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Deutsch 42-Lukas 015(Schl2000)

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1

Lukas 15,1

Es pflegten sich ihm aber alle Zöllner und Sünder zu nahen, um ihn zu hören.

-- pflegten ---- --- aber ---- -------- und ------- -- nahen, -- --- zu -------

-- -------- sich --- ---- ---- -------- und ------- -- ------ -- ihn -- -------

Lukas 15,1


2

Lukas 15,2

Und die Pharisäer und die Schriftgelehrten murrten und sprachen: Dieser nimmt Sünder an und isst mit ihnen!

--- die ---------- --- die ---------------- ------- und --------- ------ nimmt ------- -- und ---- --- ihnen!

--- --- Pharisäer --- --- ---------------- ------- und --------- ------ ----- ------- an --- ---- --- ------

Lukas 15,2


3

Lukas 15,3

Er sagte aber zu ihnen dieses Gleichnis und sprach:

-- sagte ---- -- ihnen ------ --------- und -------

-- ----- aber -- ----- ------ --------- und -------

Lukas 15,3


4

Lukas 15,4

Welcher Mensch unter euch, der hundert Schafe hat und eines von ihnen verliert, lässt nicht die neunundneunzig in der Wildnis und geht dem verlorenen nach, bis er es findet?

------- Mensch ----- ----- der ------- ------ hat --- ----- von ----- --------- lässt ----- --- neunundneunzig -- --- Wildnis --- ---- dem ---------- ----- bis -- -- findet?

------- ------ unter ----- --- ------- ------ hat --- ----- --- ----- verliert, ------ ----- --- -------------- in --- ------- --- ---- dem ---------- ----- --- -- es -------

Lukas 15,4


5

Lukas 15,5

Und wenn er es gefunden hat, nimmt er es auf seine Schulter mit Freuden;

--- wenn -- -- gefunden ---- ----- er -- --- seine -------- --- Freuden;

--- ---- er -- -------- ---- ----- er -- --- ----- -------- mit --------

Lukas 15,5


6

Lukas 15,6

und wenn er nach Hause kommt, ruft er die Freunde und Nachbarn zusammen und spricht zu ihnen: Freut euch mit mir; denn ich habe mein Schaf gefunden, das verloren war!

--- wenn -- ---- Hause ------ ---- er --- ------- und -------- -------- und ------- -- ihnen: ----- ---- mit ---- ---- ich ---- ---- Schaf --------- --- verloren ----

--- ---- er ---- ----- ------ ---- er --- ------- --- -------- zusammen --- ------- -- ------ Freut ---- --- ---- ---- ich ---- ---- ----- --------- das -------- ----

Lukas 15,6


7

Lukas 15,7

Ich sage euch, so wird auch Freude sein im Himmel über einen Sünder, der Buße tut, mehr als über neunundneunzig Gerechte, die keine Buße brauchen!

--- sage ----- -- wird ---- ------ sein -- ------ über ----- -------- der ----- ---- mehr --- ----- neunundneunzig --------- --- keine ----- ---------

--- ---- euch, -- ---- ---- ------ sein -- ------ ----- ----- Sünder, --- ----- ---- ---- als ----- -------------- --------- --- keine ----- ---------

Lukas 15,7


8

Lukas 15,8

Oder welche Frau, die zehn Drachmen hat, zündet nicht, wenn sie eine Drachme verliert, ein Licht an und kehrt das Haus und sucht mit Fleiß, bis sie sie findet?

---- welche ----- --- zehn -------- ---- zündet ------ ---- sie ---- ------- verliert, --- ----- an --- ----- das ---- --- sucht --- ------- bis --- --- findet?

---- ------ Frau, --- ---- -------- ---- zündet ------ ---- --- ---- Drachme --------- --- ----- -- und ----- --- ---- --- sucht --- ------- --- --- sie -------

Lukas 15,8


9

Lukas 15,9

Und wenn sie sie gefunden hat, ruft sie die Freundinnen und die Nachbarinnen zusammen und spricht: Freut euch mit mir; denn ich habe die Drachme gefunden, die ich verloren hatte!

--- wenn --- --- gefunden ---- ---- sie --- ----------- und --- ------------ zusammen --- -------- Freut ---- --- mir; ---- --- habe --- ------- gefunden, --- --- verloren ------

--- ---- sie --- -------- ---- ---- sie --- ----------- --- --- Nachbarinnen -------- --- -------- ----- euch --- ---- ---- --- habe --- ------- --------- --- ich -------- ------

Lukas 15,9


10

Lukas 15,10

Ich sage euch, so ist auch Freude vor den Engeln Gottes über einen Sünder, der Buße tut.

--- sage ----- -- ist ---- ------ vor --- ------ Gottes ----- ----- Sünder, --- ----- tut.

--- ---- euch, -- --- ---- ------ vor --- ------ ------ ----- einen -------- --- ----- ----

Lukas 15,10


11

Lukas 15,11

Und er sprach: Ein Mensch hatte zwei Söhne.

--- er ------- --- Mensch ----- ---- Söhne.

--- -- sprach: --- ------ ----- ---- Söhne.

Lukas 15,11


12

Lukas 15,12

Und der jüngere von ihnen sprach zum Vater: Gib mir den Teil des Vermögens, der mir zufällt, Vater! Und er teilte ihnen das Gut.

--- der -------- --- ihnen ------ --- Vater: --- --- den ---- --- Vermögens, --- --- zufällt, ------ --- er ------ ----- das ----

--- --- jüngere --- ----- ------ --- Vater: --- --- --- ---- des ----------- --- --- --------- Vater! --- -- ------ ----- das ----

Lukas 15,12


13

Lukas 15,13

Und nicht lange danach packte der jüngere Sohn alles zusammen und reiste in ein fernes Land, und dort verschleuderte er sein Vermögen mit ausschweifendem Leben.

--- nicht ----- ------ packte --- -------- Sohn ----- -------- und ------ -- ein ------ ----- und ---- -------------- er ---- --------- mit --------------- ------

--- ----- lange ------ ------ --- -------- Sohn ----- -------- --- ------ in --- ------ ----- --- dort -------------- -- ---- --------- mit --------------- ------

Lukas 15,13


14

Lukas 15,14

Nachdem er aber alles aufgebraucht hatte, kam eine gewaltige Hungersnot über jenes Land, und auch er fing an, Mangel zu leiden.

------- er ---- ----- aufgebraucht ------ --- eine --------- ---------- über ----- ----- und ---- -- fing --- ------ zu -------

------- -- aber ----- ------------ ------ --- eine --------- ---------- ----- ----- Land, --- ---- -- ---- an, ------ -- -------

Lukas 15,14


15

Lukas 15,15

Da ging er hin und hängte sich an einen Bürger jenes Landes; der schickte ihn auf seine ö"cker, die Schweine zu hüten.

-- ging -- --- und ------- ---- an ----- ------- jenes ------- --- schickte --- --- seine -------- --- Schweine -- -------

-- ---- er --- --- ------- ---- an ----- ------- ----- ------- der -------- --- --- ----- ö"cker, --- -------- -- -------

Lukas 15,15


16

Lukas 15,16

Und er begehrte, seinen Bauch zu füllen mit den Schoten, welche die Schweine fraßen; und niemand gab sie ihm.

--- er --------- ------ Bauch -- ------- mit --- -------- welche --- -------- fraßen; --- ------- gab --- ----

--- -- begehrte, ------ ----- -- ------- mit --- -------- ------ --- Schweine -------- --- ------- --- sie ----

Lukas 15,16


17

Lukas 15,17

Er kam aber zu sich selbst und sprach: Wie viele Tagelöhner meines Vaters haben Brot im öœberfluss, ich aber verderbe vor Hunger!

-- kam ---- -- sich ------ --- sprach: --- ----- Tagelöhner ------ ------ haben ---- -- öœberfluss, --- ---- verderbe --- -------

-- --- aber -- ---- ------ --- sprach: --- ----- ----------- ------ Vaters ----- ---- -- ------------- ich ---- -------- --- -------

Lukas 15,17


18

Lukas 15,18

Ich will mich aufmachen und zu meinem Vater gehen und zu ihm sagen: Vater, ich habe gesündigt gegen den Himmel und vor dir,

--- will ---- --------- und -- ------ Vater ----- --- zu --- ------ Vater, --- ---- gesündigt ----- --- Himmel --- --- dir,

--- ---- mich --------- --- -- ------ Vater ----- --- -- --- sagen: ------ --- ---- ---------- gegen --- ------ --- --- dir,

Lukas 15,18


19

Lukas 15,19

und ich bin nicht mehr wert, dein Sohn zu heißen; mache mich zu einem deiner Tagelöhner!

--- ich --- ----- mehr ----- ---- Sohn -- -------- mache ---- -- einem ------ ------------

--- --- bin ----- ---- ----- ---- Sohn -- -------- ----- ---- zu ----- ------ ------------

Lukas 15,19


20

Lukas 15,20

Und er machte sich auf und ging zu seinem Vater. Als er aber noch fern war, sah ihn sein Vater und hatte Erbarmen; und er lief, fiel ihm um den Hals und küsste ihn.

--- er ------ ---- auf --- ---- zu ------ ------ Als -- ---- noch ---- ---- sah --- ---- Vater --- ----- Erbarmen; --- -- lief, ---- --- um --- ---- und ------- ----

--- -- machte ---- --- --- ---- zu ------ ------ --- -- aber ---- ---- ---- --- ihn ---- ----- --- ----- Erbarmen; --- -- ----- ---- ihm -- --- ---- --- küsste ----

Lukas 15,20


21

Lukas 15,21

Der Sohn aber sprach zu ihm: Vater, ich habe gesündigt gegen den Himmel und vor dir, und ich bin nicht mehr wert, dein Sohn zu heißen!

--- Sohn ---- ------ zu ---- ------ ich ---- ---------- gegen --- ------ und --- ---- und --- --- nicht ---- ----- dein ---- -- heißen!

--- ---- aber ------ -- ---- ------ ich ---- ---------- ----- --- Himmel --- --- ---- --- ich --- ----- ---- ----- dein ---- -- --------

Lukas 15,21


22

Lukas 15,22

Aber der Vater sprach zu seinen Knechten: Bringt das beste Festgewand her und zieht es ihm an, und gebt ihm einen Ring an seine Hand und Schuhe an die Füße;

---- der ----- ------ zu ------ --------- Bringt --- ----- Festgewand --- --- zieht -- --- an, --- ---- ihm ----- ---- an ----- ---- und ------ -- die -------

---- --- Vater ------ -- ------ --------- Bringt --- ----- ---------- --- und ----- -- --- --- und ---- --- ----- ---- an ----- ---- --- ------ an --- -------

Lukas 15,22


23

Lukas 15,23

und bringt das gemästete Kalb her und schlachtet es; und lasst uns essen und fröhlich sein!

--- bringt --- ---------- Kalb --- --- schlachtet --- --- lasst --- ----- und --------- -----

--- ------ das ---------- ---- --- --- schlachtet --- --- ----- --- essen --- --------- -----

Lukas 15,23


24

Lukas 15,24

Denn dieser mein Sohn war tot und ist wieder lebendig geworden; und er war verloren und ist wieder gefunden worden. Und sie fingen an, fröhlich zu sein.

---- dieser ---- ---- war --- --- ist ------ -------- geworden; --- -- war -------- --- ist ------ -------- worden. --- --- fingen --- --------- zu -----

---- ------ mein ---- --- --- --- ist ------ -------- --------- --- er --- -------- --- --- wieder -------- ------- --- --- fingen --- --------- -- -----

Lukas 15,24


25

Lukas 15,25

Aber sein älterer Sohn war auf dem Feld; und als er heimkam und sich dem Haus näherte, hörte er Musik und Tanz.

---- sein -------- ---- war --- --- Feld; --- --- er ------- --- sich --- ---- näherte, ------ -- Musik --- -----

---- ---- älterer ---- --- --- --- Feld; --- --- -- ------- und ---- --- ---- --------- hörte -- ----- --- -----

Lukas 15,25


26

Lukas 15,26

Und er rief einen der Knechte herbei und erkundigte sich, was das sei.

--- er ---- ----- der ------- ------ und ---------- ----- was --- ----

--- -- rief ----- --- ------- ------ und ---------- ----- --- --- sei.

Lukas 15,26


27

Lukas 15,27

Der sprach zu ihm: Dein Bruder ist gekommen, und dein Vater hat das gemästete Kalb geschlachtet, weil er ihn gesund wiedererhalten hat!

--- sprach -- ---- Dein ------ --- gekommen, --- ---- Vater --- --- gemästete ---- ------------- weil -- --- gesund -------------- ----

--- ------ zu ---- ---- ------ --- gekommen, --- ---- ----- --- das ---------- ---- ------------- ---- er --- ------ -------------- ----

Lukas 15,27


28

Lukas 15,28

Da wurde er zornig und wollte nicht hineingehen. Sein Vater nun ging hinaus und redete ihm zu.

-- wurde -- ------ und ------ ----- hineingehen. ---- ----- nun ---- ------ und ------ --- zu.

-- ----- er ------ --- ------ ----- hineingehen. ---- ----- --- ---- hinaus --- ------ --- ---

Lukas 15,28


29

Lukas 15,29

Er aber antwortete und sprach zum Vater: Siehe, so viele Jahre diene ich dir und habe nie dein Gebot übertreten; und mir hast du nie einen Bock gegeben, damit ich mit meinen Freunden fröhlich sein kann.

-- aber ---------- --- sprach --- ------ Siehe, -- ----- Jahre ----- --- dir --- ---- nie ---- ----- übertreten; --- --- hast -- --- einen ---- -------- damit --- --- meinen -------- --------- sein -----

-- ---- antwortete --- ------ --- ------ Siehe, -- ----- ----- ----- ich --- --- ---- --- dein ----- ------------ --- --- hast -- --- ----- ---- gegeben, ----- --- --- ------ Freunden --------- ---- -----

Lukas 15,29


30

Lukas 15,30

Nun aber, da dieser dein Sohn gekommen ist, der dein Gut mit Huren vergeudet hat, hast du für ihn das gemästete Kalb geschlachtet!

--- aber, -- ------ dein ---- -------- ist, --- ---- Gut --- ----- vergeudet ---- ---- du ---- --- das ---------- ---- geschlachtet!

--- ----- da ------ ---- ---- -------- ist, --- ---- --- --- Huren --------- ---- ---- -- für --- --- ---------- ---- geschlachtet!

Lukas 15,30


31

Lukas 15,31

Er aber sprach zu ihm: Mein Sohn, du bist allezeit bei mir, und alles, was mein ist, das ist dein.

-- aber ------ -- ihm: ---- ----- du ---- -------- bei ---- --- alles, --- ---- ist, --- --- dein.

-- ---- sprach -- ---- ---- ----- du ---- -------- --- ---- und ------ --- ---- ---- das --- -----

Lukas 15,31


32

Lukas 15,32

Du solltest aber fröhlich sein und dich freuen; denn dieser dein Bruder war tot und ist wieder lebendig geworden, und er war verloren und ist wieder gefunden worden!

-- solltest ---- --------- sein --- ---- freuen; ---- ------ dein ------ --- tot --- --- wieder -------- --------- und -- --- verloren --- --- wieder -------- -------

-- -------- aber --------- ---- --- ---- freuen; ---- ------ ---- ------ war --- --- --- ------ lebendig --------- --- -- --- verloren --- --- ------ -------- worden!

Lukas 15,32