Deutsch 40-Matthaus 009(Schl2000)
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1 | Matthaus 9,1 | Und er trat in das Schiff, fuhr hinüber und kam in seine Stadt. | --- er ---- -- das ------- ---- hinüber --- --- in ----- ------ | --- -- trat -- --- ------- ---- hinüber --- --- -- ----- Stadt. | Matthaus 9,1 |
2 | Matthaus 9,2 | Und siehe, da brachten sie einen Gelähmten zu ihm, der auf einer Liegematte lag. Und als Jesus ihren Glauben sah, sprach er zu dem Gelähmten: Sei getrost, mein Sohn, deine Sünden sind dir vergeben! | --- siehe, -- -------- sie ----- ---------- zu ---- --- auf ----- ---------- lag. --- --- Jesus ----- ------- sah, ------ -- zu --- ----------- Sei -------- ---- Sohn, ----- ------- sind --- --------- | --- ------ da -------- --- ----- ---------- zu ---- --- --- ----- Liegematte ---- --- --- ----- ihren ------- ---- ------ -- zu --- ----------- --- -------- mein ----- ----- ------- ---- dir --------- | Matthaus 9,2 |
3 | Matthaus 9,3 | Und siehe, etliche der Schriftgelehrten sprachen bei sich selbst: Dieser lästert! | --- siehe, ------- --- Schriftgelehrten -------- --- sich ------- ------ lästert! | --- ------ etliche --- ---------------- -------- --- sich ------- ------ --------- | Matthaus 9,3 |
4 | Matthaus 9,4 | Und da Jesus ihre Gedanken sah, sprach er: Warum denkt ihr Böses in euren Herzen? | --- da ----- ---- Gedanken ---- ------ er: ----- ----- ihr ------ -- euren ------- | --- -- Jesus ---- -------- ---- ------ er: ----- ----- --- ------ in ----- ------- | Matthaus 9,4 |
5 | Matthaus 9,5 | Was ist denn leichter, zu sagen: Deine Sünden sind dir vergeben! oder zu sagen: Steh auf und geh umher? | --- ist ---- --------- zu ------ ----- Sünden ---- --- vergeben! ---- -- sagen: ---- --- und --- ------ | --- --- denn --------- -- ------ ----- Sünden ---- --- --------- ---- zu ------ ---- --- --- geh ------ | Matthaus 9,5 |
6 | Matthaus 9,6 | Damit ihr aber wisst, dass der Sohn des Menschen Vollmacht hat, auf Erden Sünden zu vergeben - sprach er zu dem Gelähmten: Steh auf, nimm deine Liegematte und geh heim! | ----- ihr ---- ------ dass --- ---- des -------- --------- hat, --- ----- Sünden -- -------- - ------ -- zu --- ----------- Steh ---- ---- deine ---------- --- geh ----- | ----- --- aber ------ ---- --- ---- des -------- --------- ---- --- Erden ------- -- -------- - sprach -- -- --- ----------- Steh ---- ---- ----- ---------- und --- ----- | Matthaus 9,6 |
7 | Matthaus 9,7 | Und er stand auf und ging heim. | --- er ----- --- und ---- ----- | --- -- stand --- --- ---- ----- | Matthaus 9,7 |
8 | Matthaus 9,8 | Als aber die Volksmenge das sah, verwunderte sie sich und pries Gott, der solche Vollmacht den Menschen gegeben hatte. | --- aber --- ---------- das ---- ----------- sie ---- --- pries ----- --- solche --------- --- Menschen ------- ------ | --- ---- die ---------- --- ---- ----------- sie ---- --- ----- ----- der ------ --------- --- -------- gegeben ------ | Matthaus 9,8 |
9 | Matthaus 9,9 | Und als Jesus von da weiterging, sah er einen Menschen an der Zollstätte sitzen, der hieß Matthäus; und er sprach zu ihm: Folge mir nach! Und er stand auf und folgte ihm nach. | --- als ----- --- da ----------- --- er ----- -------- an --- ----------- sitzen, --- ----- Matthäus; --- -- sprach -- ---- Folge --- ----- Und -- ----- auf --- ------ ihm ----- | --- --- Jesus --- -- ----------- --- er ----- -------- -- --- Zollstätte ------- --- ----- ---------- und -- ------ -- ---- Folge --- ----- --- -- stand --- --- ------ --- nach. | Matthaus 9,9 |
10 | Matthaus 9,10 | Und es geschah, als er in dem Haus zu Tisch saß, siehe, da kamen viele Zöllner und Sünder und saßen mit Jesus und seinen Jüngern zu Tisch. | --- es -------- --- er -- --- Haus -- ----- saß, ------ -- kamen ----- -------- und ------- --- saßen --- ----- und ------ -------- zu ------ | --- -- geschah, --- -- -- --- Haus -- ----- ----- ------ da ----- ----- -------- --- Sünder --- ------ --- ----- und ------ -------- -- ------ | Matthaus 9,10 |
11 | Matthaus 9,11 | Und als die Pharisäer es sahen, sprachen sie zu seinen Jüngern: Warum isst euer Meister mit den Zöllnern und Sündern? | --- als --- ---------- es ------ -------- sie -- ------ Jüngern: ----- ---- euer ------- --- den --------- --- Sündern? | --- --- die ---------- -- ------ -------- sie -- ------ --------- ----- isst ---- ------- --- --- Zöllnern --- --------- | Matthaus 9,11 |
12 | Matthaus 9,12 | Jesus aber, als er es hörte, sprach zu ihnen: Nicht die Starken brauchen den Arzt, sondern die Kranken. | ----- aber, --- -- es ------- ------ zu ------ ----- die ------- -------- den ----- ------- die -------- | ----- ----- als -- -- ------- ------ zu ------ ----- --- ------- brauchen --- ----- ------- --- Kranken. | Matthaus 9,12 |
13 | Matthaus 9,13 | Geht aber hin und lernt, was das heißt: »Ich will Barmherzigkeit und nicht Opfer«. Denn ich bin nicht gekommen, Gerechte zu berufen, sondern Sünder zur Buße. | ---- aber --- --- lernt, --- --- heißt: ----- ---- Barmherzigkeit --- ----- Opfer«. ---- --- bin ----- --------- Gerechte -- -------- sondern ------- --- Buße. | ---- ---- hin --- ------ --- --- heißt: ----- ---- -------------- --- nicht -------- ---- --- --- nicht --------- -------- -- -------- sondern ------- --- ------ | Matthaus 9,13 |
14 | Matthaus 9,14 | Da kamen die Jünger des Johannes zu ihm und sprachen: Warum fasten wir und die Pharisäer so viel, deine Jünger aber fasten nicht? | -- kamen --- ------- des -------- -- ihm --- --------- Warum ------ --- und --- ---------- so ----- ----- Jünger ---- ------ nicht? | -- ----- die ------- --- -------- -- ihm --- --------- ----- ------ wir --- --- ---------- -- viel, ----- ------- ---- ------ nicht? | Matthaus 9,14 |
15 | Matthaus 9,15 | Und Jesus sprach zu ihnen: Können die Hochzeitsgäste trauern, solange der Bräutigam bei ihnen ist? Es werden aber Tage kommen, da der Bräutigam von ihnen genommen sein wird, und dann werden sie fasten. | --- Jesus ------ -- ihnen: ------- --- Hochzeitsgäste -------- ------- der ---------- --- ihnen ---- -- werden ---- ---- kommen, -- --- Bräutigam --- ----- genommen ---- ----- und ---- ------ sie ------- | --- ----- sprach -- ------ ------- --- Hochzeitsgäste -------- ------- --- ---------- bei ----- ---- -- ------ aber ---- ------- -- --- Bräutigam --- ----- -------- ---- wird, --- ---- ------ --- fasten. | Matthaus 9,15 |
16 | Matthaus 9,16 | Niemand aber setzt einen Lappen von neuem Tuch auf ein altes Kleid, denn der Flicken reißt von dem Kleid, und der Riss wird schlimmer. | ------- aber ----- ----- Lappen --- ----- Tuch --- --- altes ------ ---- der ------- ------ von --- ------ und --- ---- wird ---------- | ------- ---- setzt ----- ------ --- ----- Tuch --- --- ----- ------ denn --- ------- ------ --- dem ------ --- --- ---- wird ---------- | Matthaus 9,16 |
17 | Matthaus 9,17 | Man füllt auch nicht neuen Wein in alte Schläuche, sonst zerreißen die Schläuche, und der Wein wird verschüttet, und die Schläuche verderben; sondern man füllt neuen Wein in neue Schläuche, so bleiben beide miteinander erhalten. | --- füllt ---- ----- neuen ---- -- alte ----------- ----- zerreißen --- ----------- und --- ---- wird ------------- --- die ---------- ---------- sondern --- ------ neuen ---- -- neue ----------- -- bleiben ----- ----------- erhalten. | --- ------ auch ----- ----- ---- -- alte ----------- ----- ---------- --- Schläuche, --- --- ---- ---- verschüttet, --- --- ---------- ---------- sondern --- ------ ----- ---- in ---- ----------- -- ------- beide ----------- --------- | Matthaus 9,17 |
18 | Matthaus 9,18 | Und als er dies mit ihnen redete, siehe, da kam ein Vorsteher, fiel vor ihm nieder und sprach: Meine Tochter ist eben gestorben; aber komm und lege deine Hand auf sie, so wird sie leben! | --- als -- ---- mit ----- ------- siehe, -- --- ein ---------- ---- vor --- ------ und ------- ----- Tochter --- ---- gestorben; ---- ---- und ---- ----- Hand --- ---- so ---- --- leben! | --- --- er ---- --- ----- ------- siehe, -- --- --- ---------- fiel --- --- ------ --- sprach: ----- ------- --- ---- gestorben; ---- ---- --- ---- deine ---- --- ---- -- wird --- ------ | Matthaus 9,18 |
19 | Matthaus 9,19 | Und Jesus stand auf und folgte ihm mit seinen Jüngern. | --- Jesus ----- --- und ------ --- mit ------ --------- | --- ----- stand --- --- ------ --- mit ------ --------- | Matthaus 9,19 |
20 | Matthaus 9,20 | Und siehe, eine Frau, die zwölf Jahre blutflüssig war, trat von hinten herzu und rührte den Saum seines Gewandes an. | --- siehe, ---- ----- die ------ ----- blutflüssig ---- ---- von ------ ----- und ------- --- Saum ------ -------- an. | --- ------ eine ----- --- ------ ----- blutflüssig ---- ---- --- ------ herzu --- ------- --- ---- seines -------- --- | Matthaus 9,20 |
21 | Matthaus 9,21 | Denn sie sagte bei sich selbst: Wenn ich nur sein Gewand anrühre, so bin ich geheilt! | ---- sie ----- --- sich ------- ---- ich --- ---- Gewand --------- -- bin --- -------- | ---- --- sagte --- ---- ------- ---- ich --- ---- ------ --------- so --- --- -------- | Matthaus 9,21 |
22 | Matthaus 9,22 | Jesus aber wandte sich um, sah sie und sprach: Sei getrost, meine Tochter! Dein Glaube hat dich gerettet! Und die Frau war geheilt von jener Stunde an. | ----- aber ------ ---- um, --- --- und ------- --- getrost, ----- -------- Dein ------ --- dich --------- --- die ---- --- geheilt --- ----- Stunde --- | ----- ---- wandte ---- --- --- --- und ------- --- -------- ----- Tochter! ---- ------ --- ---- gerettet! --- --- ---- --- geheilt --- ----- ------ --- | Matthaus 9,22 |
23 | Matthaus 9,23 | Als nun Jesus in das Haus des Vorstehers kam und die Pfeifer und das Getümmel sah, | --- nun ----- -- das ---- --- Vorstehers --- --- die ------- --- das --------- ---- | --- --- Jesus -- --- ---- --- Vorstehers --- --- --- ------- und --- --------- ---- | Matthaus 9,23 |
24 | Matthaus 9,24 | spricht er zu ihnen: Entfernt euch! Denn das Mädchen ist nicht gestorben, sondern es schläft. Und sie lachten ihn aus. | ------- er -- ------ Entfernt ----- ---- das -------- --- nicht ---------- ------- es --------- --- sie ------- --- aus. | ------- -- zu ------ -------- ----- ---- das -------- --- ----- ---------- sondern -- --------- --- --- lachten --- ---- | Matthaus 9,24 |
25 | Matthaus 9,25 | Als aber die Menge hinausgetrieben war, ging er hinein und ergriff ihre Hand; und das Mädchen stand auf. | --- aber --- ----- hinausgetrieben ---- ---- er ------ --- ergriff ---- ----- und --- -------- stand ---- | --- ---- die ----- --------------- ---- ---- er ------ --- ------- ---- Hand; --- --- -------- ----- auf. | Matthaus 9,25 |
26 | Matthaus 9,26 | Und die Nachricht hiervon verbreitete sich in jener ganzen Gegend. | --- die --------- ------- verbreitete ---- -- jener ------ ------- | --- --- Nachricht ------- ----------- ---- -- jener ------ ------- | Matthaus 9,26 |
27 | Matthaus 9,27 | Und als Jesus von dort weiterging, folgten ihm zwei Blinde nach, die schrien und sprachen: Du Sohn Davids, erbarme dich über uns! | --- als ----- --- dort ----------- ------- ihm ---- ------ nach, --- ------- und --------- -- Sohn ------- ------- dich ----- ---- | --- --- Jesus --- ---- ----------- ------- ihm ---- ------ ----- --- schrien --- --------- -- ---- Davids, ------- ---- ----- ---- | Matthaus 9,27 |
28 | Matthaus 9,28 | Als er nun ins Haus kam, traten die Blinden zu ihm. Und Jesus fragte sie: Glaubt ihr, dass ich dies tun kann? Sie sprachen zu ihm: Ja, Herr! | --- er --- --- Haus ---- ------ die ------- -- ihm. --- ----- fragte ---- ------ ihr, ---- --- dies --- ----- Sie -------- -- ihm: --- ----- | --- -- nun --- ---- ---- ------ die ------- -- ---- --- Jesus ------ ---- ------ ---- dass --- ---- --- ----- Sie -------- -- ---- --- Herr! | Matthaus 9,28 |
29 | Matthaus 9,29 | Da rührte er ihre Augen an und sprach: Euch geschehe nach eurem Glauben! | -- rührte -- ---- Augen -- --- sprach: ---- -------- nach ----- -------- | -- ------- er ---- ----- -- --- sprach: ---- -------- ---- ----- Glauben! | Matthaus 9,29 |
30 | Matthaus 9,30 | Und ihre Augen wurden geöffnet. Und Jesus ermahnte sie ernstlich und sprach: Seht zu, dass es niemand erfährt! | --- ihre ----- ------ geöffnet. --- ----- ermahnte --- --------- und ------- ---- zu, ---- -- niemand --------- | --- ---- Augen ------ ---------- --- ----- ermahnte --- --------- --- ------- Seht --- ---- -- ------- erfährt! | Matthaus 9,30 |
31 | Matthaus 9,31 | Sie aber gingen hinaus und machten ihn in jener ganzen Gegend bekannt. | --- aber ------ ------ und ------- --- in ----- ------ Gegend -------- | --- ---- gingen ------ --- ------- --- in ----- ------ ------ -------- | Matthaus 9,31 |
32 | Matthaus 9,32 | Als sie aber hinausgingen, siehe, da brachte man einen Menschen zu ihm, der stumm und besessen war. | --- sie ---- ------------- siehe, -- ------- man ----- -------- zu ---- --- stumm --- -------- war. | --- --- aber ------------- ------ -- ------- man ----- -------- -- ---- der ----- --- -------- ---- | Matthaus 9,32 |
33 | Matthaus 9,33 | Und nachdem der Dämon ausgetrieben war, redete der Stumme. Und die Volksmenge verwunderte sich und sprach: So etwas ist noch nie in Israel gesehen worden! | --- nachdem --- ------ ausgetrieben ---- ------ der ------- --- die ---------- ----------- sich --- ------- So ----- --- noch --- -- Israel ------- ------- | --- ------- der ------ ------------ ---- ------ der ------- --- --- ---------- verwunderte ---- --- ------- -- etwas --- ---- --- -- Israel ------- ------- | Matthaus 9,33 |
34 | Matthaus 9,34 | Die Pharisäer aber sagten: Durch den Obersten der Dämonen treibt er die Dämonen aus! | --- Pharisäer ---- ------- Durch --- -------- der -------- ------ er --- -------- aus! | --- ---------- aber ------- ----- --- -------- der -------- ------ -- --- Dämonen ---- | Matthaus 9,34 |
35 | Matthaus 9,35 | Und Jesus durchzog alle Städte und Dörfer, lehrte in ihren Synagogen, verkündigte das Evangelium von dem Reich und heilte jede Krankheit und jedes Gebrechen im Volk. | --- Jesus -------- ---- Städte --- -------- lehrte -- ----- Synagogen, ------------ --- Evangelium --- --- Reich --- ------ jede --------- --- jedes --------- -- Volk. | --- ----- durchzog ---- ------- --- -------- lehrte -- ----- ---------- ------------ das ---------- --- --- ----- und ------ ---- --------- --- jedes --------- -- ----- | Matthaus 9,35 |
36 | Matthaus 9,36 | Als er aber die Volksmenge sah, empfand er Mitleid mit ihnen, weil sie ermattet und vernachlässigt waren wie Schafe, die keinen Hirten haben. | --- er ---- --- Volksmenge ---- ------- er ------- --- ihnen, ---- --- ermattet --- --------------- waren --- ------- die ------ ------ haben. | --- -- aber --- ---------- ---- ------- er ------- --- ------ ---- sie -------- --- --------------- ----- wie ------- --- ------ ------ haben. | Matthaus 9,36 |
37 | Matthaus 9,37 | Da sprach er zu seinen Jüngern: Die Ernte ist groß, aber es sind wenige Arbeiter. | -- sprach -- -- seinen --------- --- Ernte --- ------ aber -- ---- wenige --------- | -- ------ er -- ------ --------- --- Ernte --- ------ ---- -- sind ------ --------- | Matthaus 9,37 |
38 | Matthaus 9,38 | Darum bittet den Herrn der Ernte, dass er Arbeiter in seine Ernte aussende! | ----- bittet --- ----- der ------ ---- er -------- -- seine ----- --------- | ----- ------ den ----- --- ------ ---- er -------- -- ----- ----- aussende! | Matthaus 9,38 |