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Deutsch 26-Hesekiel 018(Schl2000)

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1

Hesekiel 18,1

Und das Wort des HERRN erging an mich folgendermaßen:

--- das ---- --- HERRN ------ -- mich ----------------

--- --- Wort --- ----- ------ -- mich ----------------

Hesekiel 18,1


2

Hesekiel 18,2

Was gebraucht ihr da für ein Sprichwort im Land Israel, das besagt: »Die Väter haben saure Trauben gegessen, und die Kinder bekommen stumpfe Zähne!«

--- gebraucht --- -- für --- ---------- im ---- ------- das ------- ----- Väter ----- ----- Trauben --------- --- die ------ -------- stumpfe ---------

--- --------- ihr -- ---- --- ---------- im ---- ------- --- ------- »Die ------ ----- ----- ------- gegessen, --- --- ------ -------- stumpfe ---------

Hesekiel 18,2


3

Hesekiel 18,3

So wahr ich lebe, spricht GOTT, der Herr, ihr sollt dieses Sprichwort künftig in Israel nicht mehr gebrauchen!

-- wahr --- ----- spricht ----- --- Herr, --- ----- dieses ---------- -------- in ------ ----- mehr -----------

-- ---- ich ----- ------- ----- --- Herr, --- ----- ------ ---------- künftig -- ------ ----- ---- gebrauchen!

Hesekiel 18,3


4

Hesekiel 18,4

Siehe, alle Seelen gehören mir! Wie die Seele des Vaters mir gehört, so gehört mir auch die Seele des Sohnes. Die Seele, die sündigt, soll sterben!

------ alle ------ -------- mir! --- --- Seele --- ------ mir -------- -- gehört --- ---- die ----- --- Sohnes. --- ------ die --------- ---- sterben!

------ ---- Seelen -------- ---- --- --- Seele --- ------ --- -------- so ------- --- ---- --- Seele --- ------- --- ------ die --------- ---- --------

Hesekiel 18,4


5

Hesekiel 18,5

Wenn aber ein Mensch gerecht ist und Recht und Gerechtigkeit übt,

---- aber --- ------ gerecht --- --- Recht --- ------------- übt,

---- ---- ein ------ ------- --- --- Recht --- ------------- -----

Hesekiel 18,5


6

Hesekiel 18,6

wenn er nicht auf den Bergen [Opferfleisch] isst, seine Augen nicht zu den Götzen des Hauses Israel erhebt, die Frau seines Nächsten nicht befleckt und sich nicht seiner Frau naht während ihrer Unreinheit;

---- er ----- --- den ------ -------------- isst, ----- ----- nicht -- --- Götzen --- ------ Israel ------- --- Frau ------ --------- nicht -------- --- sich ----- ------ Frau ---- -------- ihrer -----------

---- -- nicht --- --- ------ -------------- isst, ----- ----- ----- -- den ------- --- ------ ------ erhebt, --- ---- ------ --------- nicht -------- --- ---- ----- seiner ---- ---- -------- ----- Unreinheit;

Hesekiel 18,6


7

Hesekiel 18,7

wenn er niemand bedrückt, seinem Schuldner das Pfand zurückgibt, nichts raubt, sondern dem Hungrigen sein Brot gibt und den Nackten bekleidet,

---- er ------- ---------- seinem --------- --- Pfand ------------ ------ raubt, ------- --- Hungrigen ---- ---- gibt --- --- Nackten ----------

---- -- niemand ---------- ------ --------- --- Pfand ------------ ------ ------ ------- dem --------- ---- ---- ---- und --- ------- ----------

Hesekiel 18,7


8

Hesekiel 18,8

wenn er nicht auf Wucher leiht, und keinen Wucherzins nimmt - seine Hand vom Unrecht fernhält und jedermann der Wahrheit gemäß zu seinem Recht kommen lässt,

---- er ----- --- Wucher ------ --- keinen ---------- ----- - ----- ---- vom ------- --------- und --------- --- Wahrheit ------- -- seinem ----- ------ lässt,

---- -- nicht --- ------ ------ --- keinen ---------- ----- - ----- Hand --- ------- --------- --- jedermann --- -------- ------- -- seinem ----- ------ -------

Hesekiel 18,8


9

Hesekiel 18,9

wenn er in meinen Satzungen wandelt und meine Rechtsbestimmungen bewahrt und sie gewissenhaft befolgt: ein solcher ist gerecht, er soll gewiss leben, spricht GOTT, der Herr.

---- er -- ------ Satzungen ------- --- meine ------------------ ------- und --- ------------ befolgt: --- ------- ist -------- -- soll ------ ------ spricht ----- --- Herr.

---- -- in ------ --------- ------- --- meine ------------------ ------- --- --- gewissenhaft -------- --- ------- --- gerecht, -- ---- ------ ------ spricht ----- --- -----

Hesekiel 18,9


10

Hesekiel 18,10

Wenn aber dieser einen gewalttätigen Sohn zeugt, der Blut vergießt oder irgendetwas von alledem tut,

---- aber ------ ----- gewalttätigen ---- ------ der ---- --------- oder ----------- --- alledem ----

---- ---- dieser ----- -------------- ---- ------ der ---- --------- ---- ----------- von ------- ----

Hesekiel 18,10


11

Hesekiel 18,11

was jener nicht getan hatte, wenn er sogar auf den Bergen [Opferfleisch] isst, die Frau seines Nächsten befleckt,

--- jener ----- ----- hatte, ---- -- sogar --- --- Bergen -------------- ----- die ---- ------ Nächsten ---------

--- ----- nicht ----- ------ ---- -- sogar --- --- ------ -------------- isst, --- ---- ------ --------- befleckt,

Hesekiel 18,11


12

Hesekiel 18,12

den Armen und Bedürftigen bedrückt, Raub begeht, das Pfand nicht zurückgibt, seine Augen zu den Götzen erhebt und Gräuel verübt;

--- Armen --- ------------ bedrückt, ---- ------- das ----- ----- zurückgibt, ----- ----- zu --- ------- erhebt --- ------- verübt;

--- ----- und ------------ ---------- ---- ------- das ----- ----- ------------ ----- Augen -- --- ------- ------ und ------- --------

Hesekiel 18,12


13

Hesekiel 18,13

wenn er auf Wucher leiht, Wucherzins nimmt - sollte der leben? Er soll nicht leben; er hat alle diese Gräuel getan, darum soll er unbedingt sterben; sein Blut sei auf ihm!

---- er --- ------ leiht, ---------- ----- - ------ --- leben? -- ---- nicht ------ -- hat ---- ----- Gräuel ------ ----- soll -- --------- sterben; ---- ---- sei --- ----

---- -- auf ------ ------ ---------- ----- - ------ --- ------ -- soll ----- ------ -- --- alle ----- ------- ------ ----- soll -- --------- -------- ---- Blut --- --- ----

Hesekiel 18,13


14

Hesekiel 18,14

Und siehe, wenn er wiederum einen Sohn zeugt, der alle Sünden seines Vaters sieht, die dieser vollbracht hat, ja, wenn er sie sieht, aber solche nicht tut:

--- siehe, ---- -- wiederum ----- ---- zeugt, --- ---- Sünden ------ ------ sieht, --- ------ vollbracht ---- --- wenn -- --- sieht, ---- ------ nicht ----

--- ------ wenn -- -------- ----- ---- zeugt, --- ---- ------- ------ Vaters ------ --- ------ ---------- hat, --- ---- -- --- sieht, ---- ------ ----- ----

Hesekiel 18,14


15

Hesekiel 18,15

nicht auf den Bergen [Opferfleisch] isst, seine Augen nicht zu den Götzen des Hauses Israel erhebt, die Frau seines Nächsten nicht befleckt,

----- auf --- ------ [Opferfleisch] ----- ----- Augen ----- -- den ------- --- Hauses ------ ------- die ---- ------ Nächsten ----- ---------

----- --- den ------ -------------- ----- ----- Augen ----- -- --- ------- des ------ ------ ------- --- Frau ------ --------- ----- ---------

Hesekiel 18,15


16

Hesekiel 18,16

niemand bedrückt, niemand pfändet, nicht Raub begeht, sondern dem Hungrigen sein Brot gibt und den Entblößten bekleidet,

------- bedrückt, ------- --------- nicht ---- ------- sondern --- --------- sein ---- ---- und --- ------------ bekleidet,

------- ---------- niemand --------- ----- ---- ------- sondern --- --------- ---- ---- gibt --- --- ------------ ----------

Hesekiel 18,16


17

Hesekiel 18,17

seine Hand nicht an den Armen legt, weder Wucher noch Zins nimmt, meine Rechtsbestimmungen befolgt und in meinen Satzungen wandelt: der soll nicht sterben um der Missetat seines Vaters willen, sondern er soll gewiss leben.

----- Hand ----- -- den ----- ----- weder ------ ---- Zins ------ ----- Rechtsbestimmungen ------- --- in ------ --------- wandelt: --- ---- nicht ------- -- der -------- ------ Vaters ------- ------- er ---- ------ leben.

----- ---- nicht -- --- ----- ----- weder ------ ---- ---- ------ meine ------------------ ------- --- -- meinen --------- -------- --- ---- nicht ------- -- --- -------- seines ------ ------- ------- -- soll ------ ------

Hesekiel 18,17


18

Hesekiel 18,18

Sein Vater aber, der Gewalttat verübt, seinen Bruder beraubt und getan hat, was nicht gut ist unter seinem Volk, siehe, der soll sterben wegen seiner Missetat!

---- Vater ----- --- Gewalttat -------- ------ Bruder ------- --- getan ---- --- nicht --- --- unter ------ ----- siehe, --- ---- sterben ----- ------ Missetat!

---- ----- aber, --- --------- -------- ------ Bruder ------- --- ----- ---- was ----- --- --- ----- seinem ----- ------ --- ---- sterben ----- ------ ---------

Hesekiel 18,18


19

Hesekiel 18,19

Ihr aber sagt: Warum soll der Sohn die Missetat des Vaters nicht mittragen? Weil der Sohn Recht und Gerechtigkeit geübt hat; er hat alle meine Satzungen bewahrt und befolgt; er soll gewisslich leben!

--- aber ----- ----- soll --- ---- die -------- --- Vaters ----- ---------- Weil --- ---- Recht --- ------------- geübt ---- -- hat ---- ----- Satzungen ------- --- befolgt; -- ---- gewisslich ------

--- ---- sagt: ----- ---- --- ---- die -------- --- ------ ----- mittragen? ---- --- ---- ----- und ------------- ------ ---- -- hat ---- ----- --------- ------- und -------- -- ---- ---------- leben!

Hesekiel 18,19


20

Hesekiel 18,20

Die Seele, welche sündigt, die soll sterben! Der Sohn soll nicht die Missetat des Vaters mittragen, und der Vater soll nicht die Missetat des Sohnes mittragen. Auf dem Gerechten sei seine Gerechtigkeit, und auf dem Gottlosen sei seine Gottlosigkeit!

--- Seele, ------ --------- die ---- -------- Der ---- ---- nicht --- -------- des ------ ---------- und --- ----- soll ----- --- Missetat --- ------ mittragen. --- --- Gerechten --- ----- Gerechtigkeit, --- --- dem --------- --- seine --------------

--- ------ welche --------- --- ---- -------- Der ---- ---- ----- --- Missetat --- ------ ---------- --- der ----- ---- ----- --- Missetat --- ------ ---------- --- dem --------- --- ----- -------------- und --- --- --------- --- seine --------------

Hesekiel 18,20


21

Hesekiel 18,21

Wenn aber der Gottlose umkehrt von allen seinen Sünden, die er begangen hat, und alle meine Satzungen bewahrt und Recht und Gerechtigkeit übt, so soll er gewiss leben; er soll nicht sterben.

---- aber --- -------- umkehrt --- ----- seinen -------- --- er -------- ---- und ---- ----- Satzungen ------- --- Recht --- ------------- übt, -- ---- er ------ ------ er ---- ----- sterben.

---- ---- der -------- ------- --- ----- seinen -------- --- -- -------- hat, --- ---- ----- --------- bewahrt --- ----- --- ------------- übt, -- ---- -- ------ leben; -- ---- ----- --------

Hesekiel 18,21


22

Hesekiel 18,22

An alle seine öœbertretungen, die er begangen hat, soll nicht mehr gedacht werden; er soll leben um seiner Gerechtigkeit willen, die er getan hat!

-- alle ----- ----------------- die -- -------- hat, ---- ----- mehr ------- ------- er ---- ----- um ------ ------------- willen, --- -- getan ----

-- ---- seine ----------------- --- -- -------- hat, ---- ----- ---- ------- werden; -- ---- ----- -- seiner ------------- ------- --- -- getan ----

Hesekiel 18,22


23

Hesekiel 18,23

Oder habe ich etwa Gefallen am Tod des Gottlosen, spricht GOTT, der Herr, und nicht vielmehr daran, dass er sich von seinen Wegen bekehrt und lebt?

---- habe --- ---- Gefallen -- --- des ---------- ------- GOTT, --- ----- und ----- -------- daran, ---- -- sich --- ------ Wegen ------- --- lebt?

---- ---- ich ---- -------- -- --- des ---------- ------- ----- --- Herr, --- ----- -------- ------ dass -- ---- --- ------ Wegen ------- --- -----

Hesekiel 18,23


24

Hesekiel 18,24

Wenn dagegen der Gerechte sich von seiner Gerechtigkeit abkehrt und Unrecht tut und nach allen Gräueln handelt, die der Gottlose verübt hat, sollte er leben? Nein, sondern es soll an alle seine Gerechtigkeit, die er getan hat, nicht gedacht werden; wegen seiner Treulosigkeit, die er begangen hat, und wegen seiner Sünde, die er getan hat, soll er sterben!

---- dagegen --- -------- sich --- ------ Gerechtigkeit ------- --- Unrecht --- --- nach ----- -------- handelt, --- --- Gottlose ------- ---- sollte -- ------ Nein, ------- -- soll -- ---- seine -------------- --- er ----- ---- nicht ------- ------- wegen ------ -------------- die -- -------- hat, --- ----- seiner ------- --- er ----- ---- soll -- --------

---- ------- der -------- ---- --- ------ Gerechtigkeit ------- --- ------- --- und ---- ----- -------- -------- die --- -------- ------- ---- sollte -- ------ ----- ------- es ---- -- ---- ----- Gerechtigkeit, --- -- ----- ---- nicht ------- ------- ----- ------ Treulosigkeit, --- -- -------- ---- und ----- ------ ------- --- er ----- ---- ---- -- sterben!

Hesekiel 18,24


25

Hesekiel 18,25

Dennoch sagt ihr: »Der Weg des Herrn ist nicht richtig!« So hört doch, ihr vom Haus Israel: Mein Weg sollte nicht richtig sein? Sind nicht vielmehr eure Wege unrichtig?

------- sagt ---- ----- Weg --- ----- ist ----- ---------- So ----- ----- ihr --- ---- Israel: ---- --- sollte ----- ------- sein? ---- ----- vielmehr ---- ---- unrichtig?

------- ---- ihr: ----- --- --- ----- ist ----- ---------- -- ----- doch, --- --- ---- ------- Mein --- ------ ----- ------- sein? ---- ----- -------- ---- Wege ----------

Hesekiel 18,25


26

Hesekiel 18,26

Wenn der Gerechte sich von seiner Gerechtigkeit abkehrt und Unrecht tut, so soll er sterben deswegen; um der Missetat willen, die er getan hat, muss er sterben.

---- der -------- ---- von ------ ------------- abkehrt --- ------- tut, -- ---- er ------- --------- um --- -------- willen, --- -- getan ---- ---- er --------

---- --- Gerechte ---- --- ------ ------------- abkehrt --- ------- ---- -- soll -- ------- --------- -- der -------- ------- --- -- getan ---- ---- -- --------

Hesekiel 18,26


27

Hesekiel 18,27

Wenn aber der Gottlose sich abwendet von seiner Gottlosigkeit, die er begangen hat, und Recht und Gerechtigkeit übt, so wird er seine Seele am Leben erhalten.

---- aber --- -------- sich -------- --- seiner -------------- --- er -------- ---- und ----- --- Gerechtigkeit ----- -- wird -- ----- Seele -- ----- erhalten.

---- ---- der -------- ---- -------- --- seiner -------------- --- -- -------- hat, --- ----- --- ------------- übt, -- ---- -- ----- Seele -- ----- ---------

Hesekiel 18,27


28

Hesekiel 18,28

Weil er es eingesehen hat und umgekehrt ist von allen seinen öœbertretungen, die er verübt hat, soll er gewiss leben und nicht sterben.

---- er -- ---------- hat --- --------- ist --- ----- seinen ----------------- --- er ------- ---- soll -- ------ leben --- ----- sterben.

---- -- es ---------- --- --- --------- ist --- ----- ------ ----------------- die -- ------- ---- ---- er ------ ----- --- ----- sterben.

Hesekiel 18,28


29

Hesekiel 18,29

Aber das Haus Israel spricht: Der Weg des Herrn ist nicht richtig! Sollten meine Wege nicht richtig sein, Haus Israel? Sind nicht vielmehr eure Wege unrichtig?

---- das ---- ------ spricht: --- --- des ----- --- nicht -------- ------- meine ---- ----- richtig ----- ---- Israel? ---- ----- vielmehr ---- ---- unrichtig?

---- --- Haus ------ -------- --- --- des ----- --- ----- -------- Sollten ----- ---- ----- ------- sein, ---- ------- ---- ----- vielmehr ---- ---- ----------

Hesekiel 18,29


30

Hesekiel 18,30

Darum will ich einen jeden von euch nach seinen Wegen richten, ihr vom Haus Israel! spricht GOTT, der Herr. Kehrt um und wendet euch ab von allen euren öœbertretungen, so wird euch die Missetat nicht zum Fall gereichen!

----- will --- ----- jeden --- ---- nach ------ ----- richten, --- --- Haus ------- ------- GOTT, --- ----- Kehrt -- --- wendet ---- -- von ----- ----- öœbertretungen, -- ---- euch --- -------- nicht --- ---- gereichen!

----- ---- ich ----- ----- --- ---- nach ------ ----- -------- --- vom ---- ------- ------- ----- der ----- ----- -- --- wendet ---- -- --- ----- euren ----------------- -- ---- ---- die -------- ----- --- ---- gereichen!

Hesekiel 18,30


31

Hesekiel 18,31

Werft alle eure Treulosigkeiten, die ihr verübt habt, von euch ab und schafft euch ein neues Herz und einen neuen Geist! Denn warum wollt ihr sterben, ihr vom Haus Israel?

----- alle ---- ---------------- die --- ------- habt, --- ---- ab --- ------- euch --- ----- Herz --- ----- neuen ------ ---- warum ----- --- sterben, --- --- Haus -------

----- ---- eure ---------------- --- --- ------- habt, --- ---- -- --- schafft ---- --- ----- ---- und ----- ----- ------ ---- warum ----- --- -------- --- vom ---- -------

Hesekiel 18,31


32

Hesekiel 18,32

Denn ich habe kein Gefallen am Tod dessen, der sterben muss, spricht GOTT, der Herr. So kehrt denn um, und ihr sollt leben!

---- ich ---- ---- Gefallen -- --- dessen, --- ------- muss, ------- ----- der ----- -- kehrt ---- --- und --- ----- leben!

---- --- habe ---- -------- -- --- dessen, --- ------- ----- ------- GOTT, --- ----- -- ----- denn --- --- --- ----- leben!

Hesekiel 18,32