Empfehlen Sie uns bitte weiter auf Facebook und Twitter:  Add to Facebook Tweet This


Deutsch 43-Johannes 019(Schl2000)

Anweisung: die Maus von links nach rechts bewegen um die Informationen zu erhalten. Gehe mit der Maus auf den zwischenräume um zu lernen ohne sehen.

Home

1

Johannes 19,1

Darauf nahm Pilatus Jesus und ließ ihn geißeln.

------ nahm ------- ----- und ----- --- geißeln.

------ ---- Pilatus ----- --- ----- --- geißeln.

Johannes 19,1


2

Johannes 19,2

Und die Kriegsknechte flochten eine Krone aus Dornen, setzten sie ihm auf das Haupt und legten ihm einen Purpurmantel um

--- die ------------- -------- eine ----- --- Dornen, ------- --- ihm --- --- Haupt --- ------ ihm ----- ------------ um

--- --- Kriegsknechte -------- ---- ----- --- Dornen, ------- --- --- --- das ----- --- ------ --- einen ------------ --

Johannes 19,2


3

Johannes 19,3

und sprachen: Sei gegrüßt, du König der Juden! und schlugen ihn ins Gesicht.

--- sprachen: --- ---------- du ------ --- Juden! --- -------- ihn --- --------

--- --------- Sei ---------- -- ------ --- Juden! --- -------- --- --- Gesicht.

Johannes 19,3


4

Johannes 19,4

Da ging Pilatus wieder hinaus und sprach zu ihnen: Seht, ich führe ihn zu euch heraus, damit ihr erkennt, dass ich keine Schuld an ihm finde!

-- ging ------- ------ hinaus --- ------ zu ------ ----- ich ------ --- zu ---- ------- damit --- -------- dass --- ----- Schuld -- --- finde!

-- ---- Pilatus ------ ------ --- ------ zu ------ ----- --- ------ ihn -- ---- ------- ----- ihr -------- ---- --- ----- Schuld -- --- ------

Johannes 19,4


5

Johannes 19,5

Nun kam Jesus heraus und trug die Dornenkrone und den Purpurmantel. Und er spricht zu ihnen: Seht, welch ein Mensch!

--- kam ----- ------ und ---- --- Dornenkrone --- --- Purpurmantel. --- -- spricht -- ------ Seht, ----- --- Mensch!

--- --- Jesus ------ --- ---- --- Dornenkrone --- --- ------------- --- er ------- -- ------ ----- welch --- -------

Johannes 19,5


6

Johannes 19,6

Als ihn nun die obersten Priester und die Diener sahen, schrien sie und sprachen: Kreuzige, kreuzige ihn! Pilatus spricht zu ihnen: Nehmt ihr ihn hin und kreuzigt ihn! Denn ich finde keine Schuld an ihm.

--- ihn --- --- obersten -------- --- die ------ ------ schrien --- --- sprachen: --------- -------- ihn! ------- ------- zu ------ ----- ihr --- --- und -------- ---- Denn --- ----- keine ------ -- ihm.

--- --- nun --- -------- -------- --- die ------ ------ ------- --- und --------- --------- -------- ---- Pilatus ------- -- ------ ----- ihr --- --- --- -------- ihn! ---- --- ----- ----- Schuld -- ----

Johannes 19,6


7

Johannes 19,7

Die Juden antworteten ihm: Wir haben ein Gesetz, und nach unserem Gesetz muss er sterben, weil er sich selbst zu Gottes Sohn gemacht hat!

--- Juden ----------- ---- Wir ----- --- Gesetz, --- ---- unserem ------ ---- er -------- ---- er ---- ------ zu ------ ---- gemacht ----

--- ----- antworteten ---- --- ----- --- Gesetz, --- ---- ------- ------ muss -- -------- ---- -- sich ------ -- ------ ---- gemacht ----

Johannes 19,7


8

Johannes 19,8

Als Pilatus dieses Wort hörte, fürchtete er sich noch mehr,

--- Pilatus ------ ---- hörte, ---------- -- sich ---- -----

--- ------- dieses ---- ------- ---------- -- sich ---- -----

Johannes 19,8


9

Johannes 19,9

und er ging wieder in das Prätorium hinein und sprach zu Jesus: Woher bist du? Aber Jesus gab ihm keine Antwort.

--- er ---- ------ in --- ---------- hinein --- ------ zu ------ ----- bist --- ---- Jesus --- --- keine --------

--- -- ging ------ -- --- ---------- hinein --- ------ -- ------ Woher ---- --- ---- ----- gab --- ----- --------

Johannes 19,9


10

Johannes 19,10

Da spricht Pilatus zu ihm: Redest du nicht mit mir? Weißt du nicht, dass ich Vollmacht habe, dich zu kreuzigen, und Vollmacht habe, dich freizulassen?

-- spricht ------- -- ihm: ------ -- nicht --- ---- Weißt -- ------ dass --- --------- habe, ---- -- kreuzigen, --- --------- habe, ---- -------------

-- ------- Pilatus -- ---- ------ -- nicht --- ---- ------ -- nicht, ---- --- --------- ----- dich -- ---------- --- --------- habe, ---- -------------

Johannes 19,10


11

Johannes 19,11

Jesus antwortete: Du hättest gar keine Vollmacht über mich, wenn sie dir nicht von oben her gegeben wäre; darum hat der, welcher mich dir ausliefert, größere Schuld!

----- antwortete: -- -------- gar ----- --------- über ----- ---- sie --- ----- von ---- --- gegeben ------ ----- hat ---- ------- mich --- ----------- größere -------

----- ----------- Du -------- --- ----- --------- über ----- ---- --- --- nicht --- ---- --- ------- wäre; ----- --- ---- ------- mich --- ----------- --------- -------

Johannes 19,11


12

Johannes 19,12

Von da an suchte Pilatus ihn freizugeben. Aber die Juden schrien und sprachen: Wenn du diesen freilässt, so bist du kein Freund des Kaisers; denn wer sich selbst zum König macht, der stellt sich gegen den Kaiser!

--- da -- ------ Pilatus --- ------------ Aber --- ----- schrien --- --------- Wenn -- ------ freilässt, -- ---- du ---- ------ des -------- ---- wer ---- ------ zum ------ ------ der ------ ---- gegen --- -------

--- -- an ------ ------- --- ------------ Aber --- ----- ------- --- sprachen: ---- -- ------ ----------- so ---- -- ---- ------ des -------- ---- --- ---- selbst --- ------ ------ --- stellt ---- ----- --- -------

Johannes 19,12


13

Johannes 19,13

Als nun Pilatus dieses Wort hörte, führte er Jesus hinaus und setzte sich auf den Richterstuhl, an der Stätte, die Steinpflaster genannt wird, auf Hebräisch aber Gabbatha.

--- nun ------- ------ Wort ------- ------- er ----- ------ und ------ ---- auf --- ------------- an --- -------- die ------------- ------- wird, --- ---------- aber ---------

--- --- Pilatus ------ ---- ------- ------- er ----- ------ --- ------ sich --- --- ------------- -- der -------- --- ------------- ------- wird, --- ---------- ---- ---------

Johannes 19,13


14

Johannes 19,14

Es war aber Rüsttag für das Passah, und zwar um die sechste Stunde. Und er sprach zu den Juden: Seht, das ist euer König!

-- war ---- -------- für --- ------- und ---- -- die ------- ------- Und -- ------ zu --- ------ Seht, --- --- euer -------

-- --- aber -------- ---- --- ------- und ---- -- --- ------- Stunde. --- -- ------ -- den ------ ----- --- --- euer -------

Johannes 19,14


15

Johannes 19,15

Sie aber schrien: Fort, fort mit ihm! Kreuzige ihn! Pilatus spricht zu ihnen: Euren König soll ich kreuzigen? Die obersten Priester antworteten: Wir haben keinen König als nur den Kaiser!

--- aber -------- ----- fort --- ---- Kreuzige ---- ------- spricht -- ------ Euren ------ ---- ich ---------- --- obersten -------- ------------ Wir ----- ------ König --- --- den -------

--- ---- schrien: ----- ---- --- ---- Kreuzige ---- ------- ------- -- ihnen: ----- ------ ---- --- kreuzigen? --- -------- -------- ------------ Wir ----- ------ ------ --- nur --- -------

Johannes 19,15


16

Johannes 19,16

Da übergab er ihnen [Jesus], damit er gekreuzigt werde. Sie nahmen aber Jesus und führten ihn weg.

-- übergab -- ----- [Jesus], ----- -- gekreuzigt ------ --- nahmen ---- ----- und -------- --- weg.

-- -------- er ----- -------- ----- -- gekreuzigt ------ --- ------ ---- Jesus --- -------- --- ----

Johannes 19,16


17

Johannes 19,17

Und er trug sein Kreuz und ging hinaus zur so genannten Schädelstätte, die auf Hebräisch Golgatha heißt.

--- er ---- ---- Kreuz --- ---- hinaus --- -- genannten ---------------- --- auf ---------- -------- heißt.

--- -- trug ---- ----- --- ---- hinaus --- -- --------- ---------------- die --- ---------- -------- -------

Johannes 19,17


18

Johannes 19,18

Dort kreuzigten sie ihn, und mit ihm zwei andere zu beiden Seiten, Jesus aber in der Mitte.

---- kreuzigten --- ---- und --- --- zwei ------ -- beiden ------- ----- aber -- --- Mitte.

---- ---------- sie ---- --- --- --- zwei ------ -- ------ ------- Jesus ---- -- --- ------

Johannes 19,18


19

Johannes 19,19

Pilatus aber schrieb eine öœberschrift und heftete sie an das Kreuz; und es stand geschrieben: »Jesus, der Nazarener, der König der Juden«.

------- aber ------- ---- öœberschrift --- ------- sie -- --- Kreuz; --- -- stand ------------ -------- der ---------- --- König --- --------

------- ---- schrieb ---- -------------- --- ------- sie -- --- ------ --- es ----- ------------ -------- --- Nazarener, --- ------ --- --------

Johannes 19,19


20

Johannes 19,20

Diese öœberschrift nun lasen viele Juden; denn der Ort, wo Jesus gekreuzigt wurde, war nahe bei der Stadt, und es war in hebräischer, griechischer und lateinischer Sprache geschrieben.

----- öœberschrift --- ----- viele ------ ---- der ---- -- Jesus ---------- ------ war ---- --- der ------ --- es --- -- hebräischer, ------------ --- lateinischer ------- ------------

----- -------------- nun ----- ----- ------ ---- der ---- -- ----- ---------- wurde, --- ---- --- --- Stadt, --- -- --- -- hebräischer, ------------ --- ------------ ------- geschrieben.

Johannes 19,20


21

Johannes 19,21

Da sprachen die obersten Priester der Juden zu Pilatus: Schreibe nicht: Der König der Juden, sondern dass jener gesagt hat: Ich bin König der Juden!

-- sprachen --- -------- Priester --- ----- zu -------- -------- nicht: --- ------ der ------ ------- dass ----- ------ hat: --- --- König --- ------

-- -------- die -------- -------- --- ----- zu -------- -------- ------ --- König --- ------ ------- ---- jener ------ ---- --- --- König --- ------

Johannes 19,21


22

Johannes 19,22

Pilatus antwortete: Was ich geschrieben habe, das habe ich geschrieben!

------- antwortete: --- --- geschrieben ----- --- habe --- ------------

------- ----------- Was --- ----------- ----- --- habe --- ------------

Johannes 19,22


23

Johannes 19,23

Als nun die Kriegsknechte Jesus gekreuzigt hatten, nahmen sie seine Kleider und machten vier Teile, für jeden Kriegsknecht einen Teil, und dazu das Untergewand. Das Untergewand aber war ohne Naht, von oben bis unten in einem Stück gewoben.

--- nun --- ------------- Jesus ---------- ------- nahmen --- ----- Kleider --- ------- vier ------ ---- jeden ------------ ----- Teil, --- ---- das ------------ --- Untergewand ---- --- ohne ----- --- oben --- ----- in ----- ------ gewoben.

--- --- die ------------- ----- ---------- ------- nahmen --- ----- ------- --- machten ---- ------ ---- ----- Kriegsknecht ----- ----- --- ---- das ------------ --- ----------- ---- war ---- ----- --- ---- bis ----- -- ----- ------ gewoben.

Johannes 19,23


24

Johannes 19,24

Da sprachen sie zueinander: Lasst uns das nicht zertrennen, sondern darum losen, wem es gehören soll! - damit die Schrift erfüllt würde, die spricht: »Sie haben meine Kleider unter sich geteilt und über mein Gewand das Los geworfen«. Dies nun taten die Kriegsknechte.

-- sprachen --- ----------- Lasst --- --- nicht ----------- ------- darum ------ --- es -------- ----- - ----- --- Schrift -------- ------- die -------- ----- haben ----- ------- unter ---- ------- und ----- ---- Gewand --- --- geworfen«. ---- --- taten --- --------------

-- -------- sie ----------- ----- --- --- nicht ----------- ------- ----- ------ wem -- -------- ----- - damit --- ------- -------- ------- die -------- ----- ----- ----- Kleider ----- ---- ------- --- über ---- ------ --- --- geworfen«. ---- --- ----- --- Kriegsknechte.

Johannes 19,24


25

Johannes 19,25

Es standen aber bei dem Kreuz Jesu seine Mutter und die Schwester seiner Mutter, Maria, die Frau des Klopas, und Maria Magdalena.

-- standen ---- --- dem ----- ---- seine ------ --- die --------- ------ Mutter, ------ --- Frau --- ------- und ----- ----------

-- ------- aber --- --- ----- ---- seine ------ --- --- --------- seiner ------- ------ --- ---- des ------- --- ----- ----------

Johannes 19,25


26

Johannes 19,26

Als nun Jesus seine Mutter sah und den Jünger dabei stehen, den er lieb hatte, spricht er zu seiner Mutter: Frau, siehe, dein Sohn!

--- nun ----- ----- Mutter --- --- den ------- ----- stehen, --- -- lieb ------ ------- er -- ------ Mutter: ----- ------ dein -----

--- --- Jesus ----- ------ --- --- den ------- ----- ------- --- er ---- ------ ------- -- zu ------ ------- ----- ------ dein -----

Johannes 19,26


27

Johannes 19,27

Darauf spricht er zu dem Jünger: Siehe, deine Mutter! Und von der Stunde an nahm sie der Jünger zu sich.

------ spricht -- -- dem -------- ------ deine ------- --- von --- ------ an ---- --- der ------- -- sich.

------ ------- er -- --- -------- ------ deine ------- --- --- --- Stunde -- ---- --- --- Jünger -- -----

Johannes 19,27


28

Johannes 19,28

Nach diesem, da Jesus wusste, dass schon alles vollbracht war, spricht er, damit die Schrift erfüllt würde: Mich dürstet!

---- diesem, -- ----- wusste, ---- ----- alles ---------- ---- spricht --- ----- die ------- -------- würde: ---- ---------

---- ------- da ----- ------- ---- ----- alles ---------- ---- ------- --- damit --- ------- -------- ------- Mich ---------

Johannes 19,28


29

Johannes 19,29

Es stand nun ein Gefäß voll Essig da; sie aber tränkten einen Schwamm mit Essig, legten ihn um einen Ysop und hielten es ihm an den Mund.

-- stand --- --- Gefäß ---- ----- da; --- ---- tränkten ----- ------- mit ------ ------ ihn -- ----- Ysop --- ------- es --- -- den -----

-- ----- nun --- ------- ---- ----- da; --- ---- --------- ----- Schwamm --- ------ ------ --- um ----- ---- --- ------- es --- -- --- -----

Johannes 19,29


30

Johannes 19,30

Als nun Jesus den Essig genommen hatte, sprach er: Es ist vollbracht! Und er neigte das Haupt und übergab den Geist.

--- nun ----- --- Essig -------- ------ sprach --- -- ist ----------- --- er ------ --- Haupt --- -------- den ------

--- --- Jesus --- ----- -------- ------ sprach --- -- --- ----------- Und -- ------ --- ----- und -------- --- ------

Johannes 19,30


31

Johannes 19,31

Weil es Rüsttag war - jener Sabbat war nämlich ein hoher Festtag -, baten die Juden nun Pilatus, damit die Leichname nicht während des Sabbats am Kreuz blieben, dass ihnen die Beine zerschlagen und sie herabgenommen würden.

---- es -------- --- - ----- ------ war -------- --- hoher ------- -- baten --- ----- nun -------- ----- die --------- ----- während --- ------- am ----- -------- dass ----- --- Beine ----------- --- sie ------------- --------

---- -- Rüsttag --- - ----- ------ war -------- --- ----- ------- -, ----- --- ----- --- Pilatus, ----- --- --------- ----- während --- ------- -- ----- blieben, ---- ----- --- ----- zerschlagen --- --- ------------- --------

Johannes 19,31


32

Johannes 19,32

Da kamen die Kriegsknechte und brachen dem ersten die Beine, ebenso dem anderen, der mit ihm gekreuzigt worden war.

-- kamen --- ------------- und ------- --- ersten --- ------ ebenso --- -------- der --- --- gekreuzigt ------ ----

-- ----- die ------------- --- ------- --- ersten --- ------ ------ --- anderen, --- --- --- ---------- worden ----

Johannes 19,32


33

Johannes 19,33

Als sie aber zu Jesus kamen und sahen, dass er schon gestorben war, zerschlugen sie ihm die Beine nicht,

--- sie ---- -- Jesus ----- --- sahen, ---- -- schon --------- ---- zerschlugen --- --- die ----- ------

--- --- aber -- ----- ----- --- sahen, ---- -- ----- --------- war, ----------- --- --- --- Beine ------

Johannes 19,33


34

Johannes 19,34

sondern einer der Kriegsknechte stach mit einem Speer in seine Seite, und sogleich floß Blut und Wasser heraus.

------- einer --- ------------- stach --- ----- Speer -- ----- Seite, --- -------- floß ---- --- Wasser -------

------- ----- der ------------- ----- --- ----- Speer -- ----- ------ --- sogleich ----- ---- --- ------ heraus.

Johannes 19,34


35

Johannes 19,35

Und der das gesehen hat, der hat es bezeugt, und sein Zeugnis ist wahr, und er weiß, dass er die Wahrheit sagt, damit ihr glaubt.

--- der --- ------- hat, --- --- es -------- --- sein ------- --- wahr, --- -- weiß, ---- -- die -------- ----- damit --- -------

--- --- das ------- ---- --- --- es -------- --- ---- ------- ist ----- --- -- ------ dass -- --- -------- ----- damit --- -------

Johannes 19,35


36

Johannes 19,36

Denn dies ist geschehen, damit die Schrift erfüllt würde: »Kein Knochen soll ihm zerbrochen werden«.

---- dies --- ---------- damit --- ------- erfüllt ------- ------ Knochen ---- --- zerbrochen ---------

---- ---- ist ---------- ----- --- ------- erfüllt ------- ------ ------- ---- ihm ---------- ---------

Johannes 19,36


37

Johannes 19,37

Und wiederum sagt eine andere Schrift: »Sie werden den ansehen, welchen sie durchstochen haben«.

--- wiederum ---- ---- andere -------- ----- werden --- -------- welchen --- ------------ haben«.

--- -------- sagt ---- ------ -------- ----- werden --- -------- ------- --- durchstochen --------

Johannes 19,37


38

Johannes 19,38

Danach bat Joseph von Arimathia - der ein Jünger Jesu war, jedoch heimlich, aus Furcht vor den Juden -, den Pilatus, dass er den Leib Jesu abnehmen dürfe. Und Pilatus erlaubte es. Da kam er und nahm den Leib Jesu herab.

------ bat ------ --- Arimathia - --- ein ------- ---- war, ------ --------- aus ------ --- den ----- -- den -------- ---- er --- ---- Jesu -------- ------- Und ------- -------- es. -- --- er --- ---- den ---- ---- herab.

------ --- Joseph --- --------- - --- ein ------- ---- ---- ------ heimlich, --- ------ --- --- Juden -- --- -------- ---- er --- ---- ---- -------- dürfe. --- ------- -------- --- Da --- -- --- ---- den ---- ---- ------

Johannes 19,38


39

Johannes 19,39

Es kam aber auch Nikodemus, der zuvor bei Nacht zu Jesus gekommen war, und brachte eine Mischung von Myrrhe und Aloe, etwa 100 Pfund.

-- kam ---- ---- Nikodemus, --- ----- bei ----- -- Jesus -------- ---- und ------- ---- Mischung --- ------ und ----- ---- 100 ------

-- --- aber ---- ---------- --- ----- bei ----- -- ----- -------- war, --- ------- ---- -------- von ------ --- ----- ---- 100 ------

Johannes 19,39


40

Johannes 19,40

Sie nahmen nun den Leib Jesu und banden ihn samt den wohlriechenden Gewürzen in leinene Tücher, wie die Juden zu begraben pflegen.

--- nahmen --- --- Leib ---- --- banden --- ---- den -------------- --------- in ------- -------- wie --- ----- zu -------- --------

--- ------ nun --- ---- ---- --- banden --- ---- --- -------------- Gewürzen -- ------- -------- --- die ----- -- -------- --------

Johannes 19,40


41

Johannes 19,41

Es war aber ein Garten an dem Ort, wo Jesus gekreuzigt worden war, und in dem Garten ein neues Grab, in das noch niemand gelegt worden war.

-- war ---- --- Garten -- --- Ort, -- ----- gekreuzigt ------ ---- und -- --- Garten --- ----- Grab, -- --- noch ------- ------ worden ----

-- --- aber --- ------ -- --- Ort, -- ----- ---------- ------ war, --- -- --- ------ ein ----- ----- -- --- noch ------- ------ ------ ----

Johannes 19,41


42

Johannes 19,42

Dorthin nun legten sie Jesus, wegen des Rüsttages der Juden, weil das Grab nahe war.

------- nun ------ --- Jesus, ----- --- Rüsttages --- ------ weil --- ---- nahe ----

------- --- legten --- ------ ----- --- Rüsttages --- ------ ---- --- Grab ---- ----

Johannes 19,42