächter geworden; jedermann spottet über mich!

----- du ---- ---- überredet, --- --- habe ---- ---------- lassen; -- ---- mir -- ----- geworden --- ---- mich ------------ -- bin --- --- täglichen ---------- --------- jedermann ------- ----- mich!

----- -- hast ---- ----------- --- --- habe ---- ---------- ------- -- bist --- -- ----- -------- und ---- ---- ------------ -- bin --- --- ---------- ---------- geworden; --------- ------- ----- -----

Jeremia 20,7


8

Jeremia 20,8

Denn sooft ich rede, muss ich schreien, muss Gewalttat und Zerstörung ankündigen, so dass das Wort des HERRN mir Hohn und Spott einträgt die ganze Zeit.

---- sooft --- ----- muss --- --------- muss --------- --- Zerstörung ------------ -- dass --- ---- des ----- --- Hohn --- ----- einträgt --- ----- Zeit.

---- ----- ich ----- ---- --- --------- muss --------- --- ----------- ------------ so ---- --- ---- --- HERRN --- ---- --- ----- einträgt --- ----- -----

Jeremia 20,8


9

Jeremia 20,9

Da sagte ich mir: »Ich will Ihn nicht mehr erwähnen und nicht mehr in seinem Namen reden!« Doch da brannte es in meinem Herzen, als wäre ein Feuer in meinen Gebeinen eingeschlossen, und ich wurde müde, es auszuhalten; ja, ich kann es nicht.

-- sagte --- ---- »Ich ---- --- nicht ---- --------- und ----- ---- in ------ ----- reden!« ---- -- brannte -- -- meinem ------- --- wäre --- ----- in ------ -------- eingeschlossen, --- --- wurde ------ -- auszuhalten; --- --- kann -- ------

-- ----- ich ---- ----- ---- --- nicht ---- --------- --- ----- mehr -- ------ ----- -------- Doch -- ------- -- -- meinem ------- --- ----- --- Feuer -- ------ -------- --------------- und --- ----- ------ -- auszuhalten; --- --- ---- -- nicht.

Jeremia 20,9


10

Jeremia 20,10

Denn ich habe die Verleumdungen vieler gehört: »Schrecken ringsum!« - »Zeigt ihn an!« und »Wir wollen ihn anzeigen!« Alle Leute, mit denen ich in Frieden lebte, lauern auf meinen Fall und sprechen: »Vielleicht lässt er sich überreden, und wir können ihn überwältigen und uns an ihm rächen!«

---- ich ---- --- Verleumdungen ------ -------- »Schrecken ---------- - »Zeigt --- ----- und ----- ------ ihn ----------- ---- Leute, --- ----- ich -- ------- lebte, ------ --- meinen ---- --- sprechen: ------------ ------ er ---- ----------- und --- ------- ihn -------------- --- uns -- --- rächen!«

---- --- habe --- ------------- ------ -------- »Schrecken ---------- - ------- --- an!« --- ----- ------ --- anzeigen!« ---- ------ --- ----- ich -- ------- ------ ------ auf ------ ---- --- --------- »Vielleicht ------ -- ---- ----------- und --- ------- --- -------------- und --- -- --- ----------

Jeremia 20,10


11

Jeremia 20,11

Aber der HERR ist mit mir wie ein starker Held; darum werden meine Verfolger straucheln und nicht die Oberhand behalten. Sie sollen ganz und gar zuschanden werden, weil es ihnen nicht gelungen ist; eine ewige Schmach, die man nie vergessen wird!

---- der ---- --- mit --- --- ein ------- ----- darum ------ ----- Verfolger ---------- --- nicht --- -------- behalten. --- ------ ganz --- --- zuschanden ------- ---- es ----- ----- gelungen ---- ---- ewige -------- --- man --- --------- wird!

---- --- HERR --- --- --- --- ein ------- ----- ----- ------ meine --------- ---------- --- ----- die -------- --------- --- ------ ganz --- --- ---------- ------- weil -- ----- ----- -------- ist; ---- ----- -------- --- man --- --------- -----

Jeremia 20,11


12

Jeremia 20,12

Und nun, o HERR der Heerscharen, der du den Gerechten prüfst, Nieren und Herzen siehst, lass mich deine Rache an ihnen sehen! Denn dir habe ich meine Sache anvertraut.

--- nun, - ---- der ------------ --- du --- --------- prüfst, ------ --- Herzen ------- ---- mich ----- ----- an ----- ------ Denn --- ---- ich ----- ----- anvertraut.

--- ---- o ---- --- ------------ --- du --- --------- -------- ------ und ------ ------- ---- ---- deine ----- -- ----- ------ Denn --- ---- --- ----- Sache -----------

Jeremia 20,12


13

Jeremia 20,13

Singt dem HERRN, lobt den HERRN! Denn er hat die Seele des Armen errettet aus der Hand der öœbeltäter! â€

----- dem ------ ---- den ------ ---- er --- --- Seele --- ----- errettet --- --- Hand --- -------------- â€

----- --- HERRN, ---- --- ------ ---- er --- --- ----- --- Armen -------- --- --- ---- der -------------- -----

Jeremia 20,13


14

Jeremia 20,14

Verflucht sei der Tag, an dem ich geboren wurde; der Tag, an dem mich meine Mutter zur Welt gebracht hat, sei nicht gesegnet!

--------- sei --- ---- an --- --- geboren ------ --- Tag, -- --- mich ----- ------ zur ---- -------- hat, --- ----- gesegnet!

--------- --- der ---- -- --- --- geboren ------ --- ---- -- dem ---- ----- ------ --- Welt -------- ---- --- ----- gesegnet!

Jeremia 20,14


15

Jeremia 20,15

Verflucht sei der Mann, der meinem Vater die frohe Botschaft gebracht hat: »Dir ist ein Knabe geboren!«, der ihn hoch erfreut sein ließ!

--------- sei --- ----- der ------ ----- die ----- --------- gebracht ---- ----- ist --- ----- geboren!«, --- --- hoch ------- ---- ließ!

--------- --- der ----- --- ------ ----- die ----- --------- -------- ---- »Dir --- --- ----- ----------- der --- ---- ------- ---- ließ!

Jeremia 20,15


16

Jeremia 20,16

Diesem Mann ergehe es wie den Städten, die der HERR umgekehrt hat, ohne dass es ihn reute; lass ihn Geschrei hören am Morgen und Kriegslärm zur Mittagszeit;

------ Mann ------ -- wie --- --------- die --- ---- umgekehrt ---- ---- dass -- --- reute; ---- --- Geschrei ------ -- Morgen --- ----------- zur ------------

------ ---- ergehe -- --- --- --------- die --- ---- --------- ---- ohne ---- -- --- ------ lass --- -------- ------ -- Morgen --- ----------- --- ------------

Jeremia 20,16


17

Jeremia 20,17

weil er mich nicht im Mutterschoß tötete, so dass meine Mutter mein Grab geworden und sie ewig schwanger geblieben wäre!

---- er ---- ----- im ------------ -------- so ---- ----- Mutter ---- ---- geworden --- --- ewig --------- --------- wäre!

---- -- mich ----- -- ------------ -------- so ---- ----- ------ ---- Grab -------- --- --- ---- schwanger --------- ------

Jeremia 20,17


18

Jeremia 20,18

Warum bin ich doch aus dem Mutterschoß hervorgegangen, um Mühsal und Kummer zu sehen, und damit meine Tage in Schande vergehen?

----- bin --- ---- aus --- ------------ hervorgegangen, -- ------- und ------ -- sehen, --- ----- meine ---- -- Schande ---------

----- --- ich ---- --- --- ------------ hervorgegangen, -- ------- --- ------ zu ------ --- ----- ----- Tage -- ------- ---------

Jeremia 20,18