Deutsch 40-Matthaus 025(Schl2000)
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1 | Matthaus 25,1 | Dann wird das Reich der Himmel zehn Jungfrauen gleichen, die ihre Lampen nahmen und dem Bräutigam entgegengingen. | ---- wird --- ----- der ------ ---- Jungfrauen --------- --- ihre ------ ------ und --- ---------- entgegengingen. | ---- ---- das ----- --- ------ ---- Jungfrauen --------- --- ---- ------ nahmen --- --- ---------- --------------- | Matthaus 25,1 |
2 | Matthaus 25,2 | Fünf von ihnen aber waren klug und fünf töricht. | ----- von ----- ---- waren ---- --- fünf --------- | ----- --- ihnen ---- ----- ---- --- fünf --------- | Matthaus 25,2 |
3 | Matthaus 25,3 | Die törichten nahmen zwar ihre Lampen, aber sie nahmen kein ö-l mit sich. | --- törichten ------ ---- ihre ------- ---- sie ------ ---- ö-l --- ----- | --- ---------- nahmen ---- ---- ------- ---- sie ------ ---- ---- --- sich. | Matthaus 25,3 |
4 | Matthaus 25,4 | Die klugen aber nahmen ö-l in ihren Gefäßen mitsamt ihren Lampen. | --- klugen ---- ------ ö-l -- ----- Gefäßen ------- ----- Lampen. | --- ------ aber ------ ---- -- ----- Gefäßen ------- ----- ------- | Matthaus 25,4 |
5 | Matthaus 25,5 | Als nun der Bräutigam auf sich warten ließ, wurden sie alle schläfrig und schliefen ein. | --- nun --- ---------- auf ---- ------ ließ, ------ --- alle ---------- --- schliefen ---- | --- --- der ---------- --- ---- ------ ließ, ------ --- ---- ---------- und --------- ---- | Matthaus 25,5 |
6 | Matthaus 25,6 | Um Mitternacht aber entstand ein Geschrei: Siehe, der Bräutigam kommt! Geht aus, ihm entgegen! | -- Mitternacht ---- -------- ein --------- ------ der ---------- ------ Geht ---- --- entgegen! | -- ----------- aber -------- --- --------- ------ der ---------- ------ ---- ---- ihm --------- | Matthaus 25,6 |
7 | Matthaus 25,7 | Da erwachten alle jene Jungfrauen und machten ihre Lampen bereit. | -- erwachten ---- ---- Jungfrauen --- ------- ihre ------ ------- | -- --------- alle ---- ---------- --- ------- ihre ------ ------- | Matthaus 25,7 |
8 | Matthaus 25,8 | Die törichten aber sprachen zu den klugen: Gebt uns von eurem ö-l, denn unsere Lampen erlöschen! | --- törichten ---- -------- zu --- ------- Gebt --- --- eurem ----- ---- unsere ------ ----------- | --- ---------- aber -------- -- --- ------- Gebt --- --- ----- ----- denn ------ ------ ----------- | Matthaus 25,8 |
9 | Matthaus 25,9 | Aber die klugen antworteten und sprachen: Nein, es würde nicht reichen für uns und für euch. Geht doch vielmehr hin zu den Händlern und kauft für euch selbst! | ---- die ------ ----------- und --------- ----- es ------ ----- reichen ---- --- und ---- ----- Geht ---- -------- hin -- --- Händlern --- ----- für ---- ------- | ---- --- klugen ----------- --- --------- ----- es ------ ----- ------- ---- uns --- ---- ----- ---- doch -------- --- -- --- Händlern --- ----- ---- ---- selbst! | Matthaus 25,9 |
10 | Matthaus 25,10 | Während sie aber hingingen, um zu kaufen, kam der Bräutigam; und die bereit waren, gingen mit ihm hinein zur Hochzeit; und die Tür wurde verschlossen. | -------- sie ---- ---------- um -- ------- kam --- ----------- und --- ------ waren, ------ --- ihm ------ --- Hochzeit; --- --- Tür ----- ------------- | -------- --- aber ---------- -- -- ------- kam --- ----------- --- --- bereit ------ ------ --- --- hinein --- --------- --- --- Tür ----- ------------- | Matthaus 25,10 |
11 | Matthaus 25,11 | Danach kommen auch die übrigen Jungfrauen und sagen: Herr, Herr, tue uns auf! | ------ kommen ---- --- übrigen ---------- --- sagen: ----- ----- tue --- ---- | ------ ------ auch --- -------- ---------- --- sagen: ----- ----- --- --- auf! | Matthaus 25,11 |
12 | Matthaus 25,12 | Er aber antwortete und sprach: Wahrlich, ich sage euch: Ich kenne euch nicht! | -- aber ---------- --- sprach: --------- --- sage ----- --- kenne ---- ------ | -- ---- antwortete --- ------- --------- --- sage ----- --- ----- ---- nicht! | Matthaus 25,12 |
13 | Matthaus 25,13 | Darum wacht! Denn ihr wisst weder den Tag noch die Stunde, in welcher der Sohn des Menschen kommen wird. | ----- wacht! ---- --- wisst ----- --- Tag ---- --- Stunde, -- ------- der ---- --- Menschen ------ ----- | ----- ------ Denn --- ----- ----- --- Tag ---- --- ------- -- welcher --- ---- --- -------- kommen ----- | Matthaus 25,13 |
14 | Matthaus 25,14 | Denn es ist wie bei einem Menschen, der außer Landes reisen wollte, seine Knechte rief und ihnen seine Güter übergab. | ---- es --- --- bei ----- --------- der ------ ------ reisen ------- ----- Knechte ---- --- ihnen ----- ------ übergab. | ---- -- ist --- --- ----- --------- der ------ ------ ------ ------- seine ------- ---- --- ----- seine ------ --------- | Matthaus 25,14 |
15 | Matthaus 25,15 | Dem einen gab er fünf Talente, dem anderen zwei, dem dritten eins, jedem nach seiner Kraft, und er reiste sogleich ab. | --- einen --- -- fünf -------- --- anderen ----- --- dritten ----- ----- nach ------ ------ und -- ------ sogleich --- | --- ----- gab -- ----- -------- --- anderen ----- --- ------- ----- jedem ---- ------ ------ --- er ------ -------- --- | Matthaus 25,15 |
16 | Matthaus 25,16 | Da ging der hin, welcher die fünf Talente empfangen hatte, handelte mit ihnen und gewann fünf weitere Talente. | -- ging --- ---- welcher --- ----- Talente --------- ------ handelte --- ----- und ------ ----- weitere -------- | -- ---- der ---- ------- --- ----- Talente --------- ------ -------- --- ihnen --- ------ ----- ------- Talente. | Matthaus 25,16 |
17 | Matthaus 25,17 | Und ebenso der, welcher die zwei Talente [empfangen hatte], auch er gewann zwei weitere. | --- ebenso ---- ------- die ---- ------- [empfangen ------- ---- er ------ ---- weitere. | --- ------ der, ------- --- ---- ------- [empfangen ------- ---- -- ------ zwei -------- | Matthaus 25,17 |
18 | Matthaus 25,18 | Aber der, welcher das eine empfangen hatte, ging hin, grub die Erde auf und verbarg das Geld seines Herrn. | ---- der, ------- --- eine --------- ------ ging ---- ---- die ---- --- und ------- --- Geld ------ ------ | ---- ---- welcher --- ---- --------- ------ ging ---- ---- --- ---- auf --- ------- --- ---- seines ------ | Matthaus 25,18 |
19 | Matthaus 25,19 | Nach langer Zeit aber kommt der Herr dieser Knechte und hält Abrechnung mit ihnen. | ---- langer ---- ---- kommt --- ---- dieser ------- --- hält ---------- --- ihnen. | ---- ------ Zeit ---- ----- --- ---- dieser ------- --- ----- ---------- mit ------ | Matthaus 25,19 |
20 | Matthaus 25,20 | Und es trat der hinzu, der die fünf Talente empfangen hatte, brachte noch fünf weitere Talente herzu und sprach: Herr, du hast mir fünf Talente übergeben; siehe, ich habe mit ihnen fünf weitere Talente gewonnen. | --- es ---- --- hinzu, --- --- fünf ------- --------- hatte, ------- ---- fünf ------- ------- herzu --- ------- Herr, -- ---- mir ----- ------- übergeben; ------ --- habe --- ----- fünf ------- ------- gewonnen. | --- -- trat --- ------ --- --- fünf ------- --------- ------ ------- noch ----- ------- ------- ----- und ------- ----- -- ---- mir ----- ------- ----------- ------ ich ---- --- ----- ----- weitere ------- --------- | Matthaus 25,20 |
21 | Matthaus 25,21 | Da sagte sein Herr zu ihm: Recht so, du guter und treuer Knecht! Du bist über wenigem treu gewesen, ich will dich über vieles setzen; geh ein zur Freude deines Herrn! | -- sagte ---- ---- zu ---- ----- so, -- ----- und ------ ------- Du ---- ----- wenigem ---- -------- ich ---- ---- über ------ ------- geh --- --- Freude ------ ------ | -- ----- sein ---- -- ---- ----- so, -- ----- --- ------ Knecht! -- ---- ----- ------- treu -------- --- ---- ---- über ------ ------- --- --- zur ------ ------ ------ | Matthaus 25,21 |
22 | Matthaus 25,22 | Und es trat auch der hinzu, der die zwei Talente empfangen hatte, und sprach: Herr, du hast mir zwei Talente übergeben; siehe, ich habe mit ihnen zwei andere Talente gewonnen. | --- es ---- ---- der ------ --- die ---- ------- empfangen ------ --- sprach: ----- -- hast --- ---- Talente ----------- ------ ich ---- --- ihnen ---- ------ Talente --------- | --- -- trat ---- --- ------ --- die ---- ------- --------- ------ und ------- ----- -- ---- mir ---- ------- ----------- ------ ich ---- --- ----- ---- andere ------- --------- | Matthaus 25,22 |
23 | Matthaus 25,23 | Sein Herr sagte zu ihm: Recht so, du guter und treuer Knecht! Du bist über wenigem treu gewesen, ich will dich über vieles setzen; geh ein zur Freude deines Herrn! | ---- Herr ----- -- ihm: ----- --- du ----- --- treuer ------- -- bist ----- ------- treu -------- --- will ---- ----- vieles ------- --- ein --- ------ deines ------ | ---- ---- sagte -- ---- ----- --- du ----- --- ------ ------- Du ---- ----- ------- ---- gewesen, --- ---- ---- ----- vieles ------- --- --- --- Freude ------ ------ | Matthaus 25,23 |
24 | Matthaus 25,24 | Da trat auch der hinzu, der das eine Talent empfangen hatte, und sprach: Herr, ich kannte dich, dass du ein harter Mann bist. Du erntest, wo du nicht gesät, und sammelst, wo du nicht ausgestreut hast; | -- trat ---- --- hinzu, --- --- eine ------ --------- hatte, --- ------- Herr, --- ------ dich, ---- -- ein ------ ---- bist. -- -------- wo -- ----- gesät, --- --------- wo -- ----- ausgestreut ----- | -- ---- auch --- ------ --- --- eine ------ --------- ------ --- sprach: ----- --- ------ ----- dass -- --- ------ ---- bist. -- -------- -- -- nicht ------- --- --------- -- du ----- ----------- ----- | Matthaus 25,24 |
25 | Matthaus 25,25 | und ich fürchtete mich, ging hin und verbarg dein Talent in der Erde. Siehe, da hast du das Deine! | --- ich ---------- ----- ging --- --- verbarg ---- ------ in --- ----- Siehe, -- ---- du --- ------ | --- --- fürchtete ----- ---- --- --- verbarg ---- ------ -- --- Erde. ------ -- ---- -- das ------ | Matthaus 25,25 |
26 | Matthaus 25,26 | Aber sein Herr antwortete und sprach zu ihm: Du böser und fauler Knecht! Wusstest du, dass ich ernte, wo ich nicht gesät, und sammle, wo ich nicht ausgestreut habe? | ---- sein ---- ---------- und ------ -- ihm: -- ------ und ------ ------- Wusstest --- ---- ich ------ -- ich ----- ------- und ------- -- ich ----- ----------- habe? | ---- ---- Herr ---------- --- ------ -- ihm: -- ------ --- ------ Knecht! -------- --- ---- --- ernte, -- --- ----- ------- und ------- -- --- ----- ausgestreut ----- | Matthaus 25,26 |
27 | Matthaus 25,27 | Dann hättest du mein Geld den Wechslern bringen sollen, so hätte ich bei meinem Kommen das Meine mit Zinsen zurückerhalten. | ---- hättest -- ---- Geld --- --------- bringen ------- -- hätte --- --- meinem ------ --- Meine --- ------ zurückerhalten. | ---- -------- du ---- ---- --- --------- bringen ------- -- ------ --- bei ------ ------ --- ----- mit ------ ---------------- | Matthaus 25,27 |
28 | Matthaus 25,28 | Darum nehmt ihm das Talent weg und gebt es dem, der die zehn Talente hat! | ----- nehmt --- --- Talent --- --- gebt -- ---- der --- ---- Talente ---- | ----- ----- ihm --- ------ --- --- gebt -- ---- --- --- zehn ------- ---- | Matthaus 25,28 |
29 | Matthaus 25,29 | Denn wer hat, dem wird gegeben werden, damit er öœberfluss hat; von dem aber, der nicht hat, wird auch das genommen werden, was er hat. | ---- wer ---- --- wird ------- ------- damit -- ------------ hat; --- --- aber, --- ----- hat, ---- ---- das -------- ------- was -- ---- | ---- --- hat, --- ---- ------- ------- damit -- ------------ ---- --- dem ----- --- ----- ---- wird ---- --- -------- ------- was -- ---- | Matthaus 25,29 |
30 | Matthaus 25,30 | Und den unnützen Knecht werft hinaus in die äußerste Finsternis! Dort wird das Heulen und Zähneknirschen sein. | --- den --------- ------ werft ------ -- die ---------- ----------- Dort ---- --- Heulen --- --------------- sein. | --- --- unnützen ------ ----- ------ -- die ---------- ----------- ---- ---- das ------ --- --------------- ----- | Matthaus 25,30 |
31 | Matthaus 25,31 | Wenn aber der Sohn des Menschen in seiner Herrlichkeit kommen wird und alle heiligen Engel mit ihm, dann wird er auf dem Thron seiner Herrlichkeit sitzen, | ---- aber --- ---- des -------- -- seiner ------------ ------ wird --- ---- heiligen ----- --- ihm, ---- ---- er --- --- Thron ------ ------------ sitzen, | ---- ---- der ---- --- -------- -- seiner ------------ ------ ---- --- alle -------- ----- --- ---- dann ---- -- --- --- Thron ------ ------------ ------- | Matthaus 25,31 |
32 | Matthaus 25,32 | und vor ihm werden alle Heidenvölker versammelt werden. Und er wird sie voneinander scheiden, wie ein Hirte die Schafe von den Böcken scheidet, | --- vor --- ------ alle ------------- ---------- werden. --- -- wird --- ----------- scheiden, --- --- Hirte --- ------ von --- ------- scheidet, | --- --- ihm ------ ---- ------------- ---------- werden. --- -- ---- --- voneinander --------- --- --- ----- die ------ --- --- ------- scheidet, | Matthaus 25,32 |
33 | Matthaus 25,33 | und er wird die Schafe zu seiner Rechten stellen, die Böcke aber zu seiner Linken. | --- er ---- --- Schafe -- ------ Rechten -------- --- Böcke ---- -- seiner ------- | --- -- wird --- ------ -- ------ Rechten -------- --- ------ ---- zu ------ ------- | Matthaus 25,33 |
34 | Matthaus 25,34 | Dann wird der König denen zu seiner Rechten sagen: Kommt her, ihr Gesegneten meines Vaters, und erbt das Reich, das euch bereitet ist seit Grundlegung der Welt! | ---- wird --- ------ denen -- ------ Rechten ------ ----- her, --- ---------- meines ------- --- erbt --- ------ das ---- -------- ist ---- ----------- der ----- | ---- ---- der ------ ----- -- ------ Rechten ------ ----- ---- --- Gesegneten ------ ------- --- ---- das ------ --- ---- -------- ist ---- ----------- --- ----- | Matthaus 25,34 |
35 | Matthaus 25,35 | Denn ich bin hungrig gewesen, und ihr habt mich gespeist; ich bin durstig gewesen, und ihr habt mir zu trinken gegeben; ich bin ein Fremdling gewesen, und ihr habt mich beherbergt; | ---- ich --- ------- gewesen, --- --- habt ---- --------- ich --- ------- gewesen, --- --- habt --- -- trinken -------- --- bin --- --------- gewesen, --- --- habt ---- ----------- | ---- --- bin ------- -------- --- --- habt ---- --------- --- --- durstig -------- --- --- ---- mir -- ------- -------- --- bin --- --------- -------- --- ihr ---- ---- ----------- | Matthaus 25,35 |
36 | Matthaus 25,36 | ich bin ohne Kleidung gewesen, und ihr habt mich bekleidet; ich bin krank gewesen, und ihr habt mich besucht; ich bin gefangen gewesen, und ihr seid zu mir gekommen. | --- bin ---- -------- gewesen, --- --- habt ---- ---------- ich --- ----- gewesen, --- --- habt ---- -------- ich --- -------- gewesen, --- --- seid -- --- gekommen. | --- --- ohne -------- -------- --- --- habt ---- ---------- --- --- krank -------- --- --- ---- mich -------- --- --- -------- gewesen, --- --- ---- -- mir --------- | Matthaus 25,36 |
37 | Matthaus 25,37 | Dann werden ihm die Gerechten antworten und sagen: Herr, wann haben wir dich hungrig gesehen und haben dich gespeist, oder durstig, und haben dir zu trinken gegeben? | ---- werden --- --- Gerechten --------- --- sagen: ----- ---- haben --- ---- hungrig ------- --- haben ---- --------- oder -------- --- haben --- -- trinken -------- | ---- ------ ihm --- --------- --------- --- sagen: ----- ---- ----- --- dich ------- ------- --- ----- dich --------- ---- -------- --- haben --- -- ------- -------- | Matthaus 25,37 |
38 | Matthaus 25,38 | Wann haben wir dich als Fremdling gesehen und haben dich beherbergt, oder ohne Kleidung, und haben dich bekleidet? | ---- haben --- ---- als --------- ------- und ----- ---- beherbergt, ---- ---- Kleidung, --- ----- dich ---------- | ---- ----- wir ---- --- --------- ------- und ----- ---- ----------- ---- ohne --------- --- ----- ---- bekleidet? | Matthaus 25,38 |
39 | Matthaus 25,39 | Wann haben wir dich krank gesehen, oder im Gefängnis, und sind zu dir gekommen? | ---- haben --- ---- krank -------- ---- im ----------- --- sind -- --- gekommen? | ---- ----- wir ---- ----- -------- ---- im ----------- --- ---- -- dir --------- | Matthaus 25,39 |
40 | Matthaus 25,40 | Und der König wird ihnen antworten und sagen: Wahrlich, ich sage euch: Was ihr einem dieser meiner geringsten Brüder getan habt, das habt ihr mir getan! | --- der ------ ---- ihnen --------- --- sagen: --------- --- sage ----- --- ihr ----- ------ meiner ---------- ------- getan ----- --- habt --- --- getan! | --- --- König ---- ----- --------- --- sagen: --------- --- ---- ----- Was --- ----- ------ ------ geringsten ------- ----- ----- --- habt --- --- ------ | Matthaus 25,40 |
41 | Matthaus 25,41 | Dann wird er auch denen zur Linken sagen: Geht hinweg von mir, ihr Verfluchten, in das ewige Feuer, das dem Teufel und seinen Engeln bereitet ist! | ---- wird -- ---- denen --- ------ sagen: ---- ------ von ---- --- Verfluchten, -- --- ewige ------ --- dem ------ --- seinen ------ -------- ist! | ---- ---- er ---- ----- --- ------ sagen: ---- ------ --- ---- ihr ------------ -- --- ----- Feuer, --- --- ------ --- seinen ------ -------- ---- | Matthaus 25,41 |
42 | Matthaus 25,42 | Denn ich bin hungrig gewesen, und ihr habt mich nicht gespeist; ich bin durstig gewesen, und ihr habt mir nicht zu trinken gegeben; | ---- ich --- ------- gewesen, --- --- habt ---- ----- gespeist; --- --- durstig -------- --- ihr ---- --- nicht -- ------- gegeben; | ---- --- bin ------- -------- --- --- habt ---- ----- --------- --- bin ------- -------- --- --- habt --- ----- -- ------- gegeben; | Matthaus 25,42 |
43 | Matthaus 25,43 | ich bin ein Fremdling gewesen, und ihr habt mich nicht beherbergt; ohne Kleidung, und ihr habt mich nicht bekleidet; krank und gefangen, und ihr habt mich nicht besucht! | --- bin --- --------- gewesen, --- --- habt ---- ----- beherbergt; ---- --------- und --- ---- mich ----- ---------- krank --- --------- und --- ---- mich ----- -------- | --- --- ein --------- -------- --- --- habt ---- ----- ----------- ---- Kleidung, --- --- ---- ---- nicht ---------- ----- --- --------- und --- ---- ---- ----- besucht! | Matthaus 25,43 |
44 | Matthaus 25,44 | Dann werden auch sie ihm antworten und sagen: Herr, wann haben wir dich hungrig oder durstig oder als Fremdling oder ohne Kleidung oder krank oder gefangen gesehen und haben dir nicht gedient? | ---- werden ---- --- ihm --------- --- sagen: ----- ---- haben --- ---- hungrig ---- ------- oder --- --------- oder ---- -------- oder ----- ---- gefangen ------- --- haben --- ----- gedient? | ---- ------ auch --- --- --------- --- sagen: ----- ---- ----- --- dich ------- ---- ------- ---- als --------- ---- ---- -------- oder ----- ---- -------- ------- und ----- --- ----- -------- | Matthaus 25,44 |
45 | Matthaus 25,45 | Dann wird er ihnen antworten: Wahrlich, ich sage euch: Was ihr einem dieser Geringsten nicht getan habt, das habt ihr mir auch nicht getan! | ---- wird -- ----- antworten: --------- --- sage ----- --- ihr ----- ------ Geringsten ----- ----- habt, --- ---- ihr --- ---- nicht ------ | ---- ---- er ----- ---------- --------- --- sage ----- --- --- ----- dieser ---------- ----- ----- ----- das ---- --- --- ---- nicht ------ | Matthaus 25,45 |
46 | Matthaus 25,46 | Und sie werden in die ewige Strafe hingehen, die Gerechten aber in das ewige Leben. | --- sie ------ -- die ----- ------ hingehen, --- --------- aber -- --- ewige ------ | --- --- werden -- --- ----- ------ hingehen, --- --------- ---- -- das ----- ------ | Matthaus 25,46 |