Deutsch 42-Lukas 010(Schl2000)
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1 | Lukas 10,1 | Danach aber bestimmte der Herr noch 70 andere und sandte sie je zwei und zwei vor sich her in alle Städte und Orte, wohin er selbst kommen wollte. | ------ aber --------- --- Herr ---- -- andere --- ------ sie -- ---- und ---- --- sich --- -- alle ------- --- Orte, ----- -- selbst ------ ------- | ------ ---- bestimmte --- ---- ---- -- andere --- ------ --- -- zwei --- ---- --- ---- her -- ---- ------- --- Orte, ----- -- ------ ------ wollte. | Lukas 10,1 |
2 | Lukas 10,2 | Er sprach nun zu ihnen: Die Ernte ist groß, aber es sind wenige Arbeiter. Darum bittet den Herrn der Ernte, dass er Arbeiter in seine Ernte sende! | -- sprach --- -- ihnen: --- ----- ist ------ ---- es ---- ------ Arbeiter. ----- ------ den ----- --- Ernte, ---- -- Arbeiter -- ----- Ernte ------ | -- ------ nun -- ------ --- ----- ist ------ ---- -- ---- wenige --------- ----- ------ --- Herrn --- ------ ---- -- Arbeiter -- ----- ----- ------ | Lukas 10,2 |
3 | Lukas 10,3 | Geht hin! Siehe, ich sende euch wie Lämmer mitten unter die Wölfe. | ---- hin! ------ --- sende ---- --- Lämmer ------ ----- die ------- | ---- ---- Siehe, --- ----- ---- --- Lämmer ------ ----- --- ------- | Lukas 10,3 |
4 | Lukas 10,4 | Tragt weder Beutel noch Tasche noch Schuhe und grüßt niemand auf dem Weg. | ----- weder ------ ---- Tasche ---- ------ und ------- ------- auf --- ---- | ----- ----- Beutel ---- ------ ---- ------ und ------- ------- --- --- Weg. | Lukas 10,4 |
5 | Lukas 10,5 | Wo ihr aber in ein Haus hineingeht, da sprecht zuerst: Friede diesem Haus! | -- ihr ---- -- ein ---- ----------- da ------- ------- Friede ------ ----- | -- --- aber -- --- ---- ----------- da ------- ------- ------ ------ Haus! | Lukas 10,5 |
6 | Lukas 10,6 | Und wenn dort ein Sohn des Friedens ist, so wird euer Friede auf ihm ruhen, wenn aber nicht, so wird er zu euch zurückkehren. | --- wenn ---- --- Sohn --- -------- ist, -- ---- euer ------ --- ihm ------ ---- aber ------ -- wird -- -- euch -------------- | --- ---- dort --- ---- --- -------- ist, -- ---- ---- ------ auf --- ------ ---- ---- nicht, -- ---- -- -- euch -------------- | Lukas 10,6 |
7 | Lukas 10,7 | In demselben Haus aber bleibt und esst und trinkt das, was man euch vorsetzt; denn der Arbeiter ist seines Lohnes wert. Geht nicht aus einem Haus ins andere. | -- demselben ---- ---- bleibt --- ---- und ------ ---- was --- ---- vorsetzt; ---- --- Arbeiter --- ------ Lohnes ----- ---- nicht --- ----- Haus --- ------- | -- --------- Haus ---- ------ --- ---- und ------ ---- --- --- euch --------- ---- --- -------- ist ------ ------ ----- ---- nicht --- ----- ---- --- andere. | Lukas 10,7 |
8 | Lukas 10,8 | Und wenn ihr in eine Stadt kommt und sie euch aufnehmen, da esst, was euch vorgesetzt wird; | --- wenn --- -- eine ----- ----- und --- ---- aufnehmen, -- ----- was ---- ---------- wird; | --- ---- ihr -- ---- ----- ----- und --- ---- ---------- -- esst, --- ---- ---------- ----- | Lukas 10,8 |
9 | Lukas 10,9 | und heilt die Kranken, die dort sind, und sagt zu ihnen: Das Reich Gottes ist nahe zu euch herbeigekommen! | --- heilt --- -------- die ---- ----- und ---- -- ihnen: --- ----- Gottes --- ---- zu ---- --------------- | --- ----- die -------- --- ---- ----- und ---- -- ------ --- Reich ------ --- ---- -- euch --------------- | Lukas 10,9 |
10 | Lukas 10,10 | Wenn ihr aber in eine Stadt kommt und sie euch nicht aufnehmen, da geht auf ihre Gassen hinaus und sprecht: | ---- ihr ---- -- eine ----- ----- und --- ---- nicht ---------- -- geht --- ---- Gassen ------ --- sprecht: | ---- --- aber -- ---- ----- ----- und --- ---- ----- ---------- da ---- --- ---- ------ hinaus --- -------- | Lukas 10,10 |
11 | Lukas 10,11 | Auch den Staub, der sich aus eurer Stadt an uns gehängt hat, streifen wir ab gegen euch; doch sollt ihr wissen, dass das Reich Gottes nahe zu euch herbeigekommen ist! | ---- den ------ --- sich --- ----- Stadt -- --- gehängt ---- -------- wir -- ----- euch; ---- ----- ihr ------- ---- das ----- ------ nahe -- ---- herbeigekommen ---- | ---- --- Staub, --- ---- --- ----- Stadt -- --- -------- ---- streifen --- -- ----- ----- doch ----- --- ------- ---- das ----- ------ ---- -- euch -------------- ---- | Lukas 10,11 |
12 | Lukas 10,12 | Ich sage euch aber: Es wird Sodom an jenem Tag erträglicher gehen als dieser Stadt. | --- sage ---- ----- Es ---- ----- an ----- --- erträglicher ----- --- dieser ------ | --- ---- euch ----- -- ---- ----- an ----- --- ------------- ----- als ------ ------ | Lukas 10,12 |
13 | Lukas 10,13 | Wehe dir, Chorazin! Wehe dir, Bethsaida! Denn wenn in Tyrus und Zidon die Wundertaten geschehen wären, die bei euch geschehen sind, so hätten sie längst in Sack und Asche sitzend Buße getan. | ---- dir, --------- ---- dir, ---------- ---- wenn -- ----- und ----- --- Wundertaten --------- ------- die --- ---- geschehen ----- -- hätten --- ------- in ---- --- Asche ------- ----- getan. | ---- ---- Chorazin! ---- ---- ---------- ---- wenn -- ----- --- ----- die ----------- --------- ------- --- bei ---- --------- ----- -- hätten --- ------- -- ---- und ----- ------- ----- ------ | Lukas 10,13 |
14 | Lukas 10,14 | Doch es wird Tyrus und Zidon erträglicher gehen im Gericht als euch. | ---- es ---- ----- und ----- ------------- gehen -- ------- als ----- | ---- -- wird ----- --- ----- ------------- gehen -- ------- --- ----- | Lukas 10,14 |
15 | Lukas 10,15 | Und du, Kapernaum, die du bis zum Himmel erhöht worden bist, du wirst bis zum Totenreich hinabgeworfen werden! | --- du, ---------- --- du --- --- Himmel ------- ------ bist, -- ----- bis --- ---------- hinabgeworfen ------- | --- --- Kapernaum, --- -- --- --- Himmel ------- ------ ----- -- wirst --- --- ---------- ------------- werden! | Lukas 10,15 |
16 | Lukas 10,16 | Wer euch hört, der hört mich, und wer euch verwirft, der verwirft mich; wer aber mich verwirft, der verwirft den, der mich gesandt hat. | --- euch ------ --- hört ----- --- wer ---- --------- der -------- ----- wer ---- ---- verwirft, --- -------- den, --- ---- gesandt ---- | --- ---- hört, --- ----- ----- --- wer ---- --------- --- -------- mich; --- ---- ---- --------- der -------- ---- --- ---- gesandt ---- | Lukas 10,16 |
17 | Lukas 10,17 | Die Siebzig aber kehrten mit Freuden zurück und sprachen: Herr, auch die Dämonen sind uns untertan in deinem Namen! | --- Siebzig ---- ------- mit ------- ------- und --------- ----- auch --- -------- sind --- -------- in ------ ------ | --- ------- aber ------- --- ------- ------- und --------- ----- ---- --- Dämonen ---- --- -------- -- deinem ------ | Lukas 10,17 |
18 | Lukas 10,18 | Da sprach er zu ihnen: Ich sah den Satan wie einen Blitz vom Himmel fallen. | -- sprach -- -- ihnen: --- --- den ----- --- einen ----- --- Himmel ------- | -- ------ er -- ------ --- --- den ----- --- ----- ----- vom ------ ------- | Lukas 10,18 |
19 | Lukas 10,19 | Siehe, ich gebe euch die Vollmacht, auf Schlangen und Skorpione zu treten, und über alle Gewalt des Feindes; und nichts wird euch in irgendeiner Weise schaden. | ------ ich ---- ---- die ---------- --- Schlangen --- --------- zu ------- --- über ---- ------ des -------- --- nichts ---- ---- in ----------- ----- schaden. | ------ --- gebe ---- --- ---------- --- Schlangen --- --------- -- ------- und ----- ---- ------ --- Feindes; --- ------ ---- ---- in ----------- ----- -------- | Lukas 10,19 |
20 | Lukas 10,20 | Doch nicht darüber freut euch, dass euch die Geister untertan sind; freut euch aber lieber darüber, dass eure Namen im Himmel geschrieben sind. | ---- nicht -------- ----- euch, ---- ---- die ------- -------- sind; ----- ---- aber ------ --------- dass ---- ----- im ------ ----------- sind. | ---- ----- darüber ----- ----- ---- ---- die ------- -------- ----- ----- euch ---- ------ --------- ---- eure ----- -- ------ ----------- sind. | Lukas 10,20 |
21 | Lukas 10,21 | Zu derselben Stunde frohlockte Jesus im Geist und sprach: Ich preise dich, Vater, Herr des Himmels und der Erde, dass du dies den Weisen und Klugen verborgen und es den Unmündigen geoffenbart hast. Ja, Vater, denn so ist es wohlgefällig gewesen vor dir. | -- derselben ------ ---------- Jesus -- ----- und ------- --- preise ----- ------ Herr --- ------- und --- ----- dass -- ---- den ------ --- Klugen --------- --- es --- ----------- geoffenbart ----- --- Vater, ---- -- ist -- ------------- gewesen --- ---- | -- --------- Stunde ---------- ----- -- ----- und ------- --- ------ ----- Vater, ---- --- ------- --- der ----- ---- -- ---- den ------ --- ------ --------- und -- --- ----------- ----------- hast. --- ------ ---- -- ist -- ------------- ------- --- dir. | Lukas 10,21 |
22 | Lukas 10,22 | Und zu den Jüngern gewandt sagte er: Alles ist mir übergeben worden von meinem Vater; und niemand weiß, wer der Sohn ist, als nur der Vater; und wer der Vater ist, [weiß niemand] als nur der Sohn und wem der Sohn es offenbaren will. | --- zu --- -------- gewandt ----- --- Alles --- --- übergeben ------ --- meinem ------ --- niemand ------ --- der ---- ---- als --- --- Vater; --- --- der ----- ---- [weiß -------- --- nur --- ---- und --- --- Sohn -- ---------- will. | --- -- den -------- ------- ----- --- Alles --- --- ---------- ------ von ------ ------ --- ------- weiß, --- --- ---- ---- als --- --- ------ --- wer --- ----- ---- ------ niemand] --- --- --- ---- und --- --- ---- -- offenbaren ----- | Lukas 10,22 |
23 | Lukas 10,23 | Und er wandte sich zu seinen Jüngern besonders und sprach: Glückselig sind die Augen, die sehen, was ihr seht! | --- er ------ ---- zu ------ -------- besonders --- ------- Glückselig ---- --- Augen, --- ------ was --- ----- | --- -- wandte ---- -- ------ -------- besonders --- ------- ----------- ---- die ------ --- ------ --- ihr ----- | Lukas 10,23 |
24 | Lukas 10,24 | Denn ich sage euch, viele Propheten und Könige wünschten zu sehen, was ihr seht, und haben es nicht gesehen, und zu hören, was ihr hört, und haben es nicht gehört. | ---- ich ---- ----- viele --------- --- Könige ---------- -- sehen, --- --- seht, --- ----- es ----- -------- und -- ------- was --- ------ und ----- -- nicht -------- | ---- --- sage ----- ----- --------- --- Könige ---------- -- ------ --- ihr ----- --- ----- -- nicht -------- --- -- ------- was --- ------ --- ----- es ----- -------- | Lukas 10,24 |
25 | Lukas 10,25 | Und siehe, ein Gesetzesgelehrter trat auf, versuchte ihn und sprach: Meister, was muss ich tun, um das ewige Leben zu erben? | --- siehe, --- ----------------- trat ---- --------- ihn --- ------- Meister, --- ---- ich ---- -- das ----- ----- zu ------ | --- ------ ein ----------------- ---- ---- --------- ihn --- ------- -------- --- muss --- ---- -- --- ewige ----- -- ------ | Lukas 10,25 |
26 | Lukas 10,26 | Und er sprach zu ihm: Was steht im Gesetz geschrieben? Wie liest du? | --- er ------ -- ihm: --- ----- im ------ ------------ Wie ----- --- | --- -- sprach -- ---- --- ----- im ------ ------------ --- ----- du? | Lukas 10,26 |
27 | Lukas 10,27 | Er aber antwortete und sprach: »Du sollst den Herrn, deinen Gott, lieben mit deinem ganzen Herzen und mit deiner ganzen Seele und mit deiner ganzen Kraft und mit deinem ganzen Denken, und deinen Nächsten wie dich selbst!« | -- aber ---------- --- sprach: ---- ------ den ------ ------ Gott, ------ --- deinem ------ ------ und --- ------ ganzen ----- --- mit ------ ------ Kraft --- --- deinem ------ ------- und ------ --------- wie ---- --------- | -- ---- antwortete --- ------- ---- ------ den ------ ------ ----- ------ mit ------ ------ ------ --- mit ------ ------ ----- --- mit ------ ------ ----- --- mit ------ ------ ------- --- deinen --------- --- ---- --------- | Lukas 10,27 |
28 | Lukas 10,28 | Er sprach zu ihm: Du hast recht geantwortet; tue dies, so wirst du leben! | -- sprach -- ---- Du ---- ----- geantwortet; --- ----- so ----- -- leben! | -- ------ zu ---- -- ---- ----- geantwortet; --- ----- -- ----- du ------ | Lukas 10,28 |
29 | Lukas 10,29 | Er aber wollte sich selbst rechtfertigen und sprach zu Jesus: Und wer ist mein Nächster? | -- aber ------ ---- selbst ------------- --- sprach -- ------ Und --- --- mein ---------- | -- ---- wollte ---- ------ ------------- --- sprach -- ------ --- --- ist ---- ---------- | Lukas 10,29 |
30 | Lukas 10,30 | Da erwiderte Jesus und sprach: Es ging ein Mensch von Jerusalem nach Jericho hinab und fiel unter die Räuber; die zogen ihn aus und schlugen ihn und liefen davon und ließen ihn halbtot liegen, so wie er war. | -- erwiderte ----- --- sprach: -- ---- ein ------ --- Jerusalem ---- ------- hinab --- ---- unter --- -------- die ----- --- aus --- -------- ihn --- ------ davon --- ------- ihn ------- ------- so --- -- war. | -- --------- Jesus --- ------- -- ---- ein ------ --- --------- ---- Jericho ----- --- ---- ----- die -------- --- ----- --- aus --- -------- --- --- liefen ----- --- ------- --- halbtot ------- -- --- -- war. | Lukas 10,30 |
31 | Lukas 10,31 | Es traf sich aber, dass ein Priester dieselbe Straße hinabzog; und als er ihn sah, ging er auf der anderen Seite vorüber. | -- traf ---- ----- dass --- -------- dieselbe ------- --------- und --- -- ihn ---- ---- er --- --- anderen ----- --------- | -- ---- sich ----- ---- --- -------- dieselbe ------- --------- --- --- er --- ---- ---- -- auf --- ------- ----- --------- | Lukas 10,31 |
32 | Lukas 10,32 | Ebenso kam auch ein Levit, der in der Gegend war, sah ihn und ging auf der anderen Seite vorüber. | ------ kam ---- --- Levit, --- -- der ------ ---- sah --- --- ging --- --- anderen ----- --------- | ------ --- auch --- ------ --- -- der ------ ---- --- --- und ---- --- --- ------- Seite --------- | Lukas 10,32 |
33 | Lukas 10,33 | Ein Samariter aber kam auf seiner Reise in seine Nähe, und als er ihn sah, hatte er Erbarmen; | --- Samariter ---- --- auf ------ ----- in ----- ------ und --- -- ihn ---- ----- er --------- | --- --------- aber --- --- ------ ----- in ----- ------ --- --- er --- ---- ----- -- Erbarmen; | Lukas 10,33 |
34 | Lukas 10,34 | und er ging zu ihm hin, verband ihm die Wunden und goss ö-l und Wein darauf, hob ihn auf sein eigenes Tier, führte ihn in eine Herberge und pflegte ihn. | --- er ---- -- ihm ---- ------- ihm --- ------ und ---- ---- und ---- ------- hob --- --- sein ------- ----- führte --- -- eine -------- --- pflegte ---- | --- -- ging -- --- ---- ------- ihm --- ------ --- ---- ö-l --- ---- ------- --- ihn --- ---- ------- ----- führte --- -- ---- -------- und ------- ---- | Lukas 10,34 |
35 | Lukas 10,35 | Und am anderen Tag, als er fortzog, gab er dem Wirt zwei Denare und sprach zu ihm: Verpflege ihn! Und was du mehr aufwendest, will ich dir bezahlen, wenn ich wiederkomme. | --- am ------- ---- als -- -------- gab -- --- Wirt ---- ------ und ------ -- ihm: --------- ---- Und --- -- mehr ----------- ---- ich --- --------- wenn --- ------------ | --- -- anderen ---- --- -- -------- gab -- --- ---- ---- Denare --- ------ -- ---- Verpflege ---- --- --- -- mehr ----------- ---- --- --- bezahlen, ---- --- ------------ | Lukas 10,35 |
36 | Lukas 10,36 | Welcher von diesen Dreien ist deiner Meinung nach nun der Nächste dessen gewesen, der unter die Räuber gefallen ist? | ------- von ------ ------ ist ------ ------- nach --- --- Nächste ------ -------- der ----- --- Räuber -------- ---- | ------- --- diesen ------ --- ------ ------- nach --- --- -------- ------ gewesen, --- ----- --- ------- gefallen ---- | Lukas 10,36 |
37 | Lukas 10,37 | Er sprach: Der, welcher die Barmherzigkeit an ihm geübt hat! Da sprach Jesus zu ihm: So geh du hin und handle ebenso! | -- sprach: ---- ------- die -------------- -- ihm ------ ---- Da ------ ----- zu ---- -- geh -- --- und ------ ------- | -- ------- Der, ------- --- -------------- -- ihm ------ ---- -- ------ Jesus -- ---- -- --- du --- --- ------ ------- | Lukas 10,37 |
38 | Lukas 10,38 | Es begab sich aber, als sie weiterreisten, dass er in ein gewisses Dorf kam; und eine Frau namens Martha nahm ihn auf in ihr Haus. | -- begab ---- ----- als --- -------------- dass -- -- ein -------- ---- kam; --- ---- Frau ------ ------ nahm --- --- in --- ----- | -- ----- sich ----- --- --- -------------- dass -- -- --- -------- Dorf ---- --- ---- ---- namens ------ ---- --- --- in --- ----- | Lukas 10,38 |
39 | Lukas 10,39 | Und diese hatte eine Schwester, welche Maria hieß; die setzte sich zu Jesu Füßen und hörte seinem Wort zu. | --- diese ----- ---- Schwester, ------ ----- hieß; --- ------ sich -- ---- Füßen --- ------ seinem ---- --- | --- ----- hatte ---- ---------- ------ ----- hieß; --- ------ ---- -- Jesu ------- --- ------ ------ Wort --- | Lukas 10,39 |
40 | Lukas 10,40 | Martha aber machte sich viel zu schaffen mit der Bedienung. Und sie trat herzu und sprach: Herr, kümmerst du dich nicht darum, dass mich meine Schwester allein dienen lässt? Sage ihr doch, dass sie mir hilft! | ------ aber ------ ---- viel -- -------- mit --- ---------- Und --- ---- herzu --- ------- Herr, --------- -- dich ----- ------ dass ---- ----- Schwester ------ ------ lässt? ---- --- doch, ---- --- mir ------ | ------ ---- machte ---- ---- -- -------- mit --- ---------- --- --- trat ----- --- ------- ----- kümmerst -- ---- ----- ------ dass ---- ----- --------- ------ dienen ------- ---- --- ----- dass --- --- ------ | Lukas 10,40 |
41 | Lukas 10,41 | Jesus aber antwortete und sprach zu ihr: Martha, Martha, du machst dir Sorge und Unruhe um vieles; | ----- aber ---------- --- sprach -- ---- Martha, ------- -- machst --- ----- und ------ -- vieles; | ----- ---- antwortete --- ------ -- ---- Martha, ------- -- ------ --- Sorge --- ------ -- ------- | Lukas 10,41 |
42 | Lukas 10,42 | eines aber ist Not. Maria aber hat das gute Teil erwählt; das soll nicht von ihr genommen werden! | ----- aber --- ---- Maria ---- --- das ---- ---- erwählt; --- ---- nicht --- --- genommen ------- | ----- ---- ist ---- ----- ---- --- das ---- ---- --------- --- soll ----- --- --- -------- werden! | Lukas 10,42 |