Deutsch 42-Lukas 004(Schl2000)
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1 | Lukas 4,1 | Jesus aber, voll Heiligen Geistes, kehrte vom Jordan zurück und wurde vom Geist in die Wüste geführt | ----- aber, ---- -------- Geistes, ------ --- Jordan ------- --- wurde --- ----- in --- ------ geführt | ----- ----- voll -------- -------- ------ --- Jordan ------- --- ----- --- Geist -- --- ------ -------- | Lukas 4,1 |
2 | Lukas 4,2 | und 40 Tage vom Teufel versucht. Und er aß nichts in jenen Tagen; und zuletzt, als sie zu Ende waren, war er hungrig. | --- 40 ---- --- Teufel --------- --- er --- ------ in ----- ------ und -------- --- sie -- ---- waren, --- -- hungrig. | --- -- Tage --- ------ --------- --- er --- ------ -- ----- Tagen; --- -------- --- --- zu ---- ------ --- -- hungrig. | Lukas 4,2 |
3 | Lukas 4,3 | Und der Teufel sprach zu ihm: Wenn du Gottes Sohn bist, so sprich zu diesem Stein, dass er Brot werde! | --- der ------ ------ zu ---- ---- du ------ ---- bist, -- ------ zu ------ ------ dass -- ---- werde! | --- --- Teufel ------ -- ---- ---- du ------ ---- ----- -- sprich -- ------ ------ ---- er ---- ------ | Lukas 4,3 |
4 | Lukas 4,4 | Und Jesus antwortete ihm und sprach: Es steht geschrieben: »Der Mensch lebt nicht vom Brot allein, sondern von einem jeglichen Wort Gottes«. | --- Jesus ---------- --- und ------- -- steht ------------ ----- Mensch ---- ----- vom ---- ------- sondern --- ----- jeglichen ---- --------- | --- ----- antwortete --- --- ------- -- steht ------------ ----- ------ ---- nicht --- ---- ------- ------- von ----- --------- ---- --------- | Lukas 4,4 |
5 | Lukas 4,5 | Da führte der Teufel ihn auf einen hohen Berg und zeigte ihm alle Reiche der Welt in einem Augenblick. | -- führte --- ------ ihn --- ----- hohen ---- --- zeigte --- ---- Reiche --- ---- in ----- ----------- | -- ------- der ------ --- --- ----- hohen ---- --- ------ --- alle ------ --- ---- -- einem ----------- | Lukas 4,5 |
6 | Lukas 4,6 | Und der Teufel sprach zu ihm: Dir will ich alle diese Macht und ihre Herrlichkeit geben; denn sie ist mir übergeben, und ich gebe sie, wem ich will. | --- der ------ ------ zu ---- --- will --- ---- diese ----- --- ihre ------------ ------ denn --- --- mir ----------- --- ich ---- ---- wem --- ----- | --- --- Teufel ------ -- ---- --- will --- ---- ----- ----- und ---- ------------ ------ ---- sie --- --- ----------- --- ich ---- ---- --- --- will. | Lukas 4,6 |
7 | Lukas 4,7 | Wenn du nun vor mir anbetest, so soll alles dir gehören! | ---- du --- --- mir --------- -- soll ----- --- gehören! | ---- -- nun --- --- --------- -- soll ----- --- --------- | Lukas 4,7 |
8 | Lukas 4,8 | Und Jesus antwortete ihm und sprach: Weiche von mir, Satan! Denn es steht geschrieben: »Du sollst den Herrn, deinen Gott, anbeten und ihm allein dienen«. | --- Jesus ---------- --- und ------- ------ von ---- ------ Denn -- ----- geschrieben: ---- ------ den ------ ------ Gott, ------- --- ihm ------ --------- | --- ----- antwortete --- --- ------- ------ von ---- ------ ---- -- steht ------------ ---- ------ --- Herrn, ------ ----- ------- --- ihm ------ --------- | Lukas 4,8 |
9 | Lukas 4,9 | Und er führte ihn nach Jerusalem und stellte ihn auf die Zinne des Tempels und sprach zu ihm: Wenn du der Sohn Gottes bist, so stürze dich von hier hinab; | --- er ------- --- nach --------- --- stellte --- --- die ----- --- Tempels --- ------ zu ---- ---- du --- ---- Gottes ----- -- stürze ---- --- hier ------ | --- -- führte --- ---- --------- --- stellte --- --- --- ----- des ------- --- ------ -- ihm: ---- -- --- ---- Gottes ----- -- ------- ---- von ---- ------ | Lukas 4,9 |
10 | Lukas 4,10 | denn es steht geschrieben: »Er wird seinen Engeln deinetwegen Befehl geben, dass sie dich behüten, | ---- es ----- ------------ »Er ---- ------ Engeln ----------- ------ geben, ---- --- dich --------- | ---- -- steht ------------ ---- ---- ------ Engeln ----------- ------ ------ ---- sie ---- --------- | Lukas 4,10 |
11 | Lukas 4,11 | und sie werden dich auf den Händen tragen, damit du deinen Fuß nicht an einen Stein stößt.« | --- sie ------ ---- auf --- ------- tragen, ----- -- deinen ---- ----- an ----- ----- stößt.« | --- --- werden ---- --- --- ------- tragen, ----- -- ------ ---- nicht -- ----- ----- ---------- | Lukas 4,11 |
12 | Lukas 4,12 | Und Jesus antwortete und sprach zu ihm: Es ist gesagt: »Du sollst den Herrn, deinen Gott, nicht versuchen!« | --- Jesus ---------- --- sprach -- ---- Es --- ------- »Du ------ --- Herrn, ------ ----- nicht ------------ | --- ----- antwortete --- ------ -- ---- Es --- ------- ---- ------ den ------ ------ ----- ----- versuchen!« | Lukas 4,12 |
13 | Lukas 4,13 | Und nachdem der Teufel alle Versuchung vollendet hatte, wich er von ihm eine Zeit lang. | --- nachdem --- ------ alle ---------- --------- hatte, ---- -- von --- ---- Zeit ----- | --- ------- der ------ ---- ---------- --------- hatte, ---- -- --- --- eine ---- ----- | Lukas 4,13 |
14 | Lukas 4,14 | Und Jesus kehrte in der Kraft des Geistes zurück nach Galiläa; und das Gerücht von ihm verbreitete sich durch die ganze umliegende Gegend. | --- Jesus ------ -- der ----- --- Geistes ------- ---- Galiläa; --- --- Gerücht --- --- verbreitete ---- ----- die ----- ---------- Gegend. | --- ----- kehrte -- --- ----- --- Geistes ------- ---- --------- --- das -------- --- --- ----------- sich ----- --- ----- ---------- Gegend. | Lukas 4,14 |
15 | Lukas 4,15 | Und er lehrte in ihren Synagogen und wurde von allen gepriesen. | --- er ------ -- ihren --------- --- wurde --- ----- gepriesen. | --- -- lehrte -- ----- --------- --- wurde --- ----- ---------- | Lukas 4,15 |
16 | Lukas 4,16 | Und er kam nach Nazareth, wo er erzogen worden war, und ging nach seiner Gewohnheit am Sabbattag in die Synagoge und stand auf, um vorzulesen. | --- er --- ---- Nazareth, -- -- erzogen ------ ---- und ---- ---- seiner ---------- -- Sabbattag -- --- Synagoge --- ----- auf, -- ----------- | --- -- kam ---- --------- -- -- erzogen ------ ---- --- ---- nach ------ ---------- -- --------- in --- -------- --- ----- auf, -- ----------- | Lukas 4,16 |
17 | Lukas 4,17 | Und es wurde ihm die Buchrolle des Propheten Jesaja gegeben; und als er die Buchrolle aufgerollt hatte, fand er die Stelle, wo geschrieben steht: | --- es ----- --- die --------- --- Propheten ------ -------- und --- -- die --------- ---------- hatte, ---- -- die ------- -- geschrieben ------ | --- -- wurde --- --- --------- --- Propheten ------ -------- --- --- er --- --------- ---------- ------ fand -- --- ------- -- geschrieben ------ | Lukas 4,17 |
18 | Lukas 4,18 | »Der Geist des Herrn ist auf mir, weil er mich gesalbt hat, den Armen frohe Botschaft zu verkünden; er hat mich gesandt, zu heilen, die zerbrochenen Herzens sind, Gefangenen Befreiung zu verkünden und den Blinden, dass sie wieder sehend werden, Zerschlagene in Freiheit zu setzen, | ----- Geist --- ----- ist --- ---- weil -- ---- gesalbt ---- --- Armen ----- --------- zu ----------- -- hat ---- -------- zu ------- --- zerbrochenen ------- ----- Gefangenen --------- -- verkünden --- --- Blinden, ---- --- wieder ------ ------- Zerschlagene -- -------- zu ------- | ----- ----- des ----- --- --- ---- weil -- ---- ------- ---- den ----- ----- --------- -- verkünden; -- --- ---- -------- zu ------- --- ------------ ------- sind, ---------- --------- -- ---------- und --- -------- ---- --- wieder ------ ------- ------------ -- Freiheit -- ------- | Lukas 4,18 |
19 | Lukas 4,19 | um zu verkündigen das angenehme Jahr des Herrn.« | -- zu ------------ --- angenehme ---- --- Herrn.« | -- -- verkündigen --- --------- ---- --- Herrn.« | Lukas 4,19 |
20 | Lukas 4,20 | Und er rollte die Buchrolle zusammen und gab sie dem Diener wieder und setzte sich, und aller Augen in der Synagoge waren auf ihn gerichtet. | --- er ------ --- Buchrolle -------- --- gab --- --- Diener ------ --- setzte ----- --- aller ----- -- der -------- ----- auf --- ---------- | --- -- rollte --- --------- -------- --- gab --- --- ------ ------ und ------ ----- --- ----- Augen -- --- -------- ----- auf --- ---------- | Lukas 4,20 |
21 | Lukas 4,21 | Er aber fing an, ihnen zu sagen: Heute ist diese Schrift erfüllt vor euren Ohren! | -- aber ---- --- ihnen -- ------ Heute --- ----- Schrift -------- --- euren ------ | -- ---- fing --- ----- -- ------ Heute --- ----- ------- -------- vor ----- ------ | Lukas 4,21 |
22 | Lukas 4,22 | Und alle gaben ihm Zeugnis und wunderten sich über die Worte der Gnade, die aus seinem Mund kamen, und sprachen: Ist dieser nicht der Sohn Josephs? | --- alle ----- --- Zeugnis --- --------- sich ----- --- Worte --- ------ die --- ------ Mund ------ --- sprachen: --- ------ nicht --- ---- Josephs? | --- ---- gaben --- ------- --- --------- sich ----- --- ----- --- Gnade, --- --- ------ ---- kamen, --- --------- --- ------ nicht --- ---- -------- | Lukas 4,22 |
23 | Lukas 4,23 | Und er sprach zu ihnen: Gewiss werdet ihr mir dieses Sprichwort sagen: Arzt, heile dich selbst! Die großen Taten, von denen wir gehört haben, dass sie in Kapernaum geschahen, tue sie auch hier in deiner Vaterstadt! | --- er ------ -- ihnen: ------ ------ ihr --- ------ Sprichwort ------ ----- heile ---- ------- Die ------- ------ von ----- --- gehört ------ ---- sie -- --------- geschahen, --- --- auch ---- -- deiner ----------- | --- -- sprach -- ------ ------ ------ ihr --- ------ ---------- ------ Arzt, ----- ---- ------- --- großen ------ --- ----- --- gehört ------ ---- --- -- Kapernaum ---------- --- --- ---- hier -- ------ ----------- | Lukas 4,23 |
24 | Lukas 4,24 | Er sprach aber: Wahrlich, ich sage euch: Kein Prophet ist anerkannt in seinem Vaterland. | -- sprach ----- --------- ich ---- ----- Kein ------- --- anerkannt -- ------ Vaterland. | -- ------ aber: --------- --- ---- ----- Kein ------- --- --------- -- seinem ---------- | Lukas 4,24 |
25 | Lukas 4,25 | In Wahrheit aber sage ich euch: Es waren viele Witwen in den Tagen Elias in Israel, als der Himmel drei Jahre und sechs Monate lang verschlossen war, da eine große Hungersnot entstand im ganzen Land; | -- Wahrheit ---- ---- ich ----- -- waren ----- ------ in --- ----- Elias -- ------- als --- ------ drei ----- --- sechs ------ ---- verschlossen ---- -- eine ------ ---------- entstand -- ------ Land; | -- -------- aber ---- --- ----- -- waren ----- ------ -- --- Tagen ----- -- ------- --- der ------ ---- ----- --- sechs ------ ---- ------------ ---- da ---- ------ ---------- -------- im ------ ----- | Lukas 4,25 |
26 | Lukas 4,26 | und zu keiner von ihnen wurde Elia gesandt, sondern nur zu einer Witwe nach Zarpat bei Zidon. | --- zu ------ --- ihnen ----- ---- gesandt, ------- --- zu ----- ----- nach ------ --- Zidon. | --- -- keiner --- ----- ----- ---- gesandt, ------- --- -- ----- Witwe ---- ------ --- ------ | Lukas 4,26 |
27 | Lukas 4,27 | Und viele Aussätzige waren in Israel zur Zeit des Propheten Elisa; aber keiner von ihnen wurde gereinigt, sondern nur Naeman, der Syrer. | --- viele ----------- ----- in ------ --- Zeit --- --------- Elisa; ---- ------ von ----- ----- gereinigt, ------- --- Naeman, --- ------ | --- ----- Aussätzige ----- -- ------ --- Zeit --- --------- ------ ---- keiner --- ----- ----- ---------- sondern --- ------- --- ------ | Lukas 4,27 |
28 | Lukas 4,28 | Da wurden alle in der Synagoge voll Zorn, als sie dies hörten. | -- wurden ---- -- der -------- ---- Zorn, --- --- dies -------- | -- ------ alle -- --- -------- ---- Zorn, --- --- ---- -------- | Lukas 4,28 |
29 | Lukas 4,29 | Und sie standen auf und stießen ihn zur Stadt hinaus und führten ihn an den Rand des Berges, auf dem ihre Stadt gebaut war, um ihn hinabzustürzen. | --- sie ------- --- und -------- --- zur ----- ------ und -------- --- an --- ---- des ------- --- dem ---- ----- gebaut ---- -- ihn ---------------- | --- --- standen --- --- -------- --- zur ----- ------ --- -------- ihn -- --- ---- --- Berges, --- --- ---- ----- gebaut ---- -- --- ---------------- | Lukas 4,29 |
30 | Lukas 4,30 | Er aber ging mitten durch sie hindurch und zog weiter. | -- aber ---- ------ durch --- -------- und --- ------- | -- ---- ging ------ ----- --- -------- und --- ------- | Lukas 4,30 |
31 | Lukas 4,31 | Und er kam hinab nach Kapernaum, einer Stadt in Galiläa, und lehrte sie am Sabbat. | --- er --- ----- nach ---------- ----- Stadt -- --------- und ------ --- am ------- | --- -- kam ----- ---- ---------- ----- Stadt -- --------- --- ------ sie -- ------- | Lukas 4,31 |
32 | Lukas 4,32 | Und sie waren betroffen über seine Lehre, denn er redete mit Vollmacht. | --- sie ----- --------- über ----- ------ denn -- ------ mit ---------- | --- --- waren --------- ----- ----- ------ denn -- ------ --- ---------- | Lukas 4,32 |
33 | Lukas 4,33 | Und in der Synagoge war ein Mensch, der den Geist eines unreinen Dämonen hatte. Und er schrie mit lauter Stimme | --- in --- -------- war --- ------- der --- ----- eines -------- -------- hatte. --- -- schrie --- ------ Stimme | --- -- der -------- --- --- ------- der --- ----- ----- -------- Dämonen ------ --- -- ------ mit ------ ------ | Lukas 4,33 |
34 | Lukas 4,34 | und sprach: Lass ab! Was haben wir mit dir zu tun, Jesus, du Nazarener? Bist du gekommen, um uns zu verderben? Ich weiß, wer du bist: der Heilige Gottes! | --- sprach: ---- --- Was ----- --- mit --- -- tun, ------ -- Nazarener? ---- -- gekommen, -- --- zu ---------- --- weiß, --- -- bist: --- ------- Gottes! | --- ------- Lass --- --- ----- --- mit --- -- ---- ------ du ---------- ---- -- --------- um --- -- ---------- --- weiß, --- -- ----- --- Heilige ------- | Lukas 4,34 |
35 | Lukas 4,35 | Und Jesus befahl ihm und sprach: Verstumme und fahre aus von ihm! Da warf ihn der Dämon mitten unter sie und fuhr aus von ihm und tat ihm keinen Schaden. | --- Jesus ------ --- und ------- --------- und ----- --- von ---- -- warf --- --- Dämon ------ ----- sie --- ---- aus --- --- und --- --- keinen -------- | --- ----- befahl --- --- ------- --------- und ----- --- --- ---- Da ---- --- --- ------ mitten ----- --- --- ---- aus --- --- --- --- ihm ------ -------- | Lukas 4,35 |
36 | Lukas 4,36 | Und ein Entsetzen kam über alle, und sie redeten untereinander und sprachen: Was ist das für ein Wort, dass er mit Vollmacht und Kraft den unreinen Geistern gebietet und sie ausfahren? | --- ein --------- --- über ----- --- sie ------- ------------- und --------- --- ist --- ---- ein ----- ---- er --- --------- und ----- --- unreinen -------- -------- und --- ---------- | --- --- Entsetzen --- ----- ----- --- sie ------- ------------- --- --------- Was --- --- ---- --- Wort, ---- -- --- --------- und ----- --- -------- -------- gebietet --- --- ---------- | Lukas 4,36 |
37 | Lukas 4,37 | Und sein Ruf verbreitete sich in alle Orte der umliegenden Gegend. | --- sein --- ----------- sich -- ---- Orte --- ----------- Gegend. | --- ---- Ruf ----------- ---- -- ---- Orte --- ----------- ------- | Lukas 4,37 |
38 | Lukas 4,38 | Und er stand auf und ging aus der Synagoge in das Haus des Simon. Simons Schwiegermutter aber war von einem heftigen Fieber befallen, und sie baten ihn für sie. | --- er ----- --- und ---- --- der -------- -- das ---- --- Simon. ------ --------------- aber --- --- einem -------- ------ befallen, --- --- baten --- ---- sie. | --- -- stand --- --- ---- --- der -------- -- --- ---- des ------ ------ --------------- ---- war --- ----- -------- ------ befallen, --- --- ----- --- für ---- | Lukas 4,38 |
39 | Lukas 4,39 | Und er trat zu ihr, neigte sich über sie und befahl dem Fieber, und es verließ sie. Und sogleich stand sie auf und diente ihnen. | --- er ---- -- ihr, ------ ---- über --- --- befahl --- ------- und -- -------- sie. --- -------- stand --- --- und ------ ------ | --- -- trat -- ---- ------ ---- über --- --- ------ --- Fieber, --- -- -------- ---- Und -------- ----- --- --- und ------ ------ | Lukas 4,39 |
40 | Lukas 4,40 | Als aber die Sonne unterging, brachten alle, die Kranke hatten mit mancherlei Gebrechen, sie zu ihm, und er legte einem jeden von ihnen die Hände auf und heilte sie. | --- aber --- ----- unterging, -------- ----- die ------ ------ mit ---------- ---------- sie -- ---- und -- ----- einem ----- --- ihnen --- ------ auf --- ------ sie. | --- ---- die ----- ---------- -------- ----- die ------ ------ --- ---------- Gebrechen, --- -- ---- --- er ----- ----- ----- --- ihnen --- ------ --- --- heilte ---- | Lukas 4,40 |
41 | Lukas 4,41 | Es fuhren auch Dämonen aus von vielen, indem sie schrien und sprachen: Du bist der Christus, der Sohn Gottes! Und er befahl ihnen und ließ sie nicht reden, weil sie wussten, dass er der Christus war. | -- fuhren ---- -------- aus --- ------- indem --- ------- und --------- -- bist --- --------- der ---- ------- Und -- ------ ihnen --- ----- sie ----- ------ weil --- -------- dass -- --- Christus ---- | -- ------ auch -------- --- --- ------- indem --- ------- --- --------- Du ---- --- --------- --- Sohn ------- --- -- ------ ihnen --- ----- --- ----- reden, ---- --- -------- ---- er --- -------- ---- | Lukas 4,41 |
42 | Lukas 4,42 | Als es aber Tag geworden war, ging er hinaus an einen abgelegenen Ort; und die Volksmenge suchte ihn und kam bis zu ihm, und sie wollten ihn zurückhalten, damit er nicht von ihnen wegginge. | --- es ---- --- geworden ---- ---- er ------ -- einen ----------- ---- und --- ---------- suchte --- --- kam --- -- ihm, --- --- wollten --- -------------- damit -- ----- von ----- --------- | --- -- aber --- -------- ---- ---- er ------ -- ----- ----------- Ort; --- --- ---------- ------ ihn --- --- --- -- ihm, --- --- ------- --- zurückhalten, ----- -- ----- --- ihnen --------- | Lukas 4,42 |
43 | Lukas 4,43 | Er aber sprach zu ihnen: Ich muss auch den anderen Städten das Evangelium vom Reich Gottes verkündigen; denn dazu bin ich gesandt. | -- aber ------ -- ihnen: --- ---- auch --- ------- Städten --- ---------- vom ----- ------ verkündigen; ---- ---- bin --- -------- | -- ---- sprach -- ------ --- ---- auch --- ------- -------- --- Evangelium --- ----- ------ ------------- denn ---- --- --- -------- | Lukas 4,43 |
44 | Lukas 4,44 | Und er verkündigte in den Synagogen von Galiläa. | --- er ------------ -- den --------- --- Galiläa. | --- -- verkündigte -- --- --------- --- Galiläa. | Lukas 4,44 |