Deutsch 41-Markus 010(Schl2000)
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1 | Markus 10,1 | Und er brach auf von dort und kam durch das Land jenseits des Jordan in das Gebiet von Judäa. Und wieder kamen die Volksmengen zu ihm, und er lehrte sie wieder, wie er es gewohnt war. | --- er ----- --- von ---- --- kam ----- --- Land -------- --- Jordan -- --- Gebiet --- ------- Und ------ ----- die ----------- -- ihm, --- -- lehrte --- ------- wie -- -- gewohnt ---- | --- -- brach --- --- ---- --- kam ----- --- ---- -------- des ------ -- --- ------ von ------- --- ------ ----- die ----------- -- ---- --- er ------ --- ------- --- er -- ------- ---- | Markus 10,1 |
2 | Markus 10,2 | Und die Pharisäer traten herzu und fragten ihn, um ihn zu versuchen: Ist es einem Mann erlaubt, seine Frau zu entlassen? | --- die ---------- ------ herzu --- ------- ihn, -- --- zu ---------- --- es ----- ---- erlaubt, ----- ---- zu ---------- | --- --- Pharisäer ------ ----- --- ------- ihn, -- --- -- ---------- Ist -- ----- ---- -------- seine ---- -- ---------- | Markus 10,2 |
3 | Markus 10,3 | Er aber antwortete und sprach zu ihnen: Was hat euch Mose geboten? | -- aber ---------- --- sprach -- ------ Was --- ---- Mose -------- | -- ---- antwortete --- ------ -- ------ Was --- ---- ---- -------- | Markus 10,3 |
4 | Markus 10,4 | Sie sprachen: Mose hat erlaubt, einen Scheidebrief zu schreiben und [seine Frau] zu entlassen. | --- sprachen: ---- --- erlaubt, ----- ------------ zu --------- --- [seine ----- -- entlassen. | --- --------- Mose --- -------- ----- ------------ zu --------- --- ------ ----- zu ---------- | Markus 10,4 |
5 | Markus 10,5 | Da antwortete Jesus und sprach zu ihnen: Wegen der Härte eures Herzens hat er euch dieses Gebot geschrieben. | -- antwortete ----- --- sprach -- ------ Wegen --- ------ eures ------- --- er ---- ------ Gebot ------------ | -- ---------- Jesus --- ------ -- ------ Wegen --- ------ ----- ------- hat -- ---- ------ ----- geschrieben. | Markus 10,5 |
6 | Markus 10,6 | Am Anfang der Schöpfung aber hat Gott sie als Mann und Frau erschaffen. | -- Anfang --- ---------- aber --- ---- sie --- ---- und ---- ----------- | -- ------ der ---------- ---- --- ---- sie --- ---- --- ---- erschaffen. | Markus 10,6 |
7 | Markus 10,7 | »Darum wird ein Mann seinen Vater und seine Mutter verlassen und seiner Frau anhängen; | ------- wird --- ---- seinen ----- --- seine ------ --------- und ------ ---- anhängen; | ------- ---- ein ---- ------ ----- --- seine ------ --------- --- ------ Frau ---------- | Markus 10,7 |
8 | Markus 10,8 | und die zwei werden ein Fleisch sein.« So sind sie nicht mehr zwei, sondern ein Fleisch. | --- die ---- ------ ein ------- ------- So ---- --- nicht ---- ----- sondern --- -------- | --- --- zwei ------ --- ------- ------- So ---- --- ----- ---- zwei, ------- --- -------- | Markus 10,8 |
9 | Markus 10,9 | Was nun Gott zusammengefügt hat, das soll der Mensch nicht scheiden! | --- nun ---- --------------- hat, --- ---- der ------ ----- scheiden! | --- --- Gott --------------- ---- --- ---- der ------ ----- --------- | Markus 10,9 |
10 | Markus 10,10 | Und seine Jünger fragten ihn zu Hause nochmals darüber. | --- seine ------- ------- ihn -- ----- nochmals --------- | --- ----- Jünger ------- --- -- ----- nochmals --------- | Markus 10,10 |
11 | Markus 10,11 | Und er sprach zu ihnen: Wer seine Frau entlässt und eine andere heiratet, der bricht die Ehe ihr gegenüber. | --- er ------ -- ihnen: --- ----- Frau --------- --- eine ------ --------- der ------ --- Ehe --- ----------- | --- -- sprach -- ------ --- ----- Frau --------- --- ---- ------ heiratet, --- ------ --- --- ihr ----------- | Markus 10,11 |
12 | Markus 10,12 | Und wenn eine Frau ihren Mann entlässt und sich mit einem anderen verheiratet, so bricht sie die Ehe. | --- wenn ---- ---- ihren ---- --------- und ---- --- einem ------- ------------ so ------ --- die ---- | --- ---- eine ---- ----- ---- --------- und ---- --- ----- ------- verheiratet, -- ------ --- --- Ehe. | Markus 10,12 |
13 | Markus 10,13 | Und sie brachten Kinder zu ihm, damit er sie anrühre; die Jünger aber tadelten die, welche sie brachten. | --- sie -------- ------ zu ---- ----- er --- --------- die ------- ---- tadelten ---- ------ sie --------- | --- --- brachten ------ -- ---- ----- er --- --------- --- ------- aber -------- ---- ------ --- brachten. | Markus 10,13 |
14 | Markus 10,14 | Als das Jesus sah, wurde er unwillig und sprach zu ihnen: Lasst die Kinder zu mir kommen und wehrt ihnen nicht; denn solcher ist das Reich Gottes! | --- das ----- ---- wurde -- -------- und ------ -- ihnen: ----- --- Kinder -- --- kommen --- ----- ihnen ------ ---- solcher --- --- Reich ------- | --- --- Jesus ---- ----- -- -------- und ------ -- ------ ----- die ------ -- --- ------ und ----- ----- ------ ---- solcher --- --- ----- ------- | Markus 10,14 |
15 | Markus 10,15 | Wahrlich, ich sage euch: Wer das Reich Gottes nicht annimmt wie ein Kind, wird nicht hineinkommen! | --------- ich ---- ----- Wer --- ----- Gottes ----- ------- wie --- ----- wird ----- ------------- | --------- --- sage ----- --- --- ----- Gottes ----- ------- --- --- Kind, ---- ----- ------------- | Markus 10,15 |
16 | Markus 10,16 | Und er nahm sie auf die Arme, legte ihnen die Hände auf und segnete sie. | --- er ---- --- auf --- ----- legte ----- --- Hände --- --- segnete ---- | --- -- nahm --- --- --- ----- legte ----- --- ------ --- und ------- ---- | Markus 10,16 |
17 | Markus 10,17 | Und als er auf den Weg hinausging, lief einer herzu, fiel vor ihm auf die Knie und fragte ihn: Guter Meister, was soll ich tun, um das ewige Leben zu erben? | --- als -- --- den --- ----------- lief ----- ------ fiel --- --- auf --- ---- und ------ ---- Guter -------- --- soll --- ---- um --- ----- Leben -- ------ | --- --- er --- --- --- ----------- lief ----- ------ ---- --- ihm --- --- ---- --- fragte ---- ----- -------- --- soll --- ---- -- --- ewige ----- -- ------ | Markus 10,17 |
18 | Markus 10,18 | Jesus aber sprach zu ihm: Was nennst du mich gut? Niemand ist gut als Gott allein! | ----- aber ------ -- ihm: --- ------ du ---- ---- Niemand --- --- als ---- ------- | ----- ---- sprach -- ---- --- ------ du ---- ---- ------- --- gut --- ---- ------- | Markus 10,18 |
19 | Markus 10,19 | Du kennst die Gebote: »Du sollst nicht ehebrechen! Du sollst nicht töten! Du sollst nicht stehlen! Du sollst nicht falsches Zeugnis reden! Du sollst nicht rauben! Du sollst deinen Vater und deine Mutter ehren!« | -- kennst --- ------- »Du ------ ----- ehebrechen! -- ------ nicht ------- -- sollst ----- -------- Du ------ ----- falsches ------- ------ Du ------ ----- rauben! -- ------ deinen ----- --- deine ------ -------- | -- ------ die ------- ---- ------ ----- ehebrechen! -- ------ ----- ------- Du ------ ----- -------- -- sollst ----- -------- ------- ------ Du ------ ----- ------- -- sollst ------ ----- --- ----- Mutter -------- | Markus 10,19 |
20 | Markus 10,20 | Er aber antwortete und sprach zu ihm: Meister, das alles habe ich gehalten von meiner Jugend an. | -- aber ---------- --- sprach -- ---- Meister, --- ----- habe --- -------- von ------ ------ an. | -- ---- antwortete --- ------ -- ---- Meister, --- ----- ---- --- gehalten --- ------ ------ --- | Markus 10,20 |
21 | Markus 10,21 | Da blickte ihn Jesus an und gewann ihn lieb und sprach zu ihm: Eines fehlt dir! Geh hin, verkaufe alles, was du hast, und gib es den Armen, so wirst du einen Schatz im Himmel haben; und komm, nimm das Kreuz auf dich und folge mir nach! | -- blickte --- ----- an --- ------ ihn ---- --- sprach -- ---- Eines ----- ---- Geh ---- -------- alles, --- -- hast, --- --- es --- ------ so ----- -- einen ------ -- Himmel ------ --- komm, ---- --- Kreuz --- ---- und ----- --- nach! | -- ------- ihn ----- -- --- ------ ihn ---- --- ------ -- ihm: ----- ----- ---- --- hin, -------- ------ --- -- hast, --- --- -- --- Armen, -- ----- -- ----- Schatz -- ------ ------ --- komm, ---- --- ----- --- dich --- ----- --- ----- | Markus 10,21 |
22 | Markus 10,22 | Er aber wurde traurig über dieses Wort und ging betrübt davon; denn er hatte viele Güter. | -- aber ----- ------- über ------ ---- und ---- -------- davon; ---- -- hatte ----- ------- | -- ---- wurde ------- ----- ------ ---- und ---- -------- ------ ---- er ----- ----- ------- | Markus 10,22 |
23 | Markus 10,23 | Da blickte Jesus umher und sprach zu seinen Jüngern: Wie schwer werden die Reichen in das Reich Gottes eingehen! | -- blickte ----- ----- und ------ -- seinen --------- --- schwer ------ --- Reichen -- --- Reich ------ --------- | -- ------- Jesus ----- --- ------ -- seinen --------- --- ------ ------ die ------- -- --- ----- Gottes --------- | Markus 10,23 |
24 | Markus 10,24 | Die Jünger aber erstaunten über seine Worte. Da begann Jesus wiederum und sprach zu ihnen: Kinder, wie schwer ist es für die, welche ihr Vertrauen auf Reichtum setzen, in das Reich Gottes hineinzukommen! | --- Jünger ---- ---------- über ----- ------ Da ------ ----- wiederum --- ------ zu ------ ------- wie ------ --- es ---- ---- welche --- --------- auf -------- ------- in --- ----- Gottes --------------- | --- ------- aber ---------- ----- ----- ------ Da ------ ----- -------- --- sprach -- ------ ------- --- schwer --- -- ---- ---- welche --- --------- --- -------- setzen, -- --- ----- ------ hineinzukommen! | Markus 10,24 |
25 | Markus 10,25 | Es ist leichter, dass ein Kamel durch das Nadelöhr geht, als dass ein Reicher in das Reich Gottes hineinkommt. | -- ist --------- ---- ein ----- ----- das --------- ----- als ---- --- Reicher -- --- Reich ------ ------------ | -- --- leichter, ---- --- ----- ----- das --------- ----- --- ---- ein ------- -- --- ----- Gottes ------------ | Markus 10,25 |
26 | Markus 10,26 | Sie aber entsetzten sich sehr und sprachen untereinander: Wer kann dann überhaupt errettet werden? | --- aber ---------- ---- sehr --- -------- untereinander: --- ---- dann ---------- -------- werden? | --- ---- entsetzten ---- ---- --- -------- untereinander: --- ---- ---- ---------- errettet ------- | Markus 10,26 |
27 | Markus 10,27 | Jesus aber blickte sie an und sprach: Bei den Menschen ist es unmöglich, aber nicht bei Gott! Denn bei Gott sind alle Dinge möglich. | ----- aber ------- --- an --- ------- Bei --- -------- ist -- ----------- aber ----- --- Gott! ---- --- Gott ---- ---- Dinge --------- | ----- ---- blickte --- -- --- ------- Bei --- -------- --- -- unmöglich, ---- ----- --- ----- Denn --- ---- ---- ---- Dinge --------- | Markus 10,27 |
28 | Markus 10,28 | Da begann Petrus und sprach zu ihm: Siehe, wir haben alles verlassen und sind dir nachgefolgt! | -- begann ------ --- sprach -- ---- Siehe, --- ----- alles --------- --- sind --- ------------ | -- ------ Petrus --- ------ -- ---- Siehe, --- ----- ----- --------- und ---- --- ------------ | Markus 10,28 |
29 | Markus 10,29 | Jesus aber antwortete und sprach: Wahrlich, ich sage euch: Es ist niemand, der Haus oder Brüder oder Schwestern oder Vater oder Mutter oder Frau oder Kinder oder ö"cker verlassen hat um meinetwillen und um des Evangeliums willen, | ----- aber ---------- --- sprach: --------- --- sage ----- -- ist -------- --- Haus ---- ------- oder ---------- ---- Vater ---- ------ oder ---- ---- Kinder ---- ------- verlassen --- -- meinetwillen --- -- des ----------- ------- | ----- ---- antwortete --- ------- --------- --- sage ----- -- --- -------- der ---- ---- ------- ---- Schwestern ---- ----- ---- ------ oder ---- ---- ------ ---- ö"cker --------- --- -- ------------ und -- --- ----------- ------- | Markus 10,29 |
30 | Markus 10,30 | der nicht hundertfältig empfängt, jetzt in dieser Zeit Häuser und Brüder und Schwestern und Mütter und Kinder und ö"cker unter Verfolgungen, und in der zukünftigen Weltzeit ewiges Leben. | --- nicht -------------- ---------- jetzt -- ------ Zeit ------- --- Brüder --- ---------- und ------- --- Kinder --- ------- unter ------------- --- in --- ------------ Weltzeit ------ ------ | --- ----- hundertfältig ---------- ----- -- ------ Zeit ------- --- ------- --- Schwestern --- ------- --- ------ und ------- ----- ------------- --- in --- ------------ -------- ------ Leben. | Markus 10,30 |
31 | Markus 10,31 | Aber viele von den Ersten werden Letzte sein und die Letzten Erste. | ---- viele --- --- Ersten ------ ------ sein --- --- Letzten ------ | ---- ----- von --- ------ ------ ------ sein --- --- ------- ------ | Markus 10,31 |
32 | Markus 10,32 | Sie waren aber auf dem Weg und zogen hinauf nach Jerusalem, und Jesus ging ihnen voran, und sie entsetzten sich und folgten ihm mit Bangen. Da nahm er die Zwölf nochmals beiseite und fing an, ihnen zu sagen, was mit ihm geschehen werde: | --- waren ---- --- dem --- --- zogen ------ ---- Jerusalem, --- ----- ging ----- ------ und --- ---------- sich --- ------- ihm --- ------- Da ---- -- die ------ -------- beiseite --- ---- an, ----- -- sagen, --- --- ihm --------- ------ | --- ----- aber --- --- --- --- zogen ------ ---- ---------- --- Jesus ---- ----- ------ --- sie ---------- ---- --- ------- ihm --- ------- -- ---- er --- ------ -------- -------- und ---- --- ----- -- sagen, --- --- --- --------- werde: | Markus 10,32 |
33 | Markus 10,33 | Siehe, wir ziehen hinauf nach Jerusalem, und der Sohn des Menschen wird den obersten Priestern und den Schriftgelehrten ausgeliefert werden; und sie werden ihn zum Tode verurteilen und ihn den Heiden ausliefern; | ------ wir ------ ------ nach ---------- --- der ---- --- Menschen ---- --- obersten --------- --- den ---------------- ------------ werden; --- --- werden --- --- Tode ----------- --- ihn --- ------ ausliefern; | ------ --- ziehen ------ ---- ---------- --- der ---- --- -------- ---- den -------- --------- --- --- Schriftgelehrten ------------ ------- --- --- werden --- --- ---- ----------- und --- --- ------ ----------- | Markus 10,33 |
34 | Markus 10,34 | und sie werden ihn verspotten und geißeln und anspucken und ihn töten; und am dritten Tag wird er wieder auferstehen. | --- sie ------ --- verspotten --- -------- und --------- --- ihn ------- --- am ------- --- wird -- ------ auferstehen. | --- --- werden --- ---------- --- -------- und --------- --- --- ------- und -- ------- --- ---- er ------ ------------ | Markus 10,34 |
35 | Markus 10,35 | Da traten Jakobus und Johannes, die Söhne des Zebedäus, zu ihm und sprachen: Meister, wir wünschen, dass du uns gewährst, um was wir bitten! | -- traten ------- --- Johannes, --- ------ des ---------- -- ihm --- --------- Meister, --- ---------- dass -- --- gewährst, -- --- wir ------- | -- ------ Jakobus --- --------- --- ------ des ---------- -- --- --- sprachen: -------- --- ---------- ---- du --- ---------- -- --- wir ------- | Markus 10,35 |
36 | Markus 10,36 | Und er sprach zu ihnen: Was wünscht ihr, dass ich euch tun soll? | --- er ------ -- ihnen: --- -------- ihr, ---- --- euch --- ----- | --- -- sprach -- ------ --- -------- ihr, ---- --- ---- --- soll? | Markus 10,36 |
37 | Markus 10,37 | Sie sprachen zu ihm: Gewähre uns, dass wir einer zu deiner Rechten und einer zu deiner Linken sitzen dürfen in deiner Herrlichkeit! | --- sprachen -- ---- Gewähre ---- ---- wir ----- -- deiner ------- --- einer -- ------ Linken ------ ------- in ------ ------------- | --- -------- zu ---- -------- ---- ---- wir ----- -- ------ ------- und ----- -- ------ ------ sitzen ------- -- ------ ------------- | Markus 10,37 |
38 | Markus 10,38 | Jesus aber sprach zu ihnen: Ihr wisst nicht, um was ihr bittet! Könnt ihr den Kelch trinken, den ich trinke, und getauft werden mit der Taufe, womit ich getauft werde? | ----- aber ------ -- ihnen: --- ----- nicht, -- --- ihr ------- ------ ihr --- ----- trinken, --- --- trinke, --- ------- werden --- --- Taufe, ----- --- getauft ------ | ----- ---- sprach -- ------ --- ----- nicht, -- --- --- ------- Könnt --- --- ----- -------- den --- ------- --- ------- werden --- --- ------ ----- ich ------- ------ | Markus 10,38 |
39 | Markus 10,39 | Und sie sprachen zu ihm: Wir können es! Jesus aber sprach zu ihnen: Ihr werdet zwar den Kelch trinken, den ich trinke, und getauft werden mit der Taufe, womit ich getauft werde; | --- sie -------- -- ihm: --- ------- es! ----- ---- sprach -- ------ Ihr ------ ---- den ----- -------- den --- ------- und ------- ------ mit --- ------ womit --- ------- werde; | --- --- sprachen -- ---- --- ------- es! ----- ---- ------ -- ihnen: --- ------ ---- --- Kelch -------- --- --- ------- und ------- ------ --- --- Taufe, ----- --- ------- ------ | Markus 10,39 |
40 | Markus 10,40 | aber das Sitzen zu meiner Rechten und zu meiner Linken zu verleihen, steht nicht mir zu, sondern [es wird denen zuteil], denen es bereitet ist. | ---- das ------ -- meiner ------- --- zu ------ ------ zu ---------- ----- nicht --- --- sondern --- ---- denen -------- ----- es -------- ---- | ---- --- Sitzen -- ------ ------- --- zu ------ ------ -- ---------- steht ----- --- --- ------- [es ---- ----- -------- ----- es -------- ---- | Markus 10,40 |
41 | Markus 10,41 | Und als die Zehn es hörten, fingen sie an, über Jakobus und Johannes unwillig zu werden. | --- als --- ---- es -------- ------ sie --- ----- Jakobus --- -------- unwillig -- ------- | --- --- die ---- -- -------- ------ sie --- ----- ------- --- Johannes -------- -- ------- | Markus 10,41 |
42 | Markus 10,42 | Aber Jesus rief sie zu sich und sprach zu ihnen: Ihr wisst, dass diejenigen, welche als Herrscher der Heidenvölker gelten, sie unterdrücken, und dass ihre Großen Gewalt über sie ausüben. | ---- Jesus ---- --- zu ---- --- sprach -- ------ Ihr ------ ---- diejenigen, ------ --- Herrscher --- ------------- gelten, --- -------------- und ---- ---- Großen ------ ----- sie --------- | ---- ----- rief --- -- ---- --- sprach -- ------ --- ------ dass ----------- ------ --- --------- der ------------- ------- --- -------------- und ---- ---- ------- ------ über --- --------- | Markus 10,42 |
43 | Markus 10,43 | Unter euch aber soll es nicht so sein, sondern wer unter euch groß werden will, der sei euer Diener, | ----- euch ---- ---- es ----- -- sein, ------- --- unter ---- ----- werden ----- --- sei ---- ------- | ----- ---- aber ---- -- ----- -- sein, ------- --- ----- ---- groß ------ ----- --- --- euer ------- | Markus 10,43 |
44 | Markus 10,44 | und wer von euch der Erste werden will, der sei aller Knecht. | --- wer --- ---- der ----- ------ will, --- --- aller ------- | --- --- von ---- --- ----- ------ will, --- --- ----- ------- | Markus 10,44 |
45 | Markus 10,45 | Denn auch der Sohn des Menschen ist nicht gekommen, um sich dienen zu lassen, sondern um zu dienen und sein Leben zu geben als Lösegeld für viele. | ---- auch --- ---- des -------- --- nicht --------- -- sich ------ -- lassen, ------- -- zu ------ --- sein ----- -- geben --- --------- für ------ | ---- ---- der ---- --- -------- --- nicht --------- -- ---- ------ zu ------- ------- -- -- dienen --- ---- ----- -- geben --- --------- ---- ------ | Markus 10,45 |
46 | Markus 10,46 | Und sie kommen nach Jericho. Und als er von Jericho auszog samt seinen Jüngern und einer großen Volksmenge, saß ein Sohn des Timäus, Bartimäus der Blinde, am Weg und bettelte. | --- sie ------ ---- Jericho. --- --- er --- ------- auszog ---- ------ Jüngern --- ----- großen ----------- ---- ein ---- --- Timäus, ---------- --- Blinde, -- --- und --------- | --- --- kommen ---- -------- --- --- er --- ------- ------ ---- seinen -------- --- ----- ------- Volksmenge, ---- --- ---- --- Timäus, ---------- --- ------- -- Weg --- --------- | Markus 10,46 |
47 | Markus 10,47 | Und als er hörte, dass es Jesus, der Nazarener war, begann er zu rufen und sprach: Jesus, du Sohn Davids, erbarme dich über mich! | --- als -- ------- dass -- ------ der --------- ---- begann -- -- rufen --- ------- Jesus, -- ---- Davids, ------- ---- über ----- | --- --- er ------- ---- -- ------ der --------- ---- ------ -- zu ----- --- ------- ------ du ---- ------- ------- ---- über ----- | Markus 10,47 |
48 | Markus 10,48 | Und es geboten ihm viele, er solle schweigen; er aber rief noch viel mehr: Du Sohn Davids, erbarme dich über mich! | --- es ------- --- viele, -- ----- schweigen; -- ---- rief ---- ---- mehr: -- ---- Davids, ------- ---- über ----- | --- -- geboten --- ------ -- ----- schweigen; -- ---- ---- ---- viel ----- -- ---- ------- erbarme ---- ----- ----- | Markus 10,48 |
49 | Markus 10,49 | Und Jesus stand still und ließ ihn [zu sich] rufen. Da riefen sie den Blinden und sprachen zu ihm: Sei getrost, steh auf; er ruft dich! | --- Jesus ----- ----- und ----- --- [zu ----- ------ Da ------ --- den ------- --- sprachen -- ---- Sei -------- ---- auf; -- ---- dich! | --- ----- stand ----- --- ----- --- [zu ----- ------ -- ------ sie --- ------- --- -------- zu ---- --- -------- ---- auf; -- ---- ----- | Markus 10,49 |
50 | Markus 10,50 | Er aber warf seinen Mantel ab, stand auf und kam zu Jesus. | -- aber ---- ------ Mantel --- ----- auf --- --- zu ------ | -- ---- warf ------ ------ --- ----- auf --- --- -- ------ | Markus 10,50 |
51 | Markus 10,51 | Und Jesus begann und sprach zu ihm: Was willst du, dass ich dir tun soll? Der Blinde sprach zu ihm: Rabbuni, dass ich sehend werde! | --- Jesus ------ --- sprach -- ---- Was ------ --- dass --- --- tun ----- --- Blinde ------ -- ihm: -------- ---- ich ------ ------ | --- ----- begann --- ------ -- ---- Was ------ --- ---- --- dir --- ----- --- ------ sprach -- ---- -------- ---- ich ------ ------ | Markus 10,51 |
52 | Markus 10,52 | Da sprach Jesus zu ihm: Geh hin; dein Glaube hat dich gerettet! Und sogleich wurde er sehend und folgte Jesus nach auf dem Weg. | -- sprach ----- -- ihm: --- ---- dein ------ --- dich --------- --- sogleich ----- -- sehend --- ------ Jesus ---- --- dem ---- | -- ------ Jesus -- ---- --- ---- dein ------ --- ---- --------- Und -------- ----- -- ------ und ------ ----- ---- --- dem ---- | Markus 10,52 |