Deutsch 40-Matthaus 021(Schl2000)
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1 | Matthaus 21,1 | Als sie sich nun Jerusalem näherten und nach Bethphage an den ö-lberg kamen, sandte Jesus zwei Jünger | --- sie ---- --- Jerusalem --------- --- nach --------- -- den -------- ------ sandte ----- ---- Jünger | --- --- sich --- --------- --------- --- nach --------- -- --- -------- kamen, ------ ----- ---- ------- | Matthaus 21,1 |
2 | Matthaus 21,2 | und sprach zu ihnen: Geht in das Dorf, das vor euch liegt, und sogleich werdet ihr eine Eselin angebunden finden und ein Füllen bei ihr; die bindet los und führt sie zu mir! | --- sprach -- ------ Geht -- --- Dorf, --- --- euch ------ --- sogleich ------ --- eine ------ ---------- finden --- --- Füllen --- ---- die ------ --- und ------ --- zu ---- | --- ------ zu ------ ---- -- --- Dorf, --- --- ---- ------ und -------- ------ --- ---- Eselin ---------- ------ --- --- Füllen --- ---- --- ------ los --- ------ --- -- mir! | Matthaus 21,2 |
3 | Matthaus 21,3 | Und wenn euch jemand etwas sagt, so sprecht: Der Herr braucht sie!, dann wird er sie sogleich senden. | --- wenn ---- ------ etwas ----- -- sprecht: --- ---- braucht ----- ---- wird -- --- sogleich ------- | --- ---- euch ------ ----- ----- -- sprecht: --- ---- ------- ----- dann ---- -- --- -------- senden. | Matthaus 21,3 |
4 | Matthaus 21,4 | Das ist aber alles geschehen, damit erfüllt würde, was durch den Propheten gesagt ist, der spricht: | --- ist ---- ----- geschehen, ----- -------- würde, --- ----- den --------- ------ ist, --- -------- | --- --- aber ----- ---------- ----- -------- würde, --- ----- --- --------- gesagt ---- --- -------- | Matthaus 21,4 |
5 | Matthaus 21,5 | »Sagt der Tochter Zion: Siehe, dein König kommt zu dir demütig und reitend auf einem Esel, und zwar auf einem Füllen, dem Jungen des Lasttiers«. | ------ der ------- ----- Siehe, ---- ------ kommt -- --- demütig --- ------- auf ----- ----- und ---- --- einem -------- --- Jungen --- ------------ | ------ --- Tochter ----- ------ ---- ------ kommt -- --- -------- --- reitend --- ----- ----- --- zwar --- ----- -------- --- Jungen --- ------------ | Matthaus 21,5 |
6 | Matthaus 21,6 | Die Jünger aber gingen hin und taten, wie Jesus ihnen befohlen hatte, | --- Jünger ---- ------ hin --- ------ wie ----- ----- befohlen ------ | --- ------- aber ------ --- --- ------ wie ----- ----- -------- ------ | Matthaus 21,6 |
7 | Matthaus 21,7 | und brachten die Eselin und das Füllen und legten ihre Kleider auf sie und setzten ihn darauf. | --- brachten --- ------ und --- ------- und ------ ---- Kleider --- --- und ------- --- darauf. | --- -------- die ------ --- --- ------- und ------ ---- ------- --- sie --- ------- --- ------- | Matthaus 21,7 |
8 | Matthaus 21,8 | Aber die meisten aus der Menge breiteten ihre Kleider aus auf dem Weg; andere hieben Zweige von den Bäumen und streuten sie auf den Weg. | ---- die ------- --- der ----- --------- ihre ------- --- auf --- ---- andere ------ ------ von --- ------- und -------- --- auf --- ---- | ---- --- meisten --- --- ----- --------- ihre ------- --- --- --- Weg; ------ ------ ------ --- den ------- --- -------- --- auf --- ---- | Matthaus 21,8 |
9 | Matthaus 21,9 | Und die Volksmenge, die vorausging, und die, welche nachfolgten, riefen und sprachen: Hosianna dem Sohn Davids! Gepriesen sei der, welcher kommt im Namen des Herrn! Hosianna in der Höhe! | --- die ----------- --- vorausging, --- ---- welche ------------ ------ und --------- -------- dem ---- ------- Gepriesen --- ---- welcher ----- -- Namen --- ------ Hosianna -- --- Höhe! | --- --- Volksmenge, --- ----------- --- ---- welche ------------ ------ --- --------- Hosianna --- ---- ------- --------- sei ---- ------- ----- -- Namen --- ------ -------- -- der ------ | Matthaus 21,9 |
10 | Matthaus 21,10 | Und als er in Jerusalem einzog, kam die ganze Stadt in Bewegung und sprach: Wer ist dieser? | --- als -- -- Jerusalem ------- --- die ----- ----- in -------- --- sprach: --- --- dieser? | --- --- er -- --------- ------- --- die ----- ----- -- -------- und ------- --- --- ------- | Matthaus 21,10 |
11 | Matthaus 21,11 | Die Menge aber sagte: Das ist Jesus, der Prophet von Nazareth in Galiläa! | --- Menge ---- ------ Das --- ------ der ------- --- Nazareth -- --------- | --- ----- aber ------ --- --- ------ der ------- --- -------- -- Galiläa! | Matthaus 21,11 |
12 | Matthaus 21,12 | Und Jesus ging in den Tempel Gottes hinein und trieb alle hinaus, die im Tempel verkauften und kauften, und stieß die Tische der Wechsler um und die Stühle der Taubenverkäufer. | --- Jesus ---- -- den ------ ------ hinein --- ----- alle ------- --- im ------ ---------- und -------- --- stieß --- ------ der -------- -- und --- ------- der ----------------- | --- ----- ging -- --- ------ ------ hinein --- ----- ---- ------- die -- ------ ---------- --- kauften, --- ------ --- ------ der -------- -- --- --- Stühle --- ----------------- | Matthaus 21,12 |
13 | Matthaus 21,13 | Und er sprach zu ihnen: Es steht geschrieben: »Mein Haus soll ein Bethaus genannt werden!« Ihr aber habt eine Räuberhöhle daraus gemacht! | --- er ------ -- ihnen: -- ----- geschrieben: ------ ---- soll --- ------- genannt --------- --- aber ---- ---- Räuberhöhle ------ -------- | --- -- sprach -- ------ -- ----- geschrieben: ------ ---- ---- --- Bethaus ------- --------- --- ---- habt ---- ------------- ------ -------- | Matthaus 21,13 |
14 | Matthaus 21,14 | Und es kamen Blinde und Lahme im Tempel zu ihm, und er heilte sie. | --- es ----- ------ und ----- -- Tempel -- ---- und -- ------ sie. | --- -- kamen ------ --- ----- -- Tempel -- ---- --- -- heilte ---- | Matthaus 21,14 |
15 | Matthaus 21,15 | Als aber die obersten Priester und die Schriftgelehrten die Wunder sahen, die er tat, und die Kinder, die im Tempel riefen und sprachen: Hosianna dem Sohn Davids!, da wurden sie entrüstet | --- aber --- -------- Priester --- --- Schriftgelehrten --- ------ sahen, --- -- tat, --- --- Kinder, --- -- Tempel ------ --- sprachen: -------- --- Sohn -------- -- wurden --- ---------- | --- ---- die -------- -------- --- --- Schriftgelehrten --- ------ ------ --- er ---- --- --- ------- die -- ------ ------ --- sprachen: -------- --- ---- -------- da ------ --- ---------- | Matthaus 21,15 |
16 | Matthaus 21,16 | und sprachen zu ihm: Hörst du, was diese sagen? Jesus aber sprach zu ihnen: Ja! Habt ihr noch nie gelesen: »Aus dem Mund der Unmündigen und Säuglinge hast du ein Lob bereitet«? | --- sprachen -- ---- Hörst --- --- diese ------ ----- aber ------ -- ihnen: --- ---- ihr ---- --- gelesen: ----- --- Mund --- ----------- und ---------- ---- du --- --- bereitet«? | --- -------- zu ---- ------ --- --- diese ------ ----- ---- ------ zu ------ --- ---- --- noch --- -------- ----- --- Mund --- ----------- --- ---------- hast -- --- --- ----------- | Matthaus 21,16 |
17 | Matthaus 21,17 | Und er verließ sie, ging zur Stadt hinaus nach Bethanien und übernachtete dort. | --- er -------- ---- ging --- ----- hinaus ---- --------- und ------------- ----- | --- -- verließ ---- ---- --- ----- hinaus ---- --------- --- ------------- dort. | Matthaus 21,17 |
18 | Matthaus 21,18 | Als er aber früh am Morgen in die Stadt zurückkehrte, hatte er Hunger. | --- er ---- ----- am ------ -- die ----- -------------- hatte -- ------- | --- -- aber ----- -- ------ -- die ----- -------------- ----- -- Hunger. | Matthaus 21,18 |
19 | Matthaus 21,19 | Und als er einen einzelnen Feigenbaum am Weg sah, ging er zu ihm hin und fand nichts daran als nur Blätter. Da sprach er zu ihm: Nun soll von dir keine Frucht mehr kommen in Ewigkeit! Und auf der Stelle verdorrte der Feigenbaum. | --- als -- ----- einzelnen ---------- -- Weg ---- ---- er -- --- hin --- ---- nichts ----- --- nur --------- -- sprach -- -- ihm: --- ---- von --- ----- Frucht ---- ------ in --------- --- auf --- ------ verdorrte --- ----------- | --- --- er ----- --------- ---------- -- Weg ---- ---- -- -- ihm --- --- ---- ------ daran --- --- --------- -- sprach -- -- ---- --- soll --- --- ----- ------ mehr ------ -- --------- --- auf --- ------ --------- --- Feigenbaum. | Matthaus 21,19 |
20 | Matthaus 21,20 | Und als die Jünger es sahen, verwunderten sie sich und sprachen: Wie ist der Feigenbaum so plötzlich verdorrt? | --- als --- ------- es ------ ------------ sie ---- --- sprachen: --- --- der ---------- -- plötzlich --------- | --- --- die ------- -- ------ ------------ sie ---- --- --------- --- ist --- ---------- -- ---------- verdorrt? | Matthaus 21,20 |
21 | Matthaus 21,21 | Jesus aber antwortete und sprach zu ihnen: Wahrlich, ich sage euch: Wenn ihr Glauben habt und nicht zweifelt, so werdet ihr nicht nur tun, was mit dem Feigenbaum geschah, sondern auch, wenn ihr zu diesem Berg sagt: Hebe dich und wirf dich ins Meer!, so wird es geschehen. | ----- aber ---------- --- sprach -- ------ Wahrlich, --- ---- euch: ---- --- Glauben ---- --- nicht --------- -- werdet --- ----- nur ---- --- mit --- ---------- geschah, ------- ----- wenn --- -- diesem ---- ----- Hebe ---- --- wirf ---- --- Meer!, -- ---- es ---------- | ----- ---- antwortete --- ------ -- ------ Wahrlich, --- ---- ----- ---- ihr ------- ---- --- ----- zweifelt, -- ------ --- ----- nur ---- --- --- --- Feigenbaum -------- ------- ----- ---- ihr -- ------ ---- ----- Hebe ---- --- ---- ---- ins ------ -- ---- -- geschehen. | Matthaus 21,21 |
22 | Matthaus 21,22 | Und alles, was ihr glaubend erbittet im Gebet, das werdet ihr empfangen! | --- alles, --- --- glaubend -------- -- Gebet, --- ------ ihr ---------- | --- ------ was --- -------- -------- -- Gebet, --- ------ --- ---------- | Matthaus 21,22 |
23 | Matthaus 21,23 | Und als er in den Tempel kam, traten die obersten Priester und die ö"ltesten des Volkes zu ihm, während er lehrte, und sprachen: In welcher Vollmacht tust du dies, und wer hat dir diese Vollmacht gegeben? | --- als -- -- den ------ ---- traten --- -------- Priester --- --- ö"ltesten --- ------ zu ---- -------- er ------- --- sprachen: -- ------- Vollmacht ---- -- dies, --- --- hat --- ----- Vollmacht -------- | --- --- er -- --- ------ ---- traten --- -------- -------- --- die ---------- --- ------ -- ihm, -------- -- ------- --- sprachen: -- ------- --------- ---- du ----- --- --- --- dir ----- --------- -------- | Matthaus 21,23 |
24 | Matthaus 21,24 | Und Jesus antwortete und sprach zu ihnen: Auch ich will euch ein Wort fragen; wenn ihr mir darauf antwortet, will ich euch auch sagen, in welcher Vollmacht ich dies tue. | --- Jesus ---------- --- sprach -- ------ Auch --- ---- euch --- ---- fragen; ---- --- mir ------ ---------- will --- ---- auch ------ -- welcher --------- --- dies ---- | --- ----- antwortete --- ------ -- ------ Auch --- ---- ---- --- Wort ------- ---- --- --- darauf ---------- ---- --- ---- auch ------ -- ------- --------- ich ---- ---- | Matthaus 21,24 |
25 | Matthaus 21,25 | Woher war die Taufe des Johannes? Vom Himmel oder von Menschen? Da überlegten sie bei sich selbst und sprachen: Wenn wir sagen: Vom Himmel, so wird er uns fragen: Warum habt ihr ihm dann nicht geglaubt? | ----- war --- ----- des --------- --- Himmel ---- --- Menschen? -- ----------- sie --- ---- selbst --- --------- Wenn --- ------ Vom ------- -- wird -- --- fragen: ----- ---- ihr --- ---- nicht --------- | ----- --- die ----- --- --------- --- Himmel ---- --- --------- -- überlegten --- --- ---- ------ und --------- ---- --- ------ Vom ------- -- ---- -- uns ------- ----- ---- --- ihm ---- ----- --------- | Matthaus 21,25 |
26 | Matthaus 21,26 | Wenn wir aber sagen: Von Menschen, so müssen wir die Volksmenge fürchten, denn alle halten Johannes für einen Propheten. | ---- wir ---- ------ Von --------- -- müssen --- --- Volksmenge ---------- ---- alle ------ -------- für ----- ---------- | ---- --- aber ------ --- --------- -- müssen --- --- ---------- ---------- denn ---- ------ -------- ---- einen ---------- | Matthaus 21,26 |
27 | Matthaus 21,27 | Und sie antworteten Jesus und sprachen: Wir wissen es nicht! Da sprach er zu ihnen: So sage ich euch auch nicht, in welcher Vollmacht ich dies tue. | --- sie ----------- ----- und --------- --- wissen -- ------ Da ------ -- zu ------ -- sage --- ---- auch ------ -- welcher --------- --- dies ---- | --- --- antworteten ----- --- --------- --- wissen -- ------ -- ------ er -- ------ -- ---- ich ---- ---- ------ -- welcher --------- --- ---- ---- | Matthaus 21,27 |
28 | Matthaus 21,28 | Was meint ihr aber? Ein Mensch hatte zwei Söhne. Und er ging zu dem ersten und sprach: Sohn, mache dich auf und arbeite heute in meinem Weinberg! | --- meint --- ----- Ein ------ ----- zwei ------- --- er ---- -- dem ------ --- sprach: ----- ----- dich --- --- arbeite ----- -- meinem --------- | --- ----- ihr ----- --- ------ ----- zwei ------- --- -- ---- zu --- ------ --- ------- Sohn, ----- ---- --- --- arbeite ----- -- ------ --------- | Matthaus 21,28 |
29 | Matthaus 21,29 | Der aber antwortete und sprach: Ich will nicht! Danach aber reute es ihn, und er ging. | --- aber ---------- --- sprach: --- ---- nicht! ------ ---- reute -- ---- und -- ----- | --- ---- antwortete --- ------- --- ---- nicht! ------ ---- ----- -- ihn, --- -- ----- | Matthaus 21,29 |
30 | Matthaus 21,30 | Und er ging zu dem zweiten und sagte dasselbe. Da antwortete dieser und sprach: Ich [gehe], Herr! und ging nicht. | --- er ---- -- dem ------- --- sagte --------- -- antwortete ------ --- sprach: --- ------- Herr! --- ---- nicht. | --- -- ging -- --- ------- --- sagte --------- -- ---------- ------ und ------- --- ------- ----- und ---- ------ | Matthaus 21,30 |
31 | Matthaus 21,31 | Wer von diesen beiden hat den Willen des Vaters getan? Sie sprachen zu ihm: Der erste. Da spricht Jesus zu ihnen: Wahrlich, ich sage euch: Die Zöllner und die Huren kommen eher in das Reich Gottes als ihr! | --- von ------ ------ hat --- ------ des ------ ------ Sie -------- -- ihm: --- ------ Da ------- ----- zu ------ --------- ich ---- ----- Die -------- --- die ----- ------ eher -- --- Reich ------ --- ihr! | --- --- diesen ------ --- --- ------ des ------ ------ --- -------- zu ---- --- ------ -- spricht ----- -- ------ --------- ich ---- ----- --- -------- und --- ----- ------ ---- in --- ----- ------ --- ihr! | Matthaus 21,31 |
32 | Matthaus 21,32 | Denn Johannes ist zu euch gekommen mit dem Weg der Gerechtigkeit, und ihr habt ihm nicht geglaubt. Die Zöllner und die Huren aber glaubten ihm; und obwohl ihr es gesehen habt, reute es euch nicht nachträglich, so dass ihr ihm geglaubt hättet. | ---- Johannes --- -- euch -------- --- dem --- --- Gerechtigkeit, --- --- habt --- ----- geglaubt. --- -------- und --- ----- aber -------- ---- und ------ --- es ------- ----- reute -- ---- nicht -------------- -- dass --- --- geglaubt -------- | ---- -------- ist -- ---- -------- --- dem --- --- -------------- --- ihr ---- --- ----- --------- Die -------- --- --- ----- aber -------- ---- --- ------ ihr -- ------- ----- ----- es ---- ----- -------------- -- dass --- --- -------- -------- | Matthaus 21,32 |
33 | Matthaus 21,33 | Hört ein anderes Gleichnis: Es war ein gewisser Hausherr, der pflanzte einen Weinberg, zog einen Zaun darum, grub eine Kelter darin, baute einen Wachtturm, verpachtete ihn an Weingärtner und reiste außer Landes. | ----- ein ------- ---------- Es --- --- gewisser --------- --- pflanzte ----- --------- zog ----- ---- darum, ---- ---- Kelter ------ ----- einen ---------- ----------- ihn -- ------------ und ------ ------ Landes. | ----- --- anderes ---------- -- --- --- gewisser --------- --- -------- ----- Weinberg, --- ----- ---- ------ grub ---- ------ ------ ----- einen ---------- ----------- --- -- Weingärtner --- ------ ------ ------- | Matthaus 21,33 |
34 | Matthaus 21,34 | Als nun die Zeit der Früchte nahte, sandte er seine Knechte zu den Weingärtnern, um seine Früchte in Empfang zu nehmen. | --- nun --- ---- der -------- ------ sandte -- ----- Knechte -- --- Weingärtnern, -- ----- Früchte -- ------- zu ------- | --- --- die ---- --- -------- ------ sandte -- ----- ------- -- den -------------- -- ----- -------- in ------- -- ------- | Matthaus 21,34 |
35 | Matthaus 21,35 | Aber die Weingärtner ergriffen seine Knechte und schlugen den einen, den anderen töteten sie, den dritten steinigten sie. | ---- die ------------ --------- seine ------- --- schlugen --- ------ den ------- -------- sie, --- ------- steinigten ---- | ---- --- Weingärtner --------- ----- ------- --- schlugen --- ------ --- ------- töteten ---- --- ------- ---------- sie. | Matthaus 21,35 |
36 | Matthaus 21,36 | Da sandte er wieder andere Knechte, mehr als zuvor; und sie behandelten sie ebenso. | -- sandte -- ------ andere -------- ---- als ------ --- sie ----------- --- ebenso. | -- ------ er ------ ------ -------- ---- als ------ --- --- ----------- sie ------- | Matthaus 21,36 |
37 | Matthaus 21,37 | Zuletzt sandte er seinen Sohn zu ihnen und sprach: Sie werden sich vor meinem Sohn scheuen! | ------- sandte -- ------ Sohn -- ----- und ------- --- werden ---- --- meinem ---- -------- | ------- ------ er ------ ---- -- ----- und ------- --- ------ ---- vor ------ ---- -------- | Matthaus 21,37 |
38 | Matthaus 21,38 | Als aber die Weingärtner den Sohn sahen, sprachen sie untereinander: Das ist der Erbe! Kommt, lasst uns ihn töten und sein Erbgut in Besitz nehmen! | --- aber --- ------------ den ---- ------ sprachen --- -------------- Das --- --- Erbe! ------ ----- uns --- ------ und ---- ------ in ------ ------- | --- ---- die ------------ --- ---- ------ sprachen --- -------------- --- --- der ----- ------ ----- --- ihn ------ --- ---- ------ in ------ ------- | Matthaus 21,38 |
39 | Matthaus 21,39 | Und sie ergriffen ihn, stießen ihn zum Weinberg hinaus und töteten ihn. | --- sie --------- ---- stießen --- --- Weinberg ------ --- töteten ---- | --- --- ergriffen ---- -------- --- --- Weinberg ------ --- -------- ---- | Matthaus 21,39 |
40 | Matthaus 21,40 | Wenn nun der Herr des Weinbergs kommt, was wird er mit diesen Weingärtnern tun? | ---- nun --- ---- des --------- ------ was ---- -- mit ------ ------------- tun? | ---- --- der ---- --- --------- ------ was ---- -- --- ------ Weingärtnern ---- | Matthaus 21,40 |
41 | Matthaus 21,41 | Sie sprachen zu ihm: Er wird die öœbeltäter auf üble Weise umbringen und den Weinberg anderen Weingärtnern verpachten, welche ihm die Früchte zu ihrer Zeit abliefern werden. | --- sprachen -- ---- Er ---- --- öœbeltäter --- ----- Weise --------- --- den -------- ------- Weingärtnern ----------- ------ ihm --- -------- zu ----- ---- abliefern ------- | --- -------- zu ---- -- ---- --- öœbeltäter --- ----- ----- --------- und --- -------- ------- ------------- verpachten, ------ --- --- -------- zu ----- ---- --------- ------- | Matthaus 21,41 |
42 | Matthaus 21,42 | Jesus spricht zu ihnen: Habt ihr noch nie in den Schriften gelesen: »Der Stein, den die Bauleute verworfen haben, der ist zum Eckstein geworden. Vom Herrn ist das geschehen, und es ist wunderbar in unseren Augen«? | ----- spricht -- ------ Habt --- ---- nie -- --- Schriften -------- ----- Stein, --- --- Bauleute --------- ------ der --- --- Eckstein --------- --- Herrn --- --- geschehen, --- -- ist --------- -- unseren -------- | ----- ------- zu ------ ---- --- ---- nie -- --- --------- -------- »Der ------ --- --- -------- verworfen ------ --- --- --- Eckstein --------- --- ----- --- das ---------- --- -- --- wunderbar -- ------- -------- | Matthaus 21,42 |
43 | Matthaus 21,43 | Darum sage ich euch: Das Reich Gottes wird von euch genommen und einem Volk gegeben werden, das dessen Früchte bringt. | ----- sage --- ----- Das ----- ------ wird --- ---- genommen --- ----- Volk ------- ------- das ------ -------- bringt. | ----- ---- ich ----- --- ----- ------ wird --- ---- -------- --- einem ---- ------- ------- --- dessen -------- ------- | Matthaus 21,43 |
44 | Matthaus 21,44 | Und wer auf diesen Stein fällt, der wird zerschmettert werden; auf wen er aber fällt, den wird er zermalmen. | --- wer --- ------ Stein ------- --- wird ------------- ------- auf --- -- aber ------- --- wird -- ---------- | --- --- auf ------ ----- ------- --- wird ------------- ------- --- --- er ---- ------- --- ---- er ---------- | Matthaus 21,44 |
45 | Matthaus 21,45 | Und als die obersten Priester und die Pharisäer seine Gleichnisse hörten, erkannten sie, dass er von ihnen redete. | --- als --- -------- Priester --- --- Pharisäer ----- ----------- hörten, --------- ---- dass -- --- ihnen ------- | --- --- die -------- -------- --- --- Pharisäer ----- ----------- -------- --------- sie, ---- -- --- ----- redete. | Matthaus 21,45 |
46 | Matthaus 21,46 | Und sie suchten ihn zu ergreifen, fürchteten aber die Volksmenge, weil sie ihn für einen Propheten hielt. | --- sie ------- --- zu ---------- ----------- aber --- ----------- weil --- --- für ----- --------- hielt. | --- --- suchten --- -- ---------- ----------- aber --- ----------- ---- --- ihn ---- ----- --------- ------ | Matthaus 21,46 |