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Deutsch 41-Markus 014(Schl2000)

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1

Markus 14,1

Es war aber zwei Tage vor dem Passah und dem Fest der ungesäuerten Brote. Und die obersten Priester und die Schriftgelehrten suchten, wie sie ihn mit List ergreifen und töten könnten;

-- war ---- ---- Tage --- --- Passah --- --- Fest --- ------------- Brote. --- --- obersten -------- --- die ---------------- -------- wie --- --- mit ---- --------- und ------ ---------

-- --- aber ---- ---- --- --- Passah --- --- ---- --- ungesäuerten ------ --- --- -------- Priester --- --- ---------------- -------- wie --- --- --- ---- ergreifen --- ------ ---------

Markus 14,1


2

Markus 14,2

sie sprachen aber: Nicht während des Festes, damit kein Aufruhr unter dem Volk entsteht!

--- sprachen ----- ----- während --- ------- damit ---- ------- unter --- ---- entsteht!

--- -------- aber: ----- -------- --- ------- damit ---- ------- ----- --- Volk ---------

Markus 14,2


3

Markus 14,3

Und als er in Bethanien im Haus Simons des Aussätzigen war und zu Tisch saß, da kam eine Frau mit einem Alabasterfläschchen voll Salböl, echter, kostbarer Narde; und sie zerbrach das Alabasterfläschchen und goss es aus auf sein Haupt.

--- als -- -- Bethanien -- ---- Simons --- ------------ war --- -- Tisch ----- -- kam ---- ---- mit ----- -------------------- voll -------- ------- kostbarer ------ --- sie -------- --- Alabasterfläschchen --- ---- es --- --- sein ------

--- --- er -- --------- -- ---- Simons --- ------------ --- --- zu ----- ----- -- --- eine ---- --- ----- -------------------- voll -------- ------- --------- ------ und --- -------- --- -------------------- und ---- -- --- --- sein ------

Markus 14,3


4

Markus 14,4

Es wurden aber etliche unwillig bei sich selbst und sprachen: Wozu ist diese Verschwendung des Salböls geschehen?

-- wurden ---- ------- unwillig --- ---- selbst --- --------- Wozu --- ----- Verschwendung --- -------- geschehen?

-- ------ aber ------- -------- --- ---- selbst --- --------- ---- --- diese ------------- --- -------- ----------

Markus 14,4


5

Markus 14,5

Man hätte dies doch um mehr als 300 Denare verkaufen und den Armen geben können! Und sie murrten über sie.

--- hätte ---- ---- um ---- --- 300 ------ --------- und --- ----- geben -------- --- sie ------- ----- sie.

--- ------ dies ---- -- ---- --- 300 ------ --------- --- --- Armen ----- -------- --- --- murrten ----- ----

Markus 14,5


6

Markus 14,6

Jesus aber sprach: Lasst sie! Warum bekümmert ihr sie? Sie hat ein gutes Werk an mir getan.

----- aber ------- ----- sie! ----- ---------- ihr ---- --- hat --- ----- Werk -- --- getan.

----- ---- sprach: ----- ---- ----- ---------- ihr ---- --- --- --- gutes ---- -- --- ------

Markus 14,6


7

Markus 14,7

Denn die Armen habt ihr allezeit bei euch, und ihr könnt ihnen Gutes tun, wann immer ihr wollt; mich aber habt ihr nicht allezeit.

---- die ----- ---- ihr -------- --- euch, --- --- könnt ----- ----- tun, ---- ----- ihr ------ ---- aber ---- --- nicht ---------

---- --- Armen ---- --- -------- --- euch, --- --- ------ ----- Gutes ---- ---- ----- --- wollt; ---- ---- ---- --- nicht ---------

Markus 14,7


8

Markus 14,8

Sie hat getan, was sie konnte; sie hat meinen Leib im Voraus zum Begräbnis gesalbt.

--- hat ------ --- sie ------- --- hat ------ ---- im ------ --- Begräbnis --------

--- --- getan, --- --- ------- --- hat ------ ---- -- ------ zum ---------- --------

Markus 14,8


9

Markus 14,9

Wahrlich, ich sage euch: Wo immer dieses Evangelium verkündigt wird in der ganzen Welt, da wird man auch von dem sprechen, was diese getan hat, zu ihrem Gedenken!

--------- ich ---- ----- Wo ----- ------ Evangelium ----------- ---- in --- ------ Welt, -- ---- man ---- --- dem --------- --- diese ----- ---- zu ----- ---------

--------- --- sage ----- -- ----- ------ Evangelium ----------- ---- -- --- ganzen ----- -- ---- --- auch --- --- --------- --- diese ----- ---- -- ----- Gedenken!

Markus 14,9


10

Markus 14,10

Da ging Judas Ischariot, einer von den Zwölfen, hin zu den obersten Priestern, um ihn an sie zu verraten.

-- ging ----- ---------- einer --- --- Zwölfen, --- -- den -------- ---------- um --- -- sie -- ---------

-- ---- Judas ---------- ----- --- --- Zwölfen, --- -- --- -------- Priestern, -- --- -- --- zu ---------

Markus 14,10


11

Markus 14,11

Sie aber waren erfreut, als sie das hörten, und versprachen, ihm Geld zu geben. Und er suchte eine gute Gelegenheit, um ihn zu verraten.

--- aber ----- -------- als --- --- hörten, --- ------------ ihm ---- -- geben. --- -- suchte ---- ---- Gelegenheit, -- --- zu ---------

--- ---- waren -------- --- --- --- hörten, --- ------------ --- ---- zu ------ --- -- ------ eine ---- ------------ -- --- zu ---------

Markus 14,11


12

Markus 14,12

Und am ersten Tag der ungesäuerten Brote, als man das Passahlamm schlachtete, sprachen seine Jünger zu ihm: Wo willst du, dass wir hingehen und das Passah zubereiten, damit du es essen kannst?

--- am ------ --- der ------------- ------ als --- --- Passahlamm ------------ -------- seine ------- -- ihm: -- ------ du, ---- --- hingehen --- --- Passah ----------- ----- du -- ----- kannst?

--- -- ersten --- --- ------------- ------ als --- --- ---------- ------------ sprachen ----- ------- -- ---- Wo ------ --- ---- --- hingehen --- --- ------ ----------- damit -- -- ----- -------

Markus 14,12


13

Markus 14,13

Und er sendet zwei seiner Jünger und spricht zu ihnen: Geht in die Stadt; da wird euch ein Mensch begegnen, der einen Wasserkrug trägt; dem folgt,

--- er ------ ---- seiner ------- --- spricht -- ------ Geht -- --- Stadt; -- ---- euch --- ------ begegnen, --- ----- Wasserkrug ------- --- folgt,

--- -- sendet ---- ------ ------- --- spricht -- ------ ---- -- die ------ -- ---- ---- ein ------ --------- --- ----- Wasserkrug ------- --- ------

Markus 14,13


14

Markus 14,14

und wo er hineingeht, da sagt zu dem Hausherrn: Der Meister lässt fragen: Wo ist das Gastzimmer, in dem ich mit meinen Jüngern das Passah essen kann?

--- wo -- ----------- da ---- -- dem ---------- --- Meister ------ ------- Wo --- --- Gastzimmer, -- --- ich --- ------ Jüngern --- ------ essen -----

--- -- er ----------- -- ---- -- dem ---------- --- ------- ------ fragen: -- --- --- ----------- in --- --- --- ------ Jüngern --- ------ ----- -----

Markus 14,14


15

Markus 14,15

Und er wird euch einen großen Obersaal zeigen, der mit Polstern belegt und hergerichtet ist; dort bereitet es für uns zu.

--- er ---- ---- einen ------- -------- zeigen, --- --- Polstern ------ --- hergerichtet ---- ---- bereitet -- ---- uns ---

--- -- wird ---- ----- ------- -------- zeigen, --- --- -------- ------ und ------------ ---- ---- -------- es ---- --- ---

Markus 14,15


16

Markus 14,16

Und seine Jünger gingen hin und kamen in die Stadt und fanden es, wie er ihnen gesagt hatte; und sie bereiteten das Passah.

--- seine ------- ------ hin --- ----- in --- ----- und ------ --- wie -- ----- gesagt ------ --- sie ---------- --- Passah.

--- ----- Jünger ------ --- --- ----- in --- ----- --- ------ es, --- -- ----- ------ hatte; --- --- ---------- --- Passah.

Markus 14,16


17

Markus 14,17

Und als es Abend geworden war, kam er mit den Zwölfen.

--- als -- ----- geworden ---- --- er --- --- Zwölfen.

--- --- es ----- -------- ---- --- er --- --- ---------

Markus 14,17


18

Markus 14,18

Und als sie zu Tisch saßen und aßen, sprach Jesus: Wahrlich, ich sage euch: Einer von euch, der mit mir isst, wird mich verraten!

--- als --- -- Tisch ------ --- aßen, ------ ------ Wahrlich, --- ---- euch: ----- --- euch, --- --- mir ----- ---- mich ---------

--- --- sie -- ----- ------ --- aßen, ------ ------ --------- --- sage ----- ----- --- ----- der --- --- ----- ---- mich ---------

Markus 14,18


19

Markus 14,19

Da fingen sie an, betrübt zu werden und fragten ihn einer nach dem anderen: Doch nicht ich? Und der nächste: Doch nicht ich?

-- fingen --- --- betrübt -- ------ und ------- --- einer ---- --- anderen: ---- ----- ich? --- --- nächste: ---- ----- ich?

-- ------ sie --- -------- -- ------ und ------- --- ----- ---- dem -------- ---- ----- ---- Und --- --------- ---- ----- ich?

Markus 14,19


20

Markus 14,20

Er aber antwortete und sprach zu ihnen: Einer von den Zwölfen, der mit mir [das Brot] in die Schüssel eintaucht!

-- aber ---------- --- sprach -- ------ Einer --- --- Zwölfen, --- --- mir ---- ----- in --- --------- eintaucht!

-- ---- antwortete --- ------ -- ------ Einer --- --- --------- --- mit --- ---- ----- -- die --------- ----------

Markus 14,20


21

Markus 14,21

Der Sohn des Menschen geht zwar dahin, wie von ihm geschrieben steht; aber wehe jenem Menschen, durch den der Sohn des Menschen verraten wird! Es wäre für jenen Menschen besser, wenn er nicht geboren wäre!

--- Sohn --- -------- geht ---- ------ wie --- --- geschrieben ------ ---- wehe ----- --------- durch --- --- Sohn --- -------- verraten ----- -- wäre ---- ----- Menschen ------- ---- er ----- ------- wäre!

--- ---- des -------- ---- ---- ------ wie --- --- ----------- ------ aber ---- ----- --------- ----- den --- ---- --- -------- verraten ----- -- ----- ---- jenen -------- ------- ---- -- nicht ------- ------

Markus 14,21


22

Markus 14,22

Und während sie aßen, nahm Jesus Brot, sprach den Segen, brach es, gab es ihnen und sprach: Nehmt, esst! Das ist mein Leib.

--- während --- ------ nahm ----- ----- sprach --- ------ brach --- --- es ----- --- sprach: ------ ----- Das --- ---- Leib.

--- -------- sie ------ ---- ----- ----- sprach --- ------ ----- --- gab -- ----- --- ------- Nehmt, ----- --- --- ---- Leib.

Markus 14,22


23

Markus 14,23

Und er nahm den Kelch, dankte und gab ihnen denselben; und sie tranken alle daraus.

--- er ---- --- Kelch, ------ --- gab ----- ---------- und --- ------- alle -------

--- -- nahm --- ------ ------ --- gab ----- ---------- --- --- tranken ---- -------

Markus 14,23


24

Markus 14,24

Und er sprach zu ihnen: Das ist mein Blut, das des neuen Bundes, welches für viele vergossen wird.

--- er ------ -- ihnen: --- --- mein ----- --- des ----- ------- welches ---- ----- vergossen -----

--- -- sprach -- ------ --- --- mein ----- --- --- ----- Bundes, ------- ---- ----- --------- wird.

Markus 14,24


25

Markus 14,25

Wahrlich, ich sage euch: Ich werde nicht mehr von dem Gewächs des Weinstocks trinken bis zu jenem Tag, da ich es neu trinken werde im Reich Gottes.

--------- ich ---- ----- Ich ----- ----- mehr --- --- Gewächs --- ---------- trinken --- -- jenem ---- -- ich -- --- trinken ----- -- Reich -------

--------- --- sage ----- --- ----- ----- mehr --- --- -------- --- Weinstocks ------- --- -- ----- Tag, -- --- -- --- trinken ----- -- ----- -------

Markus 14,25


26

Markus 14,26

Und nachdem sie den Lobgesang gesungen hatten, gingen sie hinaus an den ö-lberg.

--- nachdem --- --- Lobgesang -------- ------- gingen --- ------ an --- ---------

--- ------- sie --- --------- -------- ------- gingen --- ------ -- --- ö-lberg.

Markus 14,26


27

Markus 14,27

Und Jesus spricht zu ihnen: Ihr werdet in dieser Nacht alle an mir Anstoß nehmen; denn es steht geschrieben: »Ich werde den Hirten schlagen, und die Schafe werden sich zerstreuen«.

--- Jesus ------- -- ihnen: --- ------ in ------ ----- alle -- --- Anstoß ------- ---- es ----- ------------ »Ich ----- --- Hirten --------- --- die ------ ------ sich -------------

--- ----- spricht -- ------ --- ------ in ------ ----- ---- -- mir ------- ------- ---- -- steht ------------ ----- ----- --- Hirten --------- --- --- ------ werden ---- -------------

Markus 14,27


28

Markus 14,28

Aber nach meiner Auferweckung will ich euch nach Galiläa vorangehen.

---- nach ------ ------------ will --- ---- nach -------- -----------

---- ---- meiner ------------ ---- --- ---- nach -------- -----------

Markus 14,28


29

Markus 14,29

Petrus aber sagte zu ihm: Wenn auch alle an dir Anstoß nehmen, doch nicht ich!

------ aber ----- -- ihm: ---- ---- alle -- --- Anstoß ------- ---- nicht ----

------ ---- sagte -- ---- ---- ---- alle -- --- ------- ------- doch ----- ----

Markus 14,29


30

Markus 14,30

Und Jesus spricht zu ihm: Wahrlich, ich sage dir: Heute, in dieser Nacht, ehe der Hahn zweimal kräht, wirst du mich dreimal verleugnen!

--- Jesus ------- -- ihm: --------- --- sage ---- ------ in ------ ------ ehe --- ---- zweimal ------- ----- du ---- ------- verleugnen!

--- ----- spricht -- ---- --------- --- sage ---- ------ -- ------ Nacht, --- --- ---- ------- kräht, ----- -- ---- ------- verleugnen!

Markus 14,30


31

Markus 14,31

Er aber sagte desto mehr: Wenn ich auch mit dir sterben müsste, werde ich dich nicht verleugnen! Das gleiche sagten aber auch alle.

-- aber ----- ----- mehr: ---- --- auch --- --- sterben -------- ----- ich ---- ----- verleugnen! --- ------- sagten ---- ---- alle.

-- ---- sagte ----- ----- ---- --- auch --- --- ------- -------- werde --- ---- ----- ----------- Das ------- ------ ---- ---- alle.

Markus 14,31


32

Markus 14,32

Und sie kommen zu einem Grundstück namens Gethsemane. Und er spricht zu seinen Jüngern: Setzt euch hier hin, bis ich gebetet habe!

--- sie ------ -- einem ----------- ------ Gethsemane. --- -- spricht -- ------ Jüngern: ----- ---- hier ---- --- ich ------- -----

--- --- kommen -- ----- ----------- ------ Gethsemane. --- -- ------- -- seinen --------- ----- ---- ---- hin, --- --- ------- -----

Markus 14,32


33

Markus 14,33

Und er nahm Petrus und Jakobus und Johannes mit sich; und er fing an, zu erschrecken, und ihm graute sehr.

--- er ---- ------ und ------- --- Johannes --- ----- und -- ---- an, -- ------------ und --- ------ sehr.

--- -- nahm ------ --- ------- --- Johannes --- ----- --- -- fing --- -- ------------ --- ihm ------ -----

Markus 14,33


34

Markus 14,34

Und er sprach zu ihnen: Meine Seele ist tief betrübt bis zum Tod. Bleibt hier und wacht!

--- er ------ -- ihnen: ----- ----- ist ---- -------- bis --- ---- Bleibt ---- --- wacht!

--- -- sprach -- ------ ----- ----- ist ---- -------- --- --- Tod. ------ ---- --- ------

Markus 14,34


35

Markus 14,35

Und er ging ein wenig weiter, warf sich auf die Erde und betete, dass, wenn es möglich wäre, die Stunde an ihm vorüberginge.

--- er ---- --- wenig ------- ---- sich --- --- Erde --- ------- dass, ---- -- möglich ------ --- Stunde -- --- vorüberginge.

--- -- ging --- ----- ------- ---- sich --- --- ---- --- betete, ----- ---- -- -------- wäre, --- ------ -- --- vorüberginge.

Markus 14,35


36

Markus 14,36

Und er sprach: Abba, Vater! Alles ist dir möglich; nimm diesen Kelch von mir! Doch nicht, was ich will, sondern was du willst!

--- er ------- ----- Vater! ----- --- dir --------- ---- diesen ----- --- mir! ---- ------ was --- ----- sondern --- -- willst!

--- -- sprach: ----- ------ ----- --- dir --------- ---- ------ ----- von ---- ---- ------ --- ich ----- ------- --- -- willst!

Markus 14,36


37

Markus 14,37

Und er kommt und findet sie schlafend. Und er spricht zu Petrus: Simon, schläfst du? Konntest du nicht eine Stunde wachen?

--- er ----- --- findet --- ---------- Und -- ------- zu ------- ------ schläfst --- -------- du ----- ---- Stunde -------

--- -- kommt --- ------ --- ---------- Und -- ------- -- ------- Simon, --------- --- -------- -- nicht ---- ------ -------

Markus 14,37


38

Markus 14,38

Wacht und betet, damit ihr nicht in Anfechtung geratet! Der Geist ist willig, aber das Fleisch ist schwach.

----- und ------ ----- ihr ----- -- Anfechtung -------- --- Geist --- ------- aber --- ------- ist --------

----- --- betet, ----- --- ----- -- Anfechtung -------- --- ----- --- willig, ---- --- ------- --- schwach.

Markus 14,38


39

Markus 14,39

Und er ging wiederum hin, betete und sprach dieselben Worte.

--- er ---- -------- hin, ------ --- sprach --------- ------

--- -- ging -------- ---- ------ --- sprach --------- ------

Markus 14,39


40

Markus 14,40

Und als er zurückkam, fand er sie wieder schlafend; denn die Augen waren ihnen schwer geworden. Und sie wussten nicht, was sie ihm antworten sollten.

--- als -- ----------- fand -- --- wieder ---------- ---- die ----- ----- ihnen ------ --------- Und --- ------- nicht, --- --- ihm --------- --------

--- --- er ----------- ---- -- --- wieder ---------- ---- --- ----- waren ----- ------ --------- --- sie ------- ------ --- --- ihm --------- --------

Markus 14,40


41

Markus 14,41

Und er kommt zum dritten Mal und spricht zu ihnen: Schlaft ihr noch immer und ruht? - Es ist genug! Die Stunde ist gekommen. Siehe, der Sohn des Menschen wird in die Hände der Sünder ausgeliefert.

--- er ----- --- dritten --- --- spricht -- ------ Schlaft --- ---- immer --- ----- - -- --- genug! --- ------ ist --------- ------ der ---- --- Menschen ---- -- die ------ --- Sünder -------------

--- -- kommt --- ------- --- --- spricht -- ------ ------- --- noch ----- --- ----- - Es --- ------ --- ------ ist --------- ------ --- ---- des -------- ---- -- --- Hände --- ------- -------------

Markus 14,41


42

Markus 14,42

Steht auf, lasst uns gehen! Siehe, der mich verrät, ist nahe.

----- auf, ----- --- gehen! ------ --- mich -------- --- nahe.

----- ---- lasst --- ------ ------ --- mich -------- --- -----

Markus 14,42


43

Markus 14,43

Und sogleich, als er noch redete, erschien Judas, der einer der Zwölf war, und mit ihm eine große Schar mit Schwertern und Stöcken, [gesandt] von den obersten Priestern und den Schriftgelehrten und den ö"ltesten.

--- sogleich, --- -- noch ------- -------- Judas, --- ----- der ------ ---- und --- --- eine ------ ----- mit ---------- --- Stöcken, --------- --- den -------- --------- und --- ---------------- und --- -----------

--- --------- als -- ---- ------- -------- Judas, --- ----- --- ------ war, --- --- --- ---- große ----- --- ---------- --- Stöcken, --------- --- --- -------- Priestern --- --- ---------------- --- den -----------

Markus 14,43


44

Markus 14,44

Der ihn verriet, hatte ihnen aber ein Zeichen gegeben und gesagt: Der, den ich küssen werde, der ist's; den ergreift und führt ihn sicher ab!

--- ihn -------- ----- ihnen ---- --- Zeichen ------- --- gesagt: ---- --- ich ------- ------ der ------ --- ergreift --- ------ ihn ------ ---

--- --- verriet, ----- ----- ---- --- Zeichen ------- --- ------- ---- den --- ------- ------ --- ist's; --- -------- --- ------ ihn ------ ---

Markus 14,44


45

Markus 14,45

Und als er nun kam, trat er sogleich auf ihn zu und sprach: Rabbi, Rabbi! und küsste ihn.

--- als -- --- kam, ---- -- sogleich --- --- zu --- ------- Rabbi, ------ --- küsste ----

--- --- er --- ---- ---- -- sogleich --- --- -- --- sprach: ------ ------ --- ------- ihn.

Markus 14,45


46

Markus 14,46

Sie aber legten ihre Hände an ihn und nahmen ihn fest.

--- aber ------ ---- Hände -- --- und ------ --- fest.

--- ---- legten ---- ------ -- --- und ------ --- -----

Markus 14,46


47

Markus 14,47

Einer aber von denen, die dabei standen, zog das Schwert, schlug den Knecht des Hohenpriesters und hieb ihm ein Ohr ab.

----- aber --- ------ die ----- -------- zog --- -------- schlug --- ------ des -------------- --- hieb --- --- Ohr ---

----- ---- von ------ --- ----- -------- zog --- -------- ------ --- Knecht --- -------------- --- ---- ihm --- --- ---

Markus 14,47


48

Markus 14,48

Und Jesus begann und sprach zu ihnen: Wie gegen einen Räuber seid ihr ausgezogen mit Schwertern und Stöcken, um mich gefangen zu nehmen?

--- Jesus ------ --- sprach -- ------ Wie ----- ----- Räuber ---- --- ausgezogen --- ---------- und --------- -- mich -------- -- nehmen?

--- ----- begann --- ------ -- ------ Wie ----- ----- ------- ---- ihr ---------- --- ---------- --- Stöcken, -- ---- -------- -- nehmen?

Markus 14,48


49

Markus 14,49

Täglich war ich bei euch im Tempel und lehrte, und ihr habt mich nicht ergriffen. Doch damit die Schriften erfüllt werden -!

-------- war --- --- euch -- ------ und ------- --- ihr ---- ---- nicht ---------- ---- damit --- --------- erfüllt ------ --

-------- --- ich --- ---- -- ------ und ------- --- --- ---- mich ----- ---------- ---- ----- die --------- -------- ------ --

Markus 14,49


50

Markus 14,50

Da verließen ihn alle und flohen.

-- verließen --- ---- und -------

-- ---------- ihn ---- --- -------

Markus 14,50


51

Markus 14,51

Und ein gewisser junger Mann folgte ihm, der ein Leinengewand auf dem bloßen Leib trug; und die jungen Männer ergriffen ihn,

--- ein -------- ------ Mann ------ ---- der --- ------------ auf --- ------- Leib ----- --- die ------ ------- ergriffen ----

--- --- gewisser ------ ---- ------ ---- der --- ------------ --- --- bloßen ---- ----- --- --- jungen ------- --------- ----

Markus 14,51


52

Markus 14,52

er aber ließ das Leinengewand zurück, und entblößt floh er von ihnen.

-- aber ----- --- Leinengewand -------- --- entblößt ---- -- von ------

-- ---- ließ --- ------------ -------- --- entblößt ---- -- --- ------

Markus 14,52


53

Markus 14,53

Und sie führten Jesus ab zum Hohenpriester; und alle obersten Priester und die ö"ltesten und die Schriftgelehrten kamen bei ihm zusammen.

--- sie -------- ----- ab --- -------------- und ---- -------- Priester --- --- ö"ltesten --- --- Schriftgelehrten ----- --- ihm ---------

--- --- führten ----- -- --- -------------- und ---- -------- -------- --- die ---------- --- --- ---------------- kamen --- --- ---------

Markus 14,53


54

Markus 14,54

Und Petrus folgte ihm von ferne bis hinein in den Hof des Hohenpriesters; und er saß bei den Dienern und wärmte sich am Feuer.

--- Petrus ------ --- von ----- --- hinein -- --- Hof --- --------------- und -- ---- bei --- ------- und ------- ---- am ------

--- ------ folgte --- --- ----- --- hinein -- --- --- --- Hohenpriesters; --- -- ---- --- den ------- --- ------- ---- am ------

Markus 14,54


55

Markus 14,55

Die obersten Priester aber und der ganze Hohe Rat suchten ein Zeugnis gegen Jesus, um ihn zu töten, und sie fanden keines.

--- obersten -------- ---- und --- ----- Hohe --- ------- ein ------- ----- Jesus, -- --- zu ------- --- sie ------ -------

--- -------- Priester ---- --- --- ----- Hohe --- ------- --- ------- gegen ------ -- --- -- töten, --- --- ------ -------

Markus 14,55


56

Markus 14,56

Denn viele legten ein falsches Zeugnis gegen ihn ab, doch stimmten die Zeugnisse nicht überein.

---- viele ------ --- falsches ------- ----- ihn --- ---- stimmten --- --------- nicht ---------

---- ----- legten --- -------- ------- ----- ihn --- ---- -------- --- Zeugnisse ----- ---------

Markus 14,56


57

Markus 14,57

Und es standen etliche auf, legten ein falsches Zeugnis gegen ihn ab und sprachen:

--- es ------- ------- auf, ------ --- falsches ------- ----- ihn -- --- sprachen:

--- -- standen ------- ---- ------ --- falsches ------- ----- --- -- und ---------

Markus 14,57


58

Markus 14,58

Wir haben ihn sagen hören: Ich will diesen mit Händen gemachten Tempel zerstören und in drei Tagen einen anderen aufbauen, der nicht mit Händen gemacht ist.

--- haben --- ----- hören: --- ---- diesen --- ------- gemachten ------ ---------- und -- ---- Tagen ----- ------- aufbauen, --- ----- mit ------- ------- ist.

--- ----- ihn ----- ------- --- ---- diesen --- ------- --------- ------ zerstören --- -- ---- ----- einen ------- --------- --- ----- mit ------- ------- ----

Markus 14,58


59

Markus 14,59

Aber auch so war ihr Zeugnis nicht übereinstimmend.

---- auch -- --- ihr ------- ----- übereinstimmend.

---- ---- so --- --- ------- ----- übereinstimmend.

Markus 14,59


60

Markus 14,60

Und der Hohepriester stand auf, trat in die Mitte, fragte Jesus und sprach: Antwortest du nichts auf das, was diese gegen dich aussagen?

--- der ------------ ----- auf, ---- -- die ------ ------ Jesus --- ------- Antwortest -- ------ auf ---- --- diese ----- ---- aussagen?

--- --- Hohepriester ----- ---- ---- -- die ------ ------ ----- --- sprach: ---------- -- ------ --- das, --- ----- ----- ---- aussagen?

Markus 14,60


61

Markus 14,61

Er aber schwieg und antwortete nichts. Wieder fragte ihn der Hohepriester und sagte zu ihm: Bist du der Christus, der Sohn des Hochgelobten?

-- aber ------- --- antwortete ------- ------ fragte --- --- Hohepriester --- ----- zu ---- ---- du --- --------- der ---- --- Hochgelobten?

-- ---- schwieg --- ---------- ------- ------ fragte --- --- ------------ --- sagte -- ---- ---- -- der --------- --- ---- --- Hochgelobten?

Markus 14,61


62

Markus 14,62

Jesus aber sprach: Ich bin's. Und ihr werdet den Sohn des Menschen sitzen sehen zur Rechten der Macht und kommen mit den Wolken des Himmels!

----- aber ------- --- bin's. --- --- werdet --- ---- des -------- ------ sehen --- ------- der ----- --- kommen --- --- Wolken --- --------

----- ---- sprach: --- ------ --- --- werdet --- ---- --- -------- sitzen ----- --- ------- --- Macht --- ------ --- --- Wolken --- --------

Markus 14,62


63

Markus 14,63

Da zerriss der Hohepriester seine Kleider und sagte: Was brauchen wir weitere Zeugen?

-- zerriss --- ------------ seine ------- --- sagte: --- -------- wir ------- -------

-- ------- der ------------ ----- ------- --- sagte: --- -------- --- ------- Zeugen?

Markus 14,63


64

Markus 14,64

Ihr habt die Lästerung gehört. Was meint ihr? Und sie fällten alle das Urteil, dass er des Todes schuldig sei.

--- habt --- ---------- gehört. --- ----- ihr? --- --- fällten ---- --- Urteil, ---- -- des ----- -------- sei.

--- ---- die ---------- -------- --- ----- ihr? --- --- -------- ---- das ------- ---- -- --- Todes -------- ----

Markus 14,64


65

Markus 14,65

Und etliche fingen an, ihn anzuspucken und sein Angesicht zu verhüllen und ihn mit Fäusten zu schlagen und zu ihm zu sagen: Weissage! Und die Diener schlugen ihn ins Angesicht.

--- etliche ------ --- ihn ----------- --- sein --------- -- verhüllen --- --- mit -------- -- schlagen --- -- ihm -- ------ Weissage! --- --- Diener -------- --- ins ----------

--- ------- fingen --- --- ----------- --- sein --------- -- ---------- --- ihn --- -------- -- -------- und -- --- -- ------ Weissage! --- --- ------ -------- ihn --- ----------

Markus 14,65


66

Markus 14,66

Und während Petrus unten im Hof war, kam eine von den Mägden des Hohenpriesters.

--- während ------ ----- im --- ---- kam ---- --- den ------- --- Hohenpriesters.

--- -------- Petrus ----- -- --- ---- kam ---- --- --- ------- des ---------------

Markus 14,66


67

Markus 14,67

Und als sie Petrus sah, der sich wärmte, blickte sie ihn an und sprach: Auch du warst mit Jesus, dem Nazarener!

--- als --- ------ sah, --- ---- wärmte, ------- --- ihn -- --- sprach: ---- -- warst --- ------ dem ----------

--- --- sie ------ ---- --- ---- wärmte, ------- --- --- -- und ------- ---- -- ----- mit ------ --- ----------

Markus 14,67


68

Markus 14,68

Er aber leugnete und sprach: Ich weiß nicht und verstehe auch nicht, was du sagst! Und er ging in den Vorhof hinaus, und der Hahn krähte.

-- aber -------- --- sprach: --- ----- nicht --- -------- auch ------ --- du ------ --- er ---- -- den ------ ------- und --- ---- krähte.

-- ---- leugnete --- ------- --- ----- nicht --- -------- ---- ------ was -- ------ --- -- ging -- --- ------ ------- und --- ---- --------

Markus 14,68


69

Markus 14,69

Und als die Magd ihn sah, begann sie wieder und sprach zu den Umstehenden: Dieser ist einer von ihnen!

--- als --- ---- ihn ---- ------ sie ------ --- sprach -- --- Umstehenden: ------ --- einer --- ------

--- --- die ---- --- ---- ------ sie ------ --- ------ -- den ------------ ------ --- ----- von ------

Markus 14,69


70

Markus 14,70

Er aber leugnete wiederum. Und ein wenig nachher sprachen die Umstehenden nochmals zu Petrus: Wahrhaftig, du bist einer von ihnen! Denn du bist ein Galiläer, und deine Sprache ist gleich.

-- aber -------- --------- Und --- ----- nachher -------- --- Umstehenden -------- -- Petrus: ----------- -- bist ----- --- ihnen! ---- -- bist --- ---------- und ----- ------- ist -------

-- ---- leugnete --------- --- --- ----- nachher -------- --- ----------- -------- zu ------- ----------- -- ---- einer --- ------ ---- -- bist --- ---------- --- ----- Sprache --- -------

Markus 14,70


71

Markus 14,71

Er aber fing an, [sich] zu verfluchen und zu schwören: Ich kenne diesen Menschen nicht, von dem ihr redet!

-- aber ---- --- [sich] -- ---------- und -- ---------- Ich ----- ------ Menschen ------ --- dem --- ------

-- ---- fing --- ------ -- ---------- und -- ---------- --- ----- diesen -------- ------ --- --- ihr ------

Markus 14,71


72

Markus 14,72

Da krähte der Hahn zum zweiten Mal; und Petrus erinnerte sich an das Wort, das Jesus zu ihm gesagt hatte: Ehe der Hahn zweimal kräht, wirst du mich dreimal verleugnen. Und er begann zu weinen.

-- krähte --- ---- zum ------- ---- und ------ --------- sich -- --- Wort, --- ----- zu --- ------ hatte: --- --- Hahn ------- ------- wirst -- ---- dreimal ----------- --- er ------ -- weinen.

-- ------- der ---- --- ------- ---- und ------ --------- ---- -- das ----- --- ----- -- ihm ------ ------ --- --- Hahn ------- ------- ----- -- mich ------- ----------- --- -- begann -- -------

Markus 14,72