Deutsch 42-Lukas 007(Schl2000)
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1 | Lukas 7,1 | Nachdem er aber vor den Ohren des Volkes alle seine Reden beendet hatte, ging er hinein nach Kapernaum. | ------- er ---- --- den ----- --- Volkes ---- ----- Reden ------- ------ ging -- ------ nach ---------- | ------- -- aber --- --- ----- --- Volkes ---- ----- ----- ------- hatte, ---- -- ------ ---- Kapernaum. | Lukas 7,1 |
2 | Lukas 7,2 | Und ein Knecht eines Hauptmanns, den jener schätzte, lag krank und war am Sterben. | --- ein ------ ----- Hauptmanns, --- ----- schätzte, --- ----- und --- -- Sterben. | --- --- Knecht ----- ----------- --- ----- schätzte, --- ----- --- --- am -------- | Lukas 7,2 |
3 | Lukas 7,3 | Als er aber von Jesus hörte, sandte er ö"lteste der Juden zu ihm mit der Bitte, er möge kommen und seinen Knecht retten. | --- er ---- --- Jesus ------- ------ er --------- --- Juden -- --- mit --- ------ er ----- ------ und ------ ------ retten. | --- -- aber --- ----- ------- ------ er --------- --- ----- -- ihm --- --- ------ -- möge ------ --- ------ ------ retten. | Lukas 7,3 |
4 | Lukas 7,4 | Als diese zu Jesus kamen, baten sie ihn eindringlich und sprachen: Er ist es wert, dass du ihm dies gewährst; | --- diese -- ----- kamen, ----- --- ihn ------------ --- sprachen: -- --- es ----- ---- du --- ---- gewährst; | --- ----- zu ----- ------ ----- --- ihn ------------ --- --------- -- ist -- ----- ---- -- ihm ---- ---------- | Lukas 7,4 |
5 | Lukas 7,5 | denn er hat unser Volk lieb, und er hat uns die Synagoge erbaut. | ---- er --- ----- Volk ----- --- er --- --- die -------- ------- | ---- -- hat ----- ---- ----- --- er --- --- --- -------- erbaut. | Lukas 7,5 |
6 | Lukas 7,6 | Da ging Jesus mit ihnen hin. Und als er schon nicht mehr fern von dem Haus war, schickte der Hauptmann Freunde zu ihm und ließ ihm sagen: Herr, bemühe dich nicht; denn ich bin nicht wert, dass du unter mein Dach kommst! | -- ging ----- --- ihnen ---- --- als -- ----- nicht ---- ---- von --- ---- war, -------- --- Hauptmann ------- -- ihm --- ----- ihm ------ ----- bemühe ---- ------ denn --- --- nicht ----- ---- du ----- ---- Dach ------- | -- ---- Jesus --- ----- ---- --- als -- ----- ----- ---- fern --- --- ---- ---- schickte --- --------- ------- -- ihm --- ----- --- ------ Herr, ------- ---- ------ ---- ich --- ----- ----- ---- du ----- ---- ---- ------- | Lukas 7,6 |
7 | Lukas 7,7 | Darum hielt ich auch mich selbst nicht für würdig, zu dir zu kommen; sondern sprich nur ein Wort, so wird mein Knecht gesund! | ----- hielt --- ---- mich ------ ----- für -------- -- dir -- ------- sondern ------ --- ein ----- -- wird ---- ------ gesund! | ----- ----- ich ---- ---- ------ ----- für -------- -- --- -- kommen; ------- ------ --- --- Wort, -- ---- ---- ------ gesund! | Lukas 7,7 |
8 | Lukas 7,8 | Denn auch ich bin ein Mensch, der unter Vorgesetzten steht, und habe Kriegsknechte unter mir; und wenn ich zu diesem sage: Geh hin!, so geht er; und zu einem anderen: Komm her!, so kommt er; und zu meinem Knecht: Tu das!, so tut er's. | ---- auch --- --- ein ------- --- unter ------------ ------ und ---- ------------- unter ---- --- wenn --- -- diesem ----- --- hin!, -- ---- er; --- -- einem -------- ---- her!, -- ----- er; --- -- meinem ------- -- das!, -- --- er's. | ---- ---- ich --- --- ------- --- unter ------------ ------ --- ---- Kriegsknechte ----- ---- --- ---- ich -- ------ ----- --- hin!, -- ---- --- --- zu ----- -------- ---- ----- so ----- --- --- -- meinem ------- -- ----- -- tut ----- | Lukas 7,8 |
9 | Lukas 7,9 | Als Jesus das hörte, verwunderte er sich über ihn und wandte sich um und sprach zu der Menge, die ihm nachfolgte: Ich sage euch: Einen so großen Glauben habe ich in Israel nicht gefunden! | --- Jesus --- ------- verwunderte -- ---- über --- --- wandte ---- -- und ------ -- der ------ --- ihm ----------- --- sage ----- ----- so ------- ------- habe --- -- Israel ----- --------- | --- ----- das ------- ----------- -- ---- über --- --- ------ ---- um --- ------ -- --- Menge, --- --- ----------- --- sage ----- ----- -- ------- Glauben ---- --- -- ------ nicht --------- | Lukas 7,9 |
10 | Lukas 7,10 | Und als die Abgesandten in das Haus zurückkamen, fanden sie den kranken Knecht gesund. | --- als --- ----------- in --- ---- zurückkamen, ------ --- den ------- ------ gesund. | --- --- die ----------- -- --- ---- zurückkamen, ------ --- --- ------- Knecht ------- | Lukas 7,10 |
11 | Lukas 7,11 | Und es begab sich am folgenden Tag, dass er in eine Stadt namens Nain ging, und mit ihm zogen viele seiner Jünger und eine große Volksmenge. | --- es ----- ---- am --------- ---- dass -- -- eine ----- ------ Nain ----- --- mit --- ----- viele ------ ------- und ---- ------ Volksmenge. | --- -- begab ---- -- --------- ---- dass -- -- ---- ----- namens ---- ----- --- --- ihm ----- ----- ------ ------- und ---- ------ ----------- | Lukas 7,11 |
12 | Lukas 7,12 | Wie er sich aber dem Stadttor näherte, siehe, da wurde ein Toter herausgetragen, der einzige Sohn seiner Mutter, und sie war eine Witwe; und viele Leute aus der Stadt begleiteten sie. | --- er ---- ---- dem -------- --------- siehe, -- ----- ein ----- --------------- der ------- ---- seiner ------- --- sie --- ---- Witwe; --- ----- Leute --- --- Stadt ----------- ---- | --- -- sich ---- --- -------- --------- siehe, -- ----- --- ----- herausgetragen, --- ------- ---- ------ Mutter, --- --- --- ---- Witwe; --- ----- ----- --- der ----- ----------- ---- | Lukas 7,12 |
13 | Lukas 7,13 | Und als der Herr sie sah, erbarmte er sich über sie und sprach zu ihr: Weine nicht! | --- als --- ---- sie ---- -------- er ---- ----- sie --- ------ zu ---- ----- nicht! | --- --- der ---- --- ---- -------- er ---- ----- --- --- sprach -- ---- ----- ------ | Lukas 7,13 |
14 | Lukas 7,14 | Und er trat hinzu und rührte den Sarg an; die Träger aber standen still. Und er sprach: Junger Mann, ich sage dir: Steh auf! | --- er ---- ----- und ------- --- Sarg --- --- Träger ---- ------- still. --- -- sprach: ------ ----- ich ---- ---- Steh ---- | --- -- trat ----- --- ------- --- Sarg --- --- ------- ---- standen ------ --- -- ------- Junger ----- --- ---- ---- Steh ---- | Lukas 7,14 |
15 | Lukas 7,15 | Und der Tote setzte sich auf und fing an zu reden; und er gab ihn seiner Mutter. | --- der ---- ------ sich --- --- fing -- -- reden; --- -- gab --- ------ Mutter. | --- --- Tote ------ ---- --- --- fing -- -- ------ --- er --- --- ------ ------- | Lukas 7,15 |
16 | Lukas 7,16 | Da wurden sie alle von Furcht ergriffen und priesen Gott und sprachen: Ein großer Prophet ist unter uns aufgestanden, und: Gott hat sein Volk heimgesucht! | -- wurden --- ---- von ------ --------- und ------- ---- und --------- --- großer ------- --- unter --- ------------- und: ---- --- sein ---- ------------ | -- ------ sie ---- --- ------ --------- und ------- ---- --- --------- Ein ------- ------- --- ----- uns ------------- ---- ---- --- sein ---- ------------ | Lukas 7,16 |
17 | Lukas 7,17 | Und diese Rede über ihn verbreitete sich in ganz Judäa und in der ganzen Umgegend. | --- diese ---- ----- ihn ----------- ---- in ---- ------ und -- --- ganzen --------- | --- ----- Rede ----- --- ----------- ---- in ---- ------ --- -- der ------ --------- | Lukas 7,17 |
18 | Lukas 7,18 | Und die Jünger des Johannes berichteten ihm von dem allem. | --- die ------- --- Johannes ----------- --- von --- ------ | --- --- Jünger --- -------- ----------- --- von --- ------ | Lukas 7,18 |
19 | Lukas 7,19 | Und Johannes rief zwei seiner Jünger zu sich, sandte sie zu Jesus und ließ ihn fragen: Bist du derjenige, der kommen soll, oder sollen wir auf einen anderen warten? | --- Johannes ---- ---- seiner ------- -- sich, ------ --- zu ----- --- ließ --- ------- Bist -- ---------- der ------ ----- oder ------ --- auf ----- ------- warten? | --- -------- rief ---- ------ ------- -- sich, ------ --- -- ----- und ----- --- ------- ---- du ---------- --- ------ ----- oder ------ --- --- ----- anderen ------- | Lukas 7,19 |
20 | Lukas 7,20 | Als nun die Männer zu ihm kamen, sprachen sie: Johannes der Täufer hat uns zu dir gesandt und lässt dich fragen: Bist du es, der kommen soll, oder sollen wir auf einen anderen warten? | --- nun --- ------- zu --- ------ sprachen ---- -------- der ------- --- uns -- --- gesandt --- ------ dich ------- ---- du --- --- kommen ----- ---- sollen --- --- einen ------- ------- | --- --- die ------- -- --- ------ sprachen ---- -------- --- ------- hat --- -- --- ------- und ------ ---- ------- ---- du --- --- ------ ----- oder ------ --- --- ----- anderen ------- | Lukas 7,20 |
21 | Lukas 7,21 | Zu derselben Stunde aber heilte er viele von Krankheiten und Plagen und bösen Geistern und schenkte vielen Blinden das Augenlicht. | -- derselben ------ ---- heilte -- ----- von ----------- --- Plagen --- ------ Geistern --- -------- vielen ------- --- Augenlicht. | -- --------- Stunde ---- ------ -- ----- von ----------- --- ------ --- bösen -------- --- -------- ------ Blinden --- ----------- | Lukas 7,21 |
22 | Lukas 7,22 | Und Jesus antwortete und sprach zu ihnen: Geht hin und berichtet dem Johannes, was ihr gesehen und gehört habt: Blinde werden sehend, Lahme gehen, Aussätzige werden rein, Taube hören, Tote werden auferweckt, Armen wird das Evangelium verkündigt. | --- Jesus ---------- --- sprach -- ------ Geht --- --- berichtet --- --------- was --- ------- und ------- ----- Blinde ------ ------- Lahme ------ ----------- werden ----- ----- hören, ---- ------ auferweckt, ----- ---- das ---------- ------------ | --- ----- antwortete --- ------ -- ------ Geht --- --- --------- --- Johannes, --- --- ------- --- gehört ----- ------ ------ ------- Lahme ------ ----------- ------ ----- Taube ------- ---- ------ ----------- Armen ---- --- ---------- ------------ | Lukas 7,22 |
23 | Lukas 7,23 | Und glückselig ist, wer nicht Anstoß nimmt an mir! | --- glückselig ---- --- nicht ------- ----- an ---- | --- ----------- ist, --- ----- ------- ----- an ---- | Lukas 7,23 |
24 | Lukas 7,24 | Und als die Boten des Johannes weggegangen waren, fing er an, zu der Volksmenge über Johannes zu reden: Was seid ihr in die Wüste hinausgegangen zu sehen? Ein Rohr, das vom Wind bewegt wird? | --- als --- ----- des -------- ----------- waren, ---- -- an, -- --- Volksmenge ----- -------- zu ------ --- seid --- -- die ------ -------------- zu ------ --- Rohr, --- --- Wind ------ ----- | --- --- die ----- --- -------- ----------- waren, ---- -- --- -- der ---------- ----- -------- -- reden: --- ---- --- -- die ------ -------------- -- ------ Ein ----- --- --- ---- bewegt ----- | Lukas 7,24 |
25 | Lukas 7,25 | Oder was seid ihr hinausgegangen zu sehen? Einen Menschen, mit weichen Kleidern bekleidet? Siehe, die in herrlicher Kleidung und öœppigkeit leben, sind an den Königshöfen! | ---- was ---- --- hinausgegangen -- ------ Einen --------- --- weichen -------- ---------- Siehe, --- -- herrlicher -------- --- öœppigkeit ------ ---- an --- -------------- | ---- --- seid --- -------------- -- ------ Einen --------- --- ------- -------- bekleidet? ------ --- -- ---------- Kleidung --- ------------ ------ ---- an --- -------------- | Lukas 7,25 |
26 | Lukas 7,26 | Oder was seid ihr hinausgegangen zu sehen? Einen Propheten? Ja, ich sage euch: einen, der mehr ist als ein Prophet! | ---- was ---- --- hinausgegangen -- ------ Einen ---------- --- ich ---- ----- einen, --- ---- ist --- --- Prophet! | ---- --- seid --- -------------- -- ------ Einen ---------- --- --- ---- euch: ------ --- ---- --- als --- -------- | Lukas 7,26 |
27 | Lukas 7,27 | Dieser ist's, von dem geschrieben steht: »Siehe, ich sende meinen Boten vor deinem Angesicht her, der deinen Weg vor dir bereiten soll«. | ------ ist's, --- --- geschrieben ------ -------- ich ----- ------ Boten --- ------ Angesicht ---- --- deinen --- --- dir -------- ------- | ------ ------ von --- ----------- ------ -------- ich ----- ------ ----- --- deinem --------- ---- --- ------ Weg --- --- -------- ------- | Lukas 7,27 |
28 | Lukas 7,28 | Denn ich sage euch: Unter denen, die von Frauen geboren sind, gibt es keinen größeren Propheten als Johannes den Täufer; doch der Kleinste im Reich Gottes ist größer als er. | ---- ich ---- ----- Unter ------ --- von ------ ------- sind, ---- -- keinen ---------- --------- als -------- --- Täufer; ---- --- Kleinste -- ----- Gottes --- -------- als --- | ---- --- sage ----- ----- ------ --- von ------ ------- ----- ---- es ------ ---------- --------- --- Johannes --- -------- ---- --- Kleinste -- ----- ------ --- größer --- --- | Lukas 7,28 |
29 | Lukas 7,29 | Und das ganze Volk, das ihn hörte, und die Zöllner gaben Gott recht, indem sie sich taufen ließen mit der Taufe des Johannes; | --- das ----- ----- das --- ------- und --- -------- gaben ---- ------ indem --- ---- taufen ------- --- der ----- --- Johannes; | --- --- ganze ----- --- --- ------- und --- -------- ----- ---- recht, ----- --- ---- ------ ließen --- --- ----- --- Johannes; | Lukas 7,29 |
30 | Lukas 7,30 | die Pharisäer aber und die Gesetzesgelehrten verwarfen den Ratschluss Gottes, sich selbst zum Schaden, indem sie sich nicht von ihm taufen ließen. | --- Pharisäer ---- --- die ----------------- --------- den ---------- ------- sich ------ --- Schaden, ----- --- sich ----- --- ihm ------ -------- | --- ---------- aber --- --- ----------------- --------- den ---------- ------- ---- ------ zum -------- ----- --- ---- nicht --- --- ------ -------- | Lukas 7,30 |
31 | Lukas 7,31 | Und der Herr sprach: Wem soll ich nun die Menschen dieses Geschlechts vergleichen? Und wem sind sie gleich? | --- der ---- ------- Wem ---- --- nun --- -------- dieses ----------- ------------ Und --- ---- sie ------- | --- --- Herr ------- --- ---- --- nun --- -------- ------ ----------- vergleichen? --- --- ---- --- gleich? | Lukas 7,31 |
32 | Lukas 7,32 | Sie sind Kindern gleich, die am Markt sitzen und einander zurufen und sprechen: Wir haben euch aufgespielt, und ihr habt nicht getanzt; wir haben euch Klagelieder gesungen, und ihr habt nicht geweint! | --- sind ------- ------- die -- ----- sitzen --- -------- zurufen --- --------- Wir ----- ---- aufgespielt, --- --- habt ----- -------- wir ----- ---- Klagelieder --------- --- ihr ---- ----- geweint! | --- ---- Kindern ------- --- -- ----- sitzen --- -------- ------- --- sprechen: --- ----- ---- ------------ und --- ---- ----- -------- wir ----- ---- ----------- --------- und --- ---- ----- -------- | Lukas 7,32 |
33 | Lukas 7,33 | Denn Johannes der Täufer ist gekommen, der aß kein Brot und trank keinen Wein; da sagt ihr: Er hat einen Dämon! | ---- Johannes --- ------- ist --------- --- aß ---- ---- und ----- ------ Wein; -- ---- ihr: -- --- einen ------- | ---- -------- der ------- --- --------- --- aß ---- ---- --- ----- keinen ----- -- ---- ---- Er --- ----- ------- | Lukas 7,33 |
34 | Lukas 7,34 | Der Sohn des Menschen ist gekommen, der isst und trinkt; da sagt ihr: Siehe, wie ist der Mensch ein Fresser und Weinsäufer, ein Freund der Zöllner und Sünder! | --- Sohn --- -------- ist --------- --- isst --- ------- da ---- ---- Siehe, --- --- der ------ --- Fresser --- ------------ ein ------ --- Zöllner --- -------- | --- ---- des -------- --- --------- --- isst --- ------- -- ---- ihr: ------ --- --- --- Mensch --- ------- --- ------------ ein ------ --- -------- --- Sünder! | Lukas 7,34 |
35 | Lukas 7,35 | Und doch ist die Weisheit gerechtfertigt worden von allen ihren Kindern. | --- doch --- --- Weisheit -------------- ------ von ----- ----- Kindern. | --- ---- ist --- -------- -------------- ------ von ----- ----- -------- | Lukas 7,35 |
36 | Lukas 7,36 | Es bat ihn aber einer der Pharisäer, mit ihm zu essen. Und er ging in das Haus des Pharisäers und setzte sich zu Tisch. | -- bat --- ---- einer --- ----------- mit --- -- essen. --- -- ging -- --- Haus --- ----------- und ------ ---- zu ------ | -- --- ihn ---- ----- --- ----------- mit --- -- ------ --- er ---- -- --- ---- des ----------- --- ------ ---- zu ------ | Lukas 7,36 |
37 | Lukas 7,37 | Und siehe, eine Frau war in der Stadt, die war eine Sünderin; als sie hörte, dass er in dem Haus des Pharisäers zu Gast war, da brachte sie ein Alabasterfläschchen voll Salböl, | --- siehe, ---- ---- war -- --- Stadt, --- --- eine ---------- --- sie ------- ---- er -- --- Haus --- ----------- zu ---- ---- da ------- --- ein -------------------- ---- Salböl, | --- ------ eine ---- --- -- --- Stadt, --- --- ---- ---------- als --- ------- ---- -- in --- ---- --- ----------- zu ---- ---- -- ------- sie --- -------------------- ---- -------- | Lukas 7,37 |
38 | Lukas 7,38 | und sie trat hinten zu seinen Füßen, weinte und fing an, seine Füße mit Tränen zu benetzen; und sie trocknete sie mit den Haaren ihres Hauptes, küsste seine Füße und salbte sie mit der Salbe. | --- sie ---- ------ zu ------ -------- weinte --- ---- an, ----- ------ mit ------- -- benetzen; --- --- trocknete --- --- den ------ ----- Hauptes, ------- ----- Füße --- ------ sie --- --- Salbe. | --- --- trat ------ -- ------ -------- weinte --- ---- --- ----- Füße --- ------- -- --------- und --- --------- --- --- den ------ ----- -------- ------- seine ------ --- ------ --- mit --- ------ | Lukas 7,38 |
39 | Lukas 7,39 | Als aber der Pharisäer, der ihn eingeladen hatte, das sah, sprach er bei sich selbst: Wenn dieser ein Prophet wäre, so wüsste er doch, wer und was für eine Frau das ist, die ihn anrührt, dass sie eine Sünderin ist! | --- aber --- ----------- der --- ---------- hatte, --- ---- sprach -- --- sich ------- ---- dieser --- ------- wäre, -- ------- er ----- --- und --- ---- eine ---- --- ist, --- --- anrührt, ---- --- eine --------- ---- | --- ---- der ----------- --- --- ---------- hatte, --- ---- ------ -- bei ---- ------- ---- ------ ein ------- ------ -- ------- er ----- --- --- --- für ---- ---- --- ---- die --- --------- ---- --- eine --------- ---- | Lukas 7,39 |
40 | Lukas 7,40 | Da antwortete Jesus und sprach zu ihm: Simon, ich habe dir etwas zu sagen. Er sprach: Meister, sprich! | -- antwortete ----- --- sprach -- ---- Simon, --- ---- dir ----- -- sagen. -- ------- Meister, ------- | -- ---------- Jesus --- ------ -- ---- Simon, --- ---- --- ----- zu ------ -- ------- -------- sprich! | Lukas 7,40 |
41 | Lukas 7,41 | Ein Gläubiger hatte zwei Schuldner. Der eine war 500 Denare schuldig, der andere 50. | --- Gläubiger ----- ---- Schuldner. --- ---- war --- ------ schuldig, --- ------ 50. | --- ---------- hatte ---- ---------- --- ---- war --- ------ --------- --- andere --- | Lukas 7,41 |
42 | Lukas 7,42 | Da sie aber nichts hatten, um zu bezahlen, schenkte er es beiden. Sage mir: Welcher von ihnen wird ihn nun am meisten lieben? | -- sie ---- ------ hatten, -- -- bezahlen, -------- -- es ------- ---- mir: ------- --- ihnen ---- --- nun -- ------- lieben? | -- --- aber ------ ------- -- -- bezahlen, -------- -- -- ------- Sage ---- ------- --- ----- wird --- --- -- ------- lieben? | Lukas 7,42 |
43 | Lukas 7,43 | Simon aber antwortete und sprach: Ich vermute der, dem er am meisten geschenkt hat. Und er sprach zu ihm: Du hast richtig geurteilt! | ----- aber ---------- --- sprach: --- ------- der, --- -- am ------- --------- hat. --- -- sprach -- ---- Du ---- ------- geurteilt! | ----- ---- antwortete --- ------- --- ------- der, --- -- -- ------- geschenkt ---- --- -- ------ zu ---- -- ---- ------- geurteilt! | Lukas 7,43 |
44 | Lukas 7,44 | Und indem er sich zu der Frau wandte, sprach er zu Simon: Siehst du diese Frau? Ich bin in dein Haus gekommen, und du hast mir kein Wasser für meine Füße gegeben; sie aber hat meine Füße mit Tränen benetzt und mit den Haaren ihres Hauptes getrocknet. | --- indem -- ---- zu --- ---- wandte, ------ -- zu ------ ------ du ----- ----- Ich --- -- dein ---- --------- und -- ---- mir ---- ------ für ----- ------ gegeben; --- ---- hat ----- ------ mit ------- ------- und --- --- Haaren ----- ------- getrocknet. | --- ----- er ---- -- --- ---- wandte, ------ -- -- ------ Siehst -- ----- ----- --- bin -- ---- ---- --------- und -- ---- --- ---- Wasser ---- ----- ------ -------- sie ---- --- ----- ------ mit ------- ------- --- --- den ------ ----- ------- ----------- | Lukas 7,44 |
45 | Lukas 7,45 | Du hast mir keinen Kuss gegeben; sie aber hat, seit ich hereingekommen bin, nicht aufgehört, meine Füße zu küssen. | -- hast --- ------ Kuss -------- --- aber ---- ---- ich -------------- ---- nicht ----------- ----- Füße -- -------- | -- ---- mir ------ ---- -------- --- aber ---- ---- --- -------------- bin, ----- ----------- ----- ------ zu -------- | Lukas 7,45 |
46 | Lukas 7,46 | Du hast mein Haupt nicht mit ö-l gesalbt, sie aber hat meine Füße mit Salbe gesalbt. | -- hast ---- ----- nicht --- ---- gesalbt, --- ---- hat ----- ------ mit ----- -------- | -- ---- mein ----- ----- --- ---- gesalbt, --- ---- --- ----- Füße --- ----- -------- | Lukas 7,46 |
47 | Lukas 7,47 | Deshalb sage ich dir: Ihre vielen Sünden sind vergeben worden, darum hat sie viel Liebe erwiesen; wem aber wenig vergeben wird, der liebt wenig. | ------- sage --- ---- Ihre ------ ------- sind -------- ------- darum --- --- viel ----- --------- wem ---- ----- vergeben ----- --- liebt ------ | ------- ---- ich ---- ---- ------ ------- sind -------- ------- ----- --- sie ---- ----- --------- --- aber ----- -------- ----- --- liebt ------ | Lukas 7,47 |
48 | Lukas 7,48 | Und er sprach zu ihr: Dir sind deine Sünden vergeben! | --- er ------ -- ihr: --- ---- deine ------- --------- | --- -- sprach -- ---- --- ---- deine ------- --------- | Lukas 7,48 |
49 | Lukas 7,49 | Da fingen die Tischgenossen an, bei sich selbst zu sagen: Wer ist dieser, der sogar Sünden vergibt? | -- fingen --- ------------- an, --- ---- selbst -- ------ Wer --- ------- der ----- ------- vergibt? | -- ------ die ------------- --- --- ---- selbst -- ------ --- --- dieser, --- ----- ------- -------- | Lukas 7,49 |
50 | Lukas 7,50 | Er aber sprach zu der Frau: Dein Glaube hat dich gerettet; geh hin in Frieden! | -- aber ------ -- der ----- ---- Glaube --- ---- gerettet; --- --- in -------- | -- ---- sprach -- --- ----- ---- Glaube --- ---- --------- --- hin -- -------- | Lukas 7,50 |