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Deutsch 40-Matthaus 012(Schl2000)

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1

Matthaus 12,1

Zu jener Zeit ging Jesus am Sabbat durch die Kornfelder; seine Jünger aber waren hungrig und fingen an, ö"hren abzustreifen und zu essen.

-- jener ---- ---- Jesus -- ------ durch --- ----------- seine ------- ---- waren ------- --- fingen --- ------- abzustreifen --- -- essen.

-- ----- Zeit ---- ----- -- ------ durch --- ----------- ----- ------- aber ----- ------- --- ------ an, ------- ------------ --- -- essen.

Matthaus 12,1


2

Matthaus 12,2

Als aber die Pharisäer das sahen, sprachen sie zu ihm: Siehe, deine Jünger tun, was am Sabbat zu tun nicht erlaubt ist!

--- aber --- ---------- das ------ -------- sie -- ---- Siehe, ----- ------- tun, --- -- Sabbat -- --- nicht ------- ----

--- ---- die ---------- --- ------ -------- sie -- ---- ------ ----- Jünger ---- --- -- ------ zu --- ----- ------- ----

Matthaus 12,2


3

Matthaus 12,3

Er aber sagte zu ihnen: Habt ihr nicht gelesen, was David tat, als er und seine Gefährten hungrig waren?

-- aber ----- -- ihnen: ---- --- nicht -------- --- David ---- --- er --- ----- Gefährten ------- ------

-- ---- sagte -- ------ ---- --- nicht -------- --- ----- ---- als -- --- ----- ---------- hungrig ------

Matthaus 12,3


4

Matthaus 12,4

Wie er in das Haus Gottes hineinging und die Schaubrote aß, welche weder er noch seine Gefährten essen durften, sondern allein die Priester?

--- er -- --- Haus ------ ---------- und --- ---------- aß, ------ ----- er ---- ----- Gefährten ----- -------- sondern ------ --- Priester?

--- -- in --- ---- ------ ---------- und --- ---------- ---- ------ weder -- ---- ----- ---------- essen -------- ------- ------ --- Priester?

Matthaus 12,4


5

Matthaus 12,5

Oder habt ihr nicht im Gesetz gelesen, dass am Sabbat die Priester im Tempel den Sabbat entweihen und doch ohne Schuld sind?

---- habt --- ----- im ------ -------- dass -- ------ die -------- -- Tempel --- ------ entweihen --- ---- ohne ------ -----

---- ---- ihr ----- -- ------ -------- dass -- ------ --- -------- im ------ --- ------ --------- und ---- ---- ------ -----

Matthaus 12,5


6

Matthaus 12,6

Ich sage euch aber: Hier ist einer, der größer ist als der Tempel!

--- sage ---- ----- Hier --- ------ der -------- --- als --- -------

--- ---- euch ----- ---- --- ------ der -------- --- --- --- Tempel!

Matthaus 12,6


7

Matthaus 12,7

Wenn ihr aber wüsstet, was das heißt: »Ich will Barmherzigkeit und nicht Opfer«, so hättet ihr nicht die Unschuldigen verurteilt.

---- ihr ---- --------- was --- ------- »Ich ---- -------------- und ----- -------- so ------- --- nicht --- ------------ verurteilt.

---- --- aber --------- --- --- ------- »Ich ---- -------------- --- ----- Opfer«, -- ------- --- ----- die ------------ -----------

Matthaus 12,7


8

Matthaus 12,8

Denn der Sohn des Menschen ist Herr auch über den Sabbat.

---- der ---- --- Menschen --- ---- auch ----- --- Sabbat.

---- --- Sohn --- -------- --- ---- auch ----- --- -------

Matthaus 12,8


9

Matthaus 12,9

Und er ging von dort weiter und kam in ihre Synagoge.

--- er ---- --- dort ------ --- kam -- ---- Synagoge.

--- -- ging --- ---- ------ --- kam -- ---- ---------

Matthaus 12,9


10

Matthaus 12,10

Und siehe, da war ein Mensch, der hatte eine verdorrte Hand. Und sie fragten ihn und sprachen: Darf man am Sabbat heilen?, damit sie ihn verklagen könnten.

--- siehe, -- --- ein ------- --- hatte ---- --------- Hand. --- --- fragten --- --- sprachen: ---- --- am ------ -------- damit --- --- verklagen ---------

--- ------ da --- --- ------- --- hatte ---- --------- ----- --- sie ------- --- --- --------- Darf --- -- ------ -------- damit --- --- --------- ---------

Matthaus 12,10


11

Matthaus 12,11

Er aber sprach zu ihnen: Welcher Mensch ist unter euch, der ein Schaf hat und, wenn es am Sabbat in eine Grube fällt, es nicht ergreift und herauszieht?

-- aber ------ -- ihnen: ------- ------ ist ----- ----- der --- ----- hat ---- ---- es -- ------ in ---- ----- fällt, -- ----- ergreift --- ------------

-- ---- sprach -- ------ ------- ------ ist ----- ----- --- --- Schaf --- ---- ---- -- am ------ -- ---- ----- fällt, -- ----- -------- --- herauszieht?

Matthaus 12,11


12

Matthaus 12,12

Wieviel mehr ist nun ein Mensch wert als ein Schaf! Darum darf man am Sabbat wohl Gutes tun.

------- mehr --- --- ein ------ ---- als --- ------ Darum ---- --- am ------ ---- Gutes ----

------- ---- ist --- --- ------ ---- als --- ------ ----- ---- man -- ------ ---- ----- tun.

Matthaus 12,12


13

Matthaus 12,13

Dann sprach er zu dem Menschen: Strecke deine Hand aus! Und er streckte sie aus, und sie wurde gesund wie die andere.

---- sprach -- -- dem --------- ------- deine ---- ---- Und -- -------- sie ---- --- sie ----- ------ wie --- -------

---- ------ er -- --- --------- ------- deine ---- ---- --- -- streckte --- ---- --- --- wurde ------ --- --- -------

Matthaus 12,13


14

Matthaus 12,14

Da gingen die Pharisäer hinaus und hielten Rat gegen ihn, wie sie ihn umbringen könnten.

-- gingen --- ---------- hinaus --- ------- Rat ----- ---- wie --- --- umbringen ---------

-- ------ die ---------- ------ --- ------- Rat ----- ---- --- --- ihn --------- ---------

Matthaus 12,14


15

Matthaus 12,15

Jesus aber zog sich von dort zurück, als er es bemerkte. Und es folgte ihm eine große Menge nach, und er heilte sie alle.

----- aber --- ---- von ---- -------- als -- -- bemerkte. --- -- folgte --- ---- große ----- ----- und -- ------ sie -----

----- ---- zog ---- --- ---- -------- als -- -- --------- --- es ------ --- ---- ------ Menge ----- --- -- ------ sie -----

Matthaus 12,15


16

Matthaus 12,16

Und er befahl ihnen, dass sie ihn nicht offenbar machen sollten,

--- er ------ ------ dass --- --- nicht -------- ------ sollten,

--- -- befahl ------ ---- --- --- nicht -------- ------ --------

Matthaus 12,16


17

Matthaus 12,17

damit erfüllt würde, was durch den Propheten Jesaja geredet wurde, der spricht:

----- erfüllt ------- --- durch --- --------- Jesaja ------- ------ der --------

----- -------- würde, --- ----- --- --------- Jesaja ------- ------ --- --------

Matthaus 12,17


18

Matthaus 12,18

»Siehe, mein Knecht, den ich erwählt habe, mein Geliebter, an dem meine Seele Wohlgefallen hat! Ich will meinen Geist auf ihn legen, und er wird den Heiden das Recht verkündigen.

-------- mein ------- --- ich -------- ----- mein ---------- -- dem ----- ----- Wohlgefallen ---- --- will ------ ----- auf --- ------ und -- ---- den ------ --- Recht -------------

-------- ---- Knecht, --- --- -------- ----- mein ---------- -- --- ----- Seele ------------ ---- --- ---- meinen ----- --- --- ------ und -- ---- --- ------ das ----- -------------

Matthaus 12,18


19

Matthaus 12,19

Er wird nicht streiten noch schreien, und niemand wird auf den Gassen seine Stimme hören.

-- wird ----- -------- noch --------- --- niemand ---- --- den ------ ----- Stimme -------

-- ---- nicht -------- ---- --------- --- niemand ---- --- --- ------ seine ------ -------

Matthaus 12,19


20

Matthaus 12,20

Das geknickte Rohr wird er nicht zerbrechen, und den glimmenden Docht wird er nicht auslöschen, bis er das Recht zum Sieg hinausführt.

--- geknickte ---- ---- er ----- ----------- und --- ---------- Docht ---- -- nicht ------------ --- er --- ----- zum ---- -------------

--- --------- Rohr ---- -- ----- ----------- und --- ---------- ----- ---- er ----- ------------ --- -- das ----- --- ---- -------------

Matthaus 12,20


21

Matthaus 12,21

Und die Heiden werden auf seinen Namen hoffen.«

--- die ------ ------ auf ------ ----- hoffen.«

--- --- Heiden ------ --- ------ ----- hoffen.«

Matthaus 12,21


22

Matthaus 12,22

Da wurde ein Besessener zu ihm gebracht, der blind und stumm war, und er heilte ihn, so dass der Blinde und Stumme sowohl redete als auch sah.

-- wurde --- ---------- zu --- --------- der ----- --- stumm ---- --- er ------ ---- so ---- --- Blinde --- ------ sowohl ------ --- auch ----

-- ----- ein ---------- -- --- --------- der ----- --- ----- ---- und -- ------ ---- -- dass --- ------ --- ------ sowohl ------ --- ---- ----

Matthaus 12,22


23

Matthaus 12,23

Und die Volksmenge staunte und sprach: Ist dieser nicht etwa der Sohn Davids?

--- die ---------- ------- und ------- --- dieser ----- ---- der ---- -------

--- --- Volksmenge ------- --- ------- --- dieser ----- ---- --- ---- Davids?

Matthaus 12,23


24

Matthaus 12,24

Als aber die Pharisäer es hörten, sprachen sie: Dieser treibt die Dämonen nicht anders aus als durch Beelzebul, den Obersten der Dämonen!

--- aber --- ---------- es -------- -------- sie: ------ ------ die -------- ----- anders --- --- durch ---------- --- Obersten --- ---------

--- ---- die ---------- -- -------- -------- sie: ------ ------ --- -------- nicht ------ --- --- ----- Beelzebul, --- -------- --- ---------

Matthaus 12,24


25

Matthaus 12,25

Da aber Jesus ihre Gedanken kannte, sprach er zu ihnen: Jedes Reich, das mit sich selbst uneins ist, wird verwüstet, und keine Stadt, kein Haus, das mit sich selbst uneins ist, kann bestehen.

-- aber ----- ---- Gedanken ------- ------ er -- ------ Jedes ------ --- mit ---- ------ uneins ---- ---- verwüstet, --- ----- Stadt, ---- ----- das --- ---- selbst ------ ---- kann ---------

-- ---- Jesus ---- -------- ------- ------ er -- ------ ----- ------ das --- ---- ------ ------ ist, ---- ----------- --- ----- Stadt, ---- ----- --- --- sich ------ ------ ---- ---- bestehen.

Matthaus 12,25


26

Matthaus 12,26

Wenn nun der Satan den Satan austreibt, so ist er mit sich selbst uneins. Wie kann dann sein Reich bestehen?

---- nun --- ----- den ----- ---------- so --- -- mit ---- ------ uneins. --- ---- dann ---- ----- bestehen?

---- --- der ----- --- ----- ---------- so --- -- --- ---- selbst ------- --- ---- ---- sein ----- ---------

Matthaus 12,26


27

Matthaus 12,27

Und wenn ich die Dämonen durch Beelzebul austreibe, durch wen treiben eure Söhne sie aus? Darum werden sie eure Richter sein.

--- wenn --- --- Dämonen ----- --------- austreibe, ----- --- treiben ---- ------ sie ---- ----- werden --- ---- Richter -----

--- ---- ich --- -------- ----- --------- austreibe, ----- --- ------- ---- Söhne --- ---- ----- ------ sie ---- ------- -----

Matthaus 12,27


28

Matthaus 12,28

Wenn ich aber die Dämonen durch den Geist Gottes austreibe, so ist ja das Reich Gottes zu euch gekommen!

---- ich ---- --- Dämonen ----- --- Geist ------ ---------- so --- -- das ----- ------ zu ---- ---------

---- --- aber --- -------- ----- --- Geist ------ ---------- -- --- ja --- ----- ------ -- euch ---------

Matthaus 12,28


29

Matthaus 12,29

Oder wie kann jemand in das Haus des Starken hineingehen und seinen Hausrat rauben, wenn er nicht zuerst den Starken bindet? Erst dann kann er sein Haus berauben.

---- wie ---- ------ in --- ---- des ------- ----------- und ------ ------- rauben, ---- -- nicht ------ --- Starken ------- ---- dann ---- -- sein ---- ---------

---- --- kann ------ -- --- ---- des ------- ----------- --- ------ Hausrat ------- ---- -- ----- zuerst --- ------- ------- ---- dann ---- -- ---- ---- berauben.

Matthaus 12,29


30

Matthaus 12,30

Wer nicht mit mir ist, der ist gegen mich, und wer nicht mit mir sammelt, der zerstreut!

--- nicht --- --- ist, --- --- gegen ----- --- wer ----- --- mir -------- --- zerstreut!

--- ----- mit --- ---- --- --- gegen ----- --- --- ----- mit --- -------- --- ----------

Matthaus 12,30


31

Matthaus 12,31

Darum sage ich euch: Jede Sünde und Lästerung wird den Menschen vergeben werden; aber die Lästerung des Geistes wird den Menschen nicht vergeben werden.

----- sage --- ----- Jede ------ --- Lästerung ---- --- Menschen -------- ------- aber --- ---------- des ------- ---- den -------- ----- vergeben -------

----- ---- ich ----- ---- ------ --- Lästerung ---- --- -------- -------- werden; ---- --- ---------- --- Geistes ---- --- -------- ----- vergeben -------

Matthaus 12,31


32

Matthaus 12,32

Und wer ein Wort redet gegen den Sohn des Menschen, dem wird vergeben werden; wer aber gegen den Heiligen Geist redet, dem wird nicht vergeben werden, weder in dieser Weltzeit noch in der zukünftigen.

--- wer --- ---- redet ----- --- Sohn --- --------- dem ---- -------- werden; --- ---- gegen --- -------- Geist ------ --- wird ----- -------- werden, ----- -- dieser -------- ---- in --- -------------

--- --- ein ---- ----- ----- --- Sohn --- --------- --- ---- vergeben ------- --- ---- ----- den -------- ----- ------ --- wird ----- -------- ------- ----- in ------ -------- ---- -- der -------------

Matthaus 12,32


33

Matthaus 12,33

Entweder pflanzt einen guten Baum, so wird die Frucht gut, oder pflanzt einen schlechten Baum, so wird die Frucht schlecht! Denn an der Frucht erkennt man den Baum.

-------- pflanzt ----- ----- Baum, -- ---- die ------ ---- oder ------- ----- schlechten ----- -- wird --- ------ schlecht! ---- -- der ------ ------- man --- -----

-------- ------- einen ----- ----- -- ---- die ------ ---- ---- ------- einen ---------- ----- -- ---- die ------ --------- ---- -- der ------ ------- --- --- Baum.

Matthaus 12,33


34

Matthaus 12,34

Schlangenbrut, wie könnt ihr Gutes reden, da ihr böse seid? Denn wovon das Herz voll ist, davon redet der Mund.

-------------- wie ------ --- Gutes ------ -- ihr ----- ----- Denn ----- --- Herz ---- ---- davon ----- --- Mund.

-------------- --- könnt --- ----- ------ -- ihr ----- ----- ---- ----- das ---- ---- ---- ----- redet --- -----

Matthaus 12,34


35

Matthaus 12,35

Der gute Mensch bringt aus dem guten Schatz des Herzens das Gute hervor, und der böse Mensch bringt aus seinem bösen Schatz Böses hervor.

--- gute ------ ------ aus --- ----- Schatz --- ------- das ---- ------- und --- ----- Mensch ------ --- seinem ------ ------ Böses -------

--- ---- Mensch ------ --- --- ----- Schatz --- ------- --- ---- hervor, --- --- ----- ------ bringt --- ------ ------ ------ Böses -------

Matthaus 12,35


36

Matthaus 12,36

Ich sage euch aber, dass die Menschen am Tag des Gerichts Rechenschaft geben müssen von jedem unnützen Wort, das sie geredet haben.

--- sage ---- ----- dass --- -------- am --- --- Gerichts ------------ ----- müssen --- ----- unnützen ----- --- sie ------- ------

--- ---- euch ----- ---- --- -------- am --- --- -------- ------------ geben ------- --- ----- --------- Wort, --- --- ------- ------

Matthaus 12,36


37

Matthaus 12,37

Denn nach deinen Worten wirst du gerechtfertigt, und nach deinen Worten wirst du verurteilt werden!

---- nach ------ ------ wirst -- --------------- und ---- ------ Worten ----- -- verurteilt -------

---- ---- deinen ------ ----- -- --------------- und ---- ------ ------ ----- du ---------- -------

Matthaus 12,37


38

Matthaus 12,38

Da antworteten etliche der Schriftgelehrten und Pharisäer und sprachen: Meister, wir wollen von dir ein Zeichen sehen!

-- antworteten ------- --- Schriftgelehrten --- ---------- und --------- -------- wir ------ --- dir --- ------- sehen!

-- ----------- etliche --- ---------------- --- ---------- und --------- -------- --- ------ von --- --- ------- ------

Matthaus 12,38


39

Matthaus 12,39

Er aber erwiderte und sprach zu ihnen: Ein böses und ehebrecherisches Geschlecht begehrt ein Zeichen; aber es wird ihm kein Zeichen gegeben werden als nur das Zeichen des Propheten Jona.

-- aber --------- --- sprach -- ------ Ein ------ --- ehebrecherisches ---------- ------- ein -------- ---- es ---- --- kein ------- ------- werden --- --- das ------- --- Propheten -----

-- ---- erwiderte --- ------ -- ------ Ein ------ --- ---------------- ---------- begehrt --- -------- ---- -- wird --- ---- ------- ------- werden --- --- --- ------- des --------- -----

Matthaus 12,39


40

Matthaus 12,40

Denn gleichwie Jona drei Tage und drei Nächte im Bauch des Riesenfisches war, so wird der Sohn des Menschen drei Tage und drei Nächte im Schoß der Erde sein.

---- gleichwie ---- ---- Tage --- ---- Nächte -- ----- des ------------- ---- so ---- --- Sohn --- -------- drei ---- --- drei ------- -- Schoß --- ---- sein.

---- --------- Jona ---- ---- --- ---- Nächte -- ----- --- ------------- war, -- ---- --- ---- des -------- ---- ---- --- drei ------- -- ------ --- Erde -----

Matthaus 12,40


41

Matthaus 12,41

Die Männer von Ninive werden im Gericht auftreten gegen dieses Geschlecht und werden es verurteilen, denn sie taten Buße auf die Verkündigung des Jona hin; und siehe, hier ist einer, der größer ist als Jona!

--- Männer --- ------ werden -- ------- auftreten ----- ------ Geschlecht --- ------ es ------------ ---- sie ----- ----- auf --- ------------- des ---- ---- und ------ ---- ist ------ --- größer --- --- Jona!

--- ------- von ------ ------ -- ------- auftreten ----- ------ ---------- --- werden -- ------------ ---- --- taten ----- --- --- ------------- des ---- ---- --- ------ hier --- ------ --- -------- ist --- -----

Matthaus 12,41


42

Matthaus 12,42

Die Königin des Südens wird im Gericht auftreten gegen dieses Geschlecht und wird es verurteilen, denn sie kam vom Ende der Erde, um die Weisheit Salomos zu hören; und siehe, hier ist einer, der größer ist als Salomo!

--- Königin --- ------- wird -- ------- auftreten ----- ------ Geschlecht --- ---- es ------------ ---- sie --- --- Ende --- ----- um --- -------- Salomos -- ------- und ------ ---- ist ------ --- größer --- --- Salomo!

--- -------- des ------- ---- -- ------- auftreten ----- ------ ---------- --- wird -- ------------ ---- --- kam --- ---- --- ----- um --- -------- ------- -- hören; --- ------ ---- --- einer, --- -------- --- --- Salomo!

Matthaus 12,42


43

Matthaus 12,43

Wenn aber der unreine Geist von dem Menschen ausgefahren ist, so durchzieht er wasserlose Stätten und sucht Ruhe und findet sie nicht.

---- aber --- ------- Geist --- --- Menschen ----------- ---- so ---------- -- wasserlose -------- --- sucht ---- --- findet --- ------

---- ---- der ------- ----- --- --- Menschen ----------- ---- -- ---------- er ---------- -------- --- ----- Ruhe --- ------ --- ------

Matthaus 12,43


44

Matthaus 12,44

Dann spricht er: Ich will in mein Haus zurückkehren, aus dem ich gegangen bin. Und wenn er kommt, findet er es leer, gesäubert und geschmückt.

---- spricht --- --- will -- ---- Haus -------------- --- dem --- -------- bin. --- ---- er ------ ------ er -- ----- gesäubert --- ------------

---- ------- er: --- ---- -- ---- Haus -------------- --- --- --- gegangen ---- --- ---- -- kommt, ------ -- -- ----- gesäubert --- ------------

Matthaus 12,44


45

Matthaus 12,45

Dann geht er hin und nimmt sieben andere Geister mit sich, die bösartiger sind als er; und sie ziehen ein und wohnen dort, und es wird zuletzt mit diesem Menschen schlimmer als zuerst. So wird es auch sein mit diesem bösen Geschlecht!

---- geht -- --- und ----- ------ andere ------- --- sich, --- ----------- sind --- --- und --- ------ ein --- ------ dort, --- -- wird ------- --- diesem -------- --------- als ------- -- wird -- ---- sein --- ------ bösen -----------

---- ---- er --- --- ----- ------ andere ------- --- ----- --- bösartiger ---- --- --- --- sie ------ --- --- ------ dort, --- -- ---- ------- mit ------ -------- --------- --- zuerst. -- ---- -- ---- sein --- ------ ------ -----------

Matthaus 12,45


46

Matthaus 12,46

Während er aber noch zu dem Volk redete, siehe, da standen seine Mutter und seine Brüder draußen und wollten mit ihm reden.

-------- er ---- ---- zu --- ---- redete, ------ -- standen ----- ------ und ----- ------- draußen --- ------- mit --- ------

-------- -- aber ---- -- --- ---- redete, ------ -- ------- ----- Mutter --- ----- ------- -------- und ------- --- --- ------

Matthaus 12,46


47

Matthaus 12,47

Da sprach einer zu ihm: Siehe, deine Mutter und deine Brüder stehen draußen und wollen mit dir reden!

-- sprach ----- -- ihm: ------ ----- Mutter --- ----- Brüder ------ -------- und ------ --- dir ------

-- ------ einer -- ---- ------ ----- Mutter --- ----- ------- ------ draußen --- ------ --- --- reden!

Matthaus 12,47


48

Matthaus 12,48

Er aber antwortete und sprach zu dem, der es ihm sagte: Wer ist meine Mutter, und wer sind meine Brüder?

-- aber ---------- --- sprach -- ---- der -- --- sagte: --- --- meine ------- --- wer ---- ----- Brüder?

-- ---- antwortete --- ------ -- ---- der -- --- ------ --- ist ----- ------- --- --- sind ----- --------

Matthaus 12,48


49

Matthaus 12,49

Und er streckte seine Hand aus über seine Jünger und sprach: Seht da, meine Mutter und meine Brüder!

--- er -------- ----- Hand --- ----- seine ------- --- sprach: ---- --- meine ------ --- meine --------

--- -- streckte ----- ---- --- ----- seine ------- --- ------- ---- da, ----- ------ --- ----- Brüder!

Matthaus 12,49


50

Matthaus 12,50

Denn wer den Willen meines Vaters im Himmel tut, der ist mir Bruder und Schwester und Mutter!

---- wer --- ------ meines ------ -- Himmel ---- --- ist --- ------ und --------- --- Mutter!

---- --- den ------ ------ ------ -- Himmel ---- --- --- --- Bruder --- --------- --- -------

Matthaus 12,50