Deutsch 43-Johannes 020(Schl2000)
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1 | Johannes 20,1 | Am ersten Tag der Woche aber kommt Maria Magdalena früh, als es noch finster war, zum Grab und sieht, dass der Stein von dem Grab hinweggenommen war. | -- ersten --- --- Woche ---- ----- Maria --------- ------ als -- ---- finster ---- --- Grab --- ------ dass --- ----- von --- ---- hinweggenommen ---- | -- ------ Tag --- ----- ---- ----- Maria --------- ------ --- -- noch ------- ---- --- ---- und ------ ---- --- ----- von --- ---- -------------- ---- | Johannes 20,1 |
2 | Johannes 20,2 | Da läuft sie und kommt zu Simon Petrus und zu dem anderen Jünger, den Jesus lieb hatte, und spricht zu ihnen: Sie haben den Herrn aus dem Grab genommen, und wir wissen nicht, wo sie ihn hingelegt haben! | -- läuft --- --- kommt -- ----- Petrus --- -- dem ------- -------- den ----- ---- hatte, --- ------- zu ------ --- haben --- ----- aus --- ---- genommen, --- --- wissen ------ -- sie --- --------- haben! | -- ------ sie --- ----- -- ----- Petrus --- -- --- ------- Jünger, --- ----- ---- ------ und ------- -- ------ --- haben --- ----- --- --- Grab --------- --- --- ------ nicht, -- --- --- --------- haben! | Johannes 20,2 |
3 | Johannes 20,3 | Nun gingen Petrus und der andere Jünger hinaus und begaben sich zu dem Grab. | --- gingen ------ --- der ------ ------- hinaus --- ------- sich -- --- Grab. | --- ------ Petrus --- --- ------ ------- hinaus --- ------- ---- -- dem ----- | Johannes 20,3 |
4 | Johannes 20,4 | Die beiden liefen aber miteinander, und der andere Jünger lief voraus, schneller als Petrus, und kam zuerst zum Grab, | --- beiden ------ ---- miteinander, --- --- andere ------- ---- voraus, --------- --- Petrus, --- --- zuerst --- ----- | --- ------ liefen ---- ------------ --- --- andere ------- ---- ------- --------- als ------- --- --- ------ zum ----- | Johannes 20,4 |
5 | Johannes 20,5 | und er beugte sich hinein und sah die leinenen Tücher daliegen, ging jedoch nicht hinein. | --- er ------ ---- hinein --- --- die -------- ------- daliegen, ---- ------ nicht ------- | --- -- beugte ---- ------ --- --- die -------- ------- --------- ---- jedoch ----- ------- | Johannes 20,5 |
6 | Johannes 20,6 | Da kommt Simon Petrus, der ihm folgte, und geht in das Grab hinein und sieht die Tücher daliegen | -- kommt ----- ------- der --- ------- und ---- -- das ---- ------ und ----- --- Tücher -------- | -- ----- Simon ------- --- --- ------- und ---- -- --- ---- hinein --- ----- --- ------- daliegen | Johannes 20,6 |
7 | Johannes 20,7 | und das Schweißtuch, das auf seinem Haupt war, nicht bei den Tüchern liegen, sondern für sich zusammengewickelt an einem besonderen Ort. | --- das ------------- --- auf ------ ----- war, ----- --- den -------- ------- sondern ---- ---- zusammengewickelt -- ----- besonderen ---- | --- --- Schweißtuch, --- --- ------ ----- war, ----- --- --- -------- liegen, ------- ---- ---- ----------------- an ----- ---------- ---- | Johannes 20,7 |
8 | Johannes 20,8 | Darauf ging auch der andere Jünger hinein, der zuerst zum Grab gekommen war, und er sah und glaubte. | ------ ging ---- --- andere ------- ------- der ------ --- Grab -------- ---- und -- --- und -------- | ------ ---- auch --- ------ ------- ------- der ------ --- ---- -------- war, --- -- --- --- glaubte. | Johannes 20,8 |
9 | Johannes 20,9 | Denn sie verstanden die Schrift noch nicht, dass er aus den Toten auferstehen müsse. | ---- sie ---------- --- Schrift ---- ------ dass -- --- den ----- ----------- müsse. | ---- --- verstanden --- ------- ---- ------ dass -- --- --- ----- auferstehen ------- | Johannes 20,9 |
10 | Johannes 20,10 | Nun gingen die Jünger wieder heim. | --- gingen --- ------- wieder ----- | --- ------ die ------- ------ ----- | Johannes 20,10 |
11 | Johannes 20,11 | Maria aber stand draußen vor dem Grab und weinte. Wie sie nun weinte, beugte sie sich in das Grab, | ----- aber ----- -------- vor --- ---- und ------- --- sie --- ------- beugte --- ---- in --- ----- | ----- ---- stand -------- --- --- ---- und ------- --- --- --- weinte, ------ --- ---- -- das ----- | Johannes 20,11 |
12 | Johannes 20,12 | und sie sieht zwei Engel in weißen Kleidern sitzen, den einen beim Haupt, den anderen zu den Füßen, wo der Leib Jesu gelegen hatte. | --- sie ----- ---- Engel -- ------- Kleidern ------- --- einen ---- ------ den ------- -- den -------- -- der ---- ---- gelegen ------ | --- --- sieht ---- ----- -- ------- Kleidern ------- --- ----- ---- Haupt, --- ------- -- --- Füßen, -- --- ---- ---- gelegen ------ | Johannes 20,12 |
13 | Johannes 20,13 | Und diese sprechen zu ihr: Frau, warum weinst du? Sie spricht zu ihnen: Sie haben meinen Herrn weggenommen, und ich weiß nicht, wo sie ihn hingelegt haben! | --- diese -------- -- ihr: ----- ----- weinst --- --- spricht -- ------ Sie ----- ------ Herrn ------------ --- ich ----- ------ wo --- --- hingelegt ------ | --- ----- sprechen -- ---- ----- ----- weinst --- --- ------- -- ihnen: --- ----- ------ ----- weggenommen, --- --- ----- ------ wo --- --- --------- ------ | Johannes 20,13 |
14 | Johannes 20,14 | Und als sie das gesagt hatte, wandte sie sich um und sah Jesus dastehen und wusste nicht, dass es Jesus war. | --- als --- --- gesagt ------ ------ sie ---- -- und --- ----- dastehen --- ------ nicht, ---- -- Jesus ---- | --- --- sie --- ------ ------ ------ sie ---- -- --- --- Jesus -------- --- ------ ------ dass -- ----- ---- | Johannes 20,14 |
15 | Johannes 20,15 | Jesus spricht zu ihr: Frau, warum weinst du? Wen suchst du? Sie meint, es sei der Gärtner, und spricht zu ihm: Herr, wenn du ihn weggetragen hast, so sage mir, wo du ihn hingelegt hast, und ich will ihn holen! | ----- spricht -- ---- Frau, ----- ------ du? --- ------ du? --- ------ es --- --- Gärtner, --- ------- zu ---- ----- wenn -- --- weggetragen ----- -- sage ---- -- du --- --------- hast, --- --- will --- ------ | ----- ------- zu ---- ----- ----- ------ du? --- ------ --- --- meint, -- --- --- --------- und ------- -- ---- ----- wenn -- --- ----------- ----- so ---- ---- -- -- ihn --------- ----- --- --- will --- ------ | Johannes 20,15 |
16 | Johannes 20,16 | Jesus spricht zu ihr: Maria! Da wendet sie sich um und spricht zu ihm: Rabbuni! (das heißt: »Meister«). | ----- spricht -- ---- Maria! -- ------ sie ---- -- und ------- -- ihm: -------- ---- heißt: ------------- | ----- ------- zu ---- ------ -- ------ sie ---- -- --- ------- zu ---- -------- ---- ------- »Meister«). | Johannes 20,16 |
17 | Johannes 20,17 | Jesus spricht zu ihr: Rühre mich nicht an, denn ich bin noch nicht aufgefahren zu meinem Vater. Geh aber zu meinen Brüdern und sage ihnen: Ich fahre auf zu meinem Vater und eurem Vater, zu meinem Gott und eurem Gott. | ----- spricht -- ---- Rühre ---- ----- an, ---- --- bin ---- ----- aufgefahren -- ------ Vater. --- ---- zu ------ -------- und ---- ------ Ich ----- --- zu ------ ----- und ----- ------ zu ------ ---- und ----- ----- | ----- ------- zu ---- ------ ---- ----- an, ---- --- --- ---- nicht ----------- -- ------ ------ Geh ---- -- ------ -------- und ---- ------ --- ----- auf -- ------ ----- --- eurem ------ -- ------ ---- und ----- ----- | Johannes 20,17 |
18 | Johannes 20,18 | Da kommt Maria Magdalena und verkündet den Jüngern, dass sie den Herrn gesehen und dass er dies zu ihr gesprochen habe. | -- kommt ----- --------- und ---------- --- Jüngern, ---- --- den ----- ------- und ---- -- dies -- --- gesprochen ----- | -- ----- Maria --------- --- ---------- --- Jüngern, ---- --- --- ----- gesehen --- ---- -- ---- zu --- ---------- ----- | Johannes 20,18 |
19 | Johannes 20,19 | Als es nun an jenem Tag, dem ersten der Woche, Abend geworden war und die Türen verschlossen waren an dem Ort, wo sich die Jünger versammelt hatten, aus Furcht vor den Juden, da kam Jesus und trat in ihre Mitte und sprach zu ihnen: Friede sei mit euch! | --- es --- -- jenem ---- --- ersten --- ------ Abend -------- --- und --- ------ verschlossen ----- -- dem ---- -- sich --- ------- versammelt ------- --- Furcht --- --- Juden, -- --- Jesus --- ---- in ---- ----- und ------ -- ihnen: ------ --- mit ----- | --- -- nun -- ----- ---- --- ersten --- ------ ----- -------- war --- --- ------ ------------ waren -- --- ---- -- sich --- ------- ---------- ------- aus ------ --- --- ------ da --- ----- --- ---- in ---- ----- --- ------ zu ------ ------ --- --- euch! | Johannes 20,19 |
20 | Johannes 20,20 | Und als er das gesagt hatte, zeigte er ihnen seine Hände und seine Seite. Da wurden die Jünger froh, als sie den Herrn sahen. | --- als -- --- gesagt ------ ------ er ----- ----- Hände --- ----- Seite. -- ------ die ------- ----- als --- --- Herrn ------ | --- --- er --- ------ ------ ------ er ----- ----- ------ --- seine ------ -- ------ --- Jünger ----- --- --- --- Herrn ------ | Johannes 20,20 |
21 | Johannes 20,21 | Da sprach Jesus wiederum zu ihnen: Friede sei mit euch! Gleichwie mich der Vater gesandt hat, so sende ich euch. | -- sprach ----- -------- zu ------ ------ sei --- ----- Gleichwie ---- --- Vater ------- ---- so ----- --- euch. | -- ------ Jesus -------- -- ------ ------ sei --- ----- --------- ---- der ----- ------- ---- -- sende --- ----- | Johannes 20,21 |
22 | Johannes 20,22 | Und nachdem er das gesagt hatte, hauchte er sie an und sprach zu ihnen: Empfangt Heiligen Geist! | --- nachdem -- --- gesagt ------ ------- er --- -- und ------ -- ihnen: -------- -------- Geist! | --- ------- er --- ------ ------ ------- er --- -- --- ------ zu ------ -------- -------- ------ | Johannes 20,22 |
23 | Johannes 20,23 | Welchen ihr die Sünden vergebt, denen sind sie vergeben; welchen ihr sie behaltet, denen sind sie behalten. | ------- ihr --- ------- vergebt, ----- ---- sie --------- ------- ihr --- --------- denen ---- --- behalten. | ------- --- die ------- -------- ----- ---- sie --------- ------- --- --- behaltet, ----- ---- --- --------- | Johannes 20,23 |
24 | Johannes 20,24 | Thomas aber, einer von den Zwölfen, der Zwilling genannt wird, war nicht bei ihnen, als Jesus kam. | ------ aber, ----- --- den --------- --- Zwilling ------- ----- war ----- --- ihnen, --- ----- kam. | ------ ----- einer --- --- --------- --- Zwilling ------- ----- --- ----- bei ------ --- ----- ---- | Johannes 20,24 |
25 | Johannes 20,25 | Da sagten ihm die anderen Jünger: Wir haben den Herrn gesehen! Er aber sprach zu ihnen: Wenn ich nicht an seinen Händen das Nägelmal sehe und meinen Finger in das Nägelmal lege und meine Hand in seine Seite lege, so werde ich es niemals glauben! | -- sagten --- --- anderen -------- --- haben --- ----- gesehen! -- ---- sprach -- ------ Wenn --- ----- an ------ ------- das --------- ---- und ------ ------ in --- --------- lege --- ----- Hand -- ----- Seite ----- -- werde --- -- niemals -------- | -- ------ ihm --- ------- -------- --- haben --- ----- -------- -- aber ------ -- ------ ---- ich ----- -- ------ ------- das --------- ---- --- ------ Finger -- --- --------- ---- und ----- ---- -- ----- Seite ----- -- ----- --- es ------- -------- | Johannes 20,25 |
26 | Johannes 20,26 | Und nach acht Tagen waren seine Jünger wiederum drinnen, und Thomas war bei ihnen. Da kommt Jesus, als die Türen verschlossen waren, und tritt in ihre Mitte und spricht: Friede sei mit euch! | --- nach ---- ----- waren ----- ------- wiederum -------- --- Thomas --- --- ihnen. -- ----- Jesus, --- --- Türen ------------ ------ und ----- -- ihre ----- --- spricht: ------ --- mit ----- | --- ---- acht ----- ----- ----- ------- wiederum -------- --- ------ --- bei ------ -- ----- ------ als --- ------ ------------ ------ und ----- -- ---- ----- und -------- ------ --- --- euch! | Johannes 20,26 |
27 | Johannes 20,27 | Dann spricht er zu Thomas: Reiche deinen Finger her und sieh meine Hände, und reiche deine Hand her und lege sie in meine Seite, und sei nicht ungläubig, sondern gläubig! | ---- spricht -- -- Thomas: ------ ------ Finger --- --- sieh ----- ------- und ------ ----- Hand --- --- lege --- -- meine ------ --- sei ----- ----------- sondern --------- | ---- ------- er -- ------- ------ ------ Finger --- --- ---- ----- Hände, --- ------ ----- ---- her --- ---- --- -- meine ------ --- --- ----- ungläubig, ------- --------- | Johannes 20,27 |
28 | Johannes 20,28 | Und Thomas antwortete und sprach zu ihm: Mein Herr und mein Gott! | --- Thomas ---------- --- sprach -- ---- Mein ---- --- mein ----- | --- ------ antwortete --- ------ -- ---- Mein ---- --- ---- ----- | Johannes 20,28 |
29 | Johannes 20,29 | Jesus spricht zu ihm: Thomas, du glaubst, weil du mich gesehen hast; glückselig sind, die nicht sehen und doch glauben! | ----- spricht -- ---- Thomas, -- -------- weil -- ---- gesehen ----- ----------- sind, --- ----- sehen --- ---- glauben! | ----- ------- zu ---- ------- -- -------- weil -- ---- ------- ----- glückselig ----- --- ----- ----- und ---- -------- | Johannes 20,29 |
30 | Johannes 20,30 | Noch viele andere Zeichen tat Jesus nun vor seinen Jüngern, die in diesem Buch nicht geschrieben sind. | ---- viele ------ ------- tat ----- --- vor ------ --------- die -- ------ Buch ----- ----------- sind. | ---- ----- andere ------- --- ----- --- vor ------ --------- --- -- diesem ---- ----- ----------- ----- | Johannes 20,30 |
31 | Johannes 20,31 | Diese aber sind geschrieben, damit ihr glaubt, dass Jesus der Christus, der Sohn Gottes ist, und damit ihr durch den Glauben Leben habt in seinem Namen. | ----- aber ---- ------------ damit --- ------- dass ----- --- Christus, --- ---- Gottes ---- --- damit --- ----- den ------- ----- habt -- ------ Namen. | ----- ---- sind ------------ ----- --- ------- dass ----- --- --------- --- Sohn ------ ---- --- ----- ihr ----- --- ------- ----- habt -- ------ ------ | Johannes 20,31 |