Deutsch 42-Lukas 013(Schl2000)
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1 | Lukas 13,1 | Es waren aber zur selben Zeit etliche eingetroffen, die ihm von den Galiläern berichteten, deren Blut Pilatus mit ihren Opfern vermischt hatte. | -- waren ---- --- selben ---- ------- eingetroffen, --- --- von --- ---------- berichteten, ----- ---- Pilatus --- ----- Opfern --------- ------ | -- ----- aber --- ------ ---- ------- eingetroffen, --- --- --- --- Galiläern ------------ ----- ---- ------- mit ----- ------ --------- ------ | Lukas 13,1 |
2 | Lukas 13,2 | Und Jesus antwortete und sprach zu ihnen: Meint ihr, dass diese Galiläer größere Sünder gewesen sind als alle anderen Galiläer, weil sie so etwas erlitten haben? | --- Jesus ---------- --- sprach -- ------ Meint ---- ---- diese --------- --------- Sünder ------- ---- als ---- ------- Galiläer, ---- --- so ----- -------- haben? | --- ----- antwortete --- ------ -- ------ Meint ---- ---- ----- --------- größere ------- ------- ---- --- alle ------- ---------- ---- --- so ----- -------- ------ | Lukas 13,2 |
3 | Lukas 13,3 | Nein, sage ich euch; sondern wenn ihr nicht Buße tut, werdet ihr alle auch so umkommen! | ----- sage --- ----- sondern ---- --- nicht ----- ---- werdet --- ---- auch -- --------- | ----- ---- ich ----- ------- ---- --- nicht ----- ---- ------ --- alle ---- -- --------- | Lukas 13,3 |
4 | Lukas 13,4 | Oder jene achtzehn, auf die der Turm in Siloah fiel und sie erschlug, meint ihr, dass diese schuldiger gewesen sind als alle anderen Leute, die in Jerusalem wohnen? | ---- jene --------- --- die --- ---- in ------ ---- und --- --------- meint ---- ---- diese ---------- ------- sind --- ---- anderen ------ --- in --------- ------- | ---- ---- achtzehn, --- --- --- ---- in ------ ---- --- --- erschlug, ----- ---- ---- ----- schuldiger ------- ---- --- ---- anderen ------ --- -- --------- wohnen? | Lukas 13,4 |
5 | Lukas 13,5 | Nein, sage ich euch; sondern wenn ihr nicht Buße tut, so werdet ihr alle auch so umkommen! | ----- sage --- ----- sondern ---- --- nicht ----- ---- so ------ --- alle ---- -- umkommen! | ----- ---- ich ----- ------- ---- --- nicht ----- ---- -- ------ ihr ---- ---- -- --------- | Lukas 13,5 |
6 | Lukas 13,6 | Und er sagte dieses Gleichnis: Es hatte jemand einen Feigenbaum, der war in seinem Weinberg gepflanzt; und er kam und suchte Frucht darauf und fand keine. | --- er ----- ------ Gleichnis: -- ----- jemand ----- ----------- der --- -- seinem -------- ---------- und -- --- und ------ ------ darauf --- ---- keine. | --- -- sagte ------ ---------- -- ----- jemand ----- ----------- --- --- in ------ -------- ---------- --- er --- --- ------ ------ darauf --- ---- ------ | Lukas 13,6 |
7 | Lukas 13,7 | Da sprach er zu dem Weingärtner: Siehe, drei Jahre komme ich und suche Frucht an diesem Feigenbaum und finde keine. Haue ihn ab! Warum macht er das Land unnütz? | -- sprach -- -- dem ------------- ------ drei ----- ----- ich --- ----- Frucht -- ------ Feigenbaum --- ----- keine. ---- --- ab! ----- ----- er --- ---- unnütz? | -- ------ er -- --- ------------- ------ drei ----- ----- --- --- suche ------ -- ------ ---------- und ----- ------ ---- --- ab! ----- ----- -- --- Land -------- | Lukas 13,7 |
8 | Lukas 13,8 | Er aber antwortet und spricht zu ihm: Herr, lass ihn noch dieses Jahr, bis ich um ihn gegraben und Dünger gelegt habe, | -- aber --------- --- spricht -- ---- Herr, ---- --- noch ------ ----- bis --- -- ihn -------- --- Dünger ------ ----- | -- ---- antwortet --- ------- -- ---- Herr, ---- --- ---- ------ Jahr, --- --- -- --- gegraben --- ------- ------ ----- | Lukas 13,8 |
9 | Lukas 13,9 | ob er vielleicht doch noch Frucht bringt - wenn nicht, so haue ihn danach ab! | -- er ---------- ---- noch ------ ------ - ---- ------ so ---- --- danach --- | -- -- vielleicht ---- ---- ------ ------ - ---- ------ -- ---- ihn ------ --- | Lukas 13,9 |
10 | Lukas 13,10 | Er lehrte aber in einer der Synagogen am Sabbat. | -- lehrte ---- -- einer --- --------- am ------- | -- ------ aber -- ----- --- --------- am ------- | Lukas 13,10 |
11 | Lukas 13,11 | Und siehe, da war eine Frau, die seit 18 Jahren einen Geist der Krankheit hatte, und sie war verkrümmt und konnte sich gar nicht aufrichten. | --- siehe, -- --- eine ----- --- seit -- ------ einen ----- --- Krankheit ------ --- sie --- ---------- und ------ ---- gar ----- ----------- | --- ------ da --- ---- ----- --- seit -- ------ ----- ----- der --------- ------ --- --- war ---------- --- ------ ---- gar ----- ----------- | Lukas 13,11 |
12 | Lukas 13,12 | Als nun Jesus sie sah, rief er sie zu sich und sprach zu ihr: Frau, du bist erlöst von deiner Krankheit! | --- nun ----- --- sah, ---- -- sie -- ---- und ------ -- ihr: ----- -- bist ------- --- deiner ---------- | --- --- Jesus --- ---- ---- -- sie -- ---- --- ------ zu ---- ----- -- ---- erlöst --- ------ ---------- | Lukas 13,12 |
13 | Lukas 13,13 | Und er legte ihr die Hände auf, und sie wurde sogleich wieder gerade und pries Gott. | --- er ----- --- die ------ ---- und --- ----- sogleich ------ ------ und ----- ----- | --- -- legte --- --- ------ ---- und --- ----- -------- ------ gerade --- ----- ----- | Lukas 13,13 |
14 | Lukas 13,14 | Der Synagogenvorsteher aber war empört darüber, dass Jesus am Sabbat heilte, und er ergriff das Wort und sprach zu der Volksmenge: Es sind sechs Tage, an denen man arbeiten soll; an diesen kommt und lasst euch heilen, und nicht am Sabbattag! | --- Synagogenvorsteher ---- --- empört --------- ---- Jesus -- ------ heilte, --- -- ergriff --- ---- und ------ -- der ----------- -- sind ----- ----- an ----- --- arbeiten ----- -- diesen ----- --- lasst ---- ------- und ----- -- Sabbattag! | --- ------------------ aber --- ------- --------- ---- Jesus -- ------ ------- --- er ------- --- ---- --- sprach -- --- ----------- -- sind ----- ----- -- ----- man -------- ----- -- ------ kommt --- ----- ---- ------- und ----- -- ---------- | Lukas 13,14 |
15 | Lukas 13,15 | Der Herr nun antwortete ihm und sprach: Du Heuchler, löst nicht jeder von euch am Sabbat seinen Ochsen oder Esel von der Krippe und führt ihn zur Tränke? | --- Herr --- ---------- ihm --- ------- Du --------- ----- nicht ----- --- euch -- ------ seinen ------ ---- Esel --- --- Krippe --- ------ ihn --- -------- | --- ---- nun ---------- --- --- ------- Du --------- ----- ----- ----- von ---- -- ------ ------ Ochsen ---- ---- --- --- Krippe --- ------ --- --- Tränke? | Lukas 13,15 |
16 | Lukas 13,16 | Diese aber, eine Tochter Abrahams, die der Satan, siehe, schon 18 Jahre gebunden hielt, sollte sie nicht von dieser Bindung gelöst werden am Sabbattag? | ----- aber, ---- ------- Abrahams, --- --- Satan, ------ ----- 18 ----- -------- hielt, ------ --- nicht --- ------ Bindung ------- ------ am ---------- | ----- ----- eine ------- --------- --- --- Satan, ------ ----- -- ----- gebunden ------ ------ --- ----- von ------ ------- ------- ------ am ---------- | Lukas 13,16 |
17 | Lukas 13,17 | Und als er das sagte, wurden alle seine Widersacher beschämt; und die ganze Menge freute sich über all die herrlichen Taten, die durch ihn geschahen. | --- als -- --- sagte, ------ ---- seine ----------- ---------- und --- ----- Menge ------ ---- über --- --- herrlichen ------ --- durch --- ---------- | --- --- er --- ------ ------ ---- seine ----------- ---------- --- --- ganze ----- ------ ---- ----- all --- ---------- ------ --- durch --- ---------- | Lukas 13,17 |
18 | Lukas 13,18 | Da sprach er: Wem ist das Reich Gottes gleich, und womit soll ich es vergleichen? | -- sprach --- --- ist --- ----- Gottes ------- --- womit ---- --- es ------------ | -- ------ er: --- --- --- ----- Gottes ------- --- ----- ---- ich -- ------------ | Lukas 13,18 |
19 | Lukas 13,19 | Es gleicht einem Senfkorn, das ein Mensch nahm und in seinen Garten warf. Und es wuchs und wurde zu einem großen Baum, und die Vögel des Himmels nisteten in seinen Zweigen. | -- gleicht ----- --------- das --- ------ nahm --- -- seinen ------ ----- Und -- ----- und ----- -- einem ------- ----- und --- ------ des ------- -------- in ------ -------- | -- ------- einem --------- --- --- ------ nahm --- -- ------ ------ warf. --- -- ----- --- wurde -- ----- ------- ----- und --- ------ --- ------- nisteten -- ------ -------- | Lukas 13,19 |
20 | Lukas 13,20 | Und wiederum sprach er: Womit soll ich das Reich Gottes vergleichen? | --- wiederum ------ --- Womit ---- --- das ----- ------ vergleichen? | --- -------- sprach --- ----- ---- --- das ----- ------ ------------ | Lukas 13,20 |
21 | Lukas 13,21 | Es gleicht einem Sauerteig, den eine Frau nahm und heimlich in drei Scheffel Mehl hineinmischte, bis das Ganze durchsäuert war. | -- gleicht ----- ---------- den ---- ---- nahm --- -------- in ---- -------- Mehl -------------- --- das ----- ------------ war. | -- ------- einem ---------- --- ---- ---- nahm --- -------- -- ---- Scheffel ---- -------------- --- --- Ganze ------------ ---- | Lukas 13,21 |
22 | Lukas 13,22 | Und er zog durch Städte und Dörfer und lehrte und setzte seine Reise nach Jerusalem fort. | --- er --- ----- Städte --- ------- und ------ --- setzte ----- ----- nach --------- ----- | --- -- zog ----- ------- --- ------- und ------ --- ------ ----- Reise ---- --------- ----- | Lukas 13,22 |
23 | Lukas 13,23 | Es sprach aber einer zu ihm: Herr, sind es wenige, die errettet werden? Er aber sprach zu ihnen: | -- sprach ---- ----- zu ---- ----- sind -- ------- die -------- ------- Er ---- ------ zu ------ | -- ------ aber ----- -- ---- ----- sind -- ------- --- -------- werden? -- ---- ------ -- ihnen: | Lukas 13,23 |
24 | Lukas 13,24 | Ringt danach, durch die enge Pforte hineinzugehen! Denn viele, sage ich euch, werden hineinzugehen suchen und es nicht können. | ----- danach, ----- --- enge ------ -------------- Denn ------ ---- ich ----- ------ hineinzugehen ------ --- es ----- -------- | ----- ------- durch --- ---- ------ -------------- Denn ------ ---- --- ----- werden ------------- ------ --- -- nicht -------- | Lukas 13,24 |
25 | Lukas 13,25 | Wenn einmal der Hausherr aufgestanden ist und die Türe verschlossen hat, dann werdet ihr anfangen, draußen zu stehen und an die Tür zu klopfen und zu sagen: Herr, Herr, tue uns auf! Dann wird er antworten und zu euch sagen: Ich weiß nicht, woher ihr seid! | ---- einmal --- -------- aufgestanden --- --- die ----- ------------ hat, ---- ------ ihr --------- -------- zu ------ --- an --- ---- zu ------- --- zu ------ ----- Herr, --- --- auf! ---- ---- er --------- --- zu ---- ------ Ich ----- ------ woher --- ----- | ---- ------ der -------- ------------ --- --- die ----- ------------ ---- ---- werdet --- --------- -------- -- stehen --- -- --- ---- zu ------- --- -- ------ Herr, ----- --- --- ---- Dann ---- -- --------- --- zu ---- ------ --- ----- nicht, ----- --- ----- | Lukas 13,25 |
26 | Lukas 13,26 | Dann werdet ihr anfangen zu sagen: Wir haben vor dir gegessen und getrunken, und auf unseren Gassen hast du gelehrt! | ---- werdet --- -------- zu ------ --- haben --- --- gegessen --- ---------- und --- ------- Gassen ---- -- gelehrt! | ---- ------ ihr -------- -- ------ --- haben --- --- -------- --- getrunken, --- --- ------- ------ hast -- -------- | Lukas 13,26 |
27 | Lukas 13,27 | Und er wird antworten: Ich sage euch: Ich weiß nicht, woher ihr seid; weicht alle von mir, ihr öœbeltäter! | --- er ---- ---------- Ich ---- ----- Ich ----- ------ woher --- ----- weicht ---- --- mir, --- -------------- | --- -- wird ---------- --- ---- ----- Ich ----- ------ ----- --- seid; ------ ---- --- ---- ihr -------------- | Lukas 13,27 |
28 | Lukas 13,28 | Da wird das Heulen und das Zähneknirschen sein, wenn ihr Abraham, Isaak und Jakob und alle Propheten im Reich Gottes seht, euch selbst aber hinausgestoßen! | -- wird --- ------ und --- --------------- sein, ---- --- Abraham, ----- --- Jakob --- ---- Propheten -- ----- Gottes ----- ---- selbst ---- ---------------- | -- ---- das ------ --- --- --------------- sein, ---- --- -------- ----- und ----- --- ---- --------- im ----- ------ ----- ---- selbst ---- ---------------- | Lukas 13,28 |
29 | Lukas 13,29 | Und sie werden kommen von Osten und von Westen, von Norden und von Süden, und zu Tisch sitzen im Reich Gottes. | --- sie ------ ------ von ----- --- von ------- --- Norden --- --- Süden, --- -- Tisch ------ -- Reich ------- | --- --- werden ------ --- ----- --- von ------- --- ------ --- von ------- --- -- ----- sitzen -- ----- ------- | Lukas 13,29 |
30 | Lukas 13,30 | Und siehe, es sind Letzte, die werden Erste sein; und es sind Erste, die werden Letzte sein. | --- siehe, -- ---- Letzte, --- ------ Erste ----- --- es ---- ------ die ------ ------ sein. | --- ------ es ---- ------- --- ------ Erste ----- --- -- ---- Erste, --- ------ ------ ----- | Lukas 13,30 |
31 | Lukas 13,31 | An demselben Tag traten etliche Pharisäer hinzu und sagten zu ihm: Gehe fort und reise ab von hier; denn Herodes will dich töten! | -- demselben --- ------ etliche ---------- ----- und ------ -- ihm: ---- ---- und ----- -- von ----- ---- Herodes ---- ---- töten! | -- --------- Tag ------ ------- ---------- ----- und ------ -- ---- ---- fort --- ----- -- --- hier; ---- ------- ---- ---- töten! | Lukas 13,31 |
32 | Lukas 13,32 | Und er sprach zu ihnen: Geht hin und sagt diesem Fuchs: Siehe, ich treibe Dämonen aus und vollbringe Heilungen heute und morgen, und am dritten Tag bin ich am Ziel. | --- er ------ -- ihnen: ---- --- und ---- ------ Fuchs: ------ --- treibe -------- --- und ---------- --------- heute --- ------- und -- ------- Tag --- --- am ----- | --- -- sprach -- ------ ---- --- und ---- ------ ------ ------ ich ------ -------- --- --- vollbringe --------- ----- --- ------- und -- ------- --- --- ich -- ----- | Lukas 13,32 |
33 | Lukas 13,33 | Doch muss ich heute und morgen und übermorgen reisen; denn es geht nicht an, dass ein Prophet außerhalb von Jerusalems umkommt. | ---- muss --- ----- und ------ --- übermorgen ------- ---- es ---- ----- an, ---- --- Prophet ---------- --- Jerusalems -------- | ---- ---- ich ----- --- ------ --- übermorgen ------- ---- -- ---- nicht --- ---- --- ------- außerhalb --- ---------- -------- | Lukas 13,33 |
34 | Lukas 13,34 | Jerusalem, Jerusalem, die du die Propheten tötest und steinigst, die zu dir gesandt sind; wie oft habe ich deine Kinder sammeln wollen wie eine Henne ihre Küken unter ihre Flügel, und ihr habt nicht gewollt! | ---------- Jerusalem, --- -- die --------- ------- und ---------- --- zu --- ------- sind; --- --- habe --- ----- Kinder ------- ------ wie ---- ----- ihre ------ ----- ihre -------- --- ihr ---- ----- gewollt! | ---------- ---------- die -- --- --------- ------- und ---------- --- -- --- gesandt ----- --- --- ---- ich ----- ------ ------- ------ wie ---- ----- ---- ------ unter ---- -------- --- --- habt ----- -------- | Lukas 13,34 |
35 | Lukas 13,35 | Siehe, euer Haus wird euch verwüstet gelassen werden! Und wahrlich, ich sage euch: Ihr werdet mich nicht mehr sehen, bis die Zeit kommt, da ihr sprechen werdet: »Gepriesen sei der, welcher kommt im Namen des Herrn!« | ------ euer ---- ---- euch ---------- -------- werden! --- --------- ich ---- ----- Ihr ------ ---- nicht ---- ------ bis --- ---- kommt, -- --- sprechen ------- ----------- sei ---- ------- kommt -- ----- des -------- | ------ ---- Haus ---- ---- ---------- -------- werden! --- --------- --- ---- euch: --- ------ ---- ----- mehr ------ --- --- ---- kommt, -- --- -------- ------- »Gepriesen --- ---- ------- ----- im ----- --- -------- | Lukas 13,35 |